अमरावती

आष्टीकर के राज में मनपा को होगी प्रतिमाह साढे चार लाख रूपयोें की बचत

पदाधिकारियोें के वाहन, मोबाईल व चाय-पानी पर नहीं करना पडेगा खर्च

* महापौर व उपमहापौर सहित सभी पदाधिकारियों के कक्ष होंगे बंद
* वाहनों के साथ ही मोबाईल सीमकार्ड भी जमा कराने होंगे
अमरावती/दि.5– आगामी 8 मार्च से अमरावती महानगर पालिका में प्रशासक राज शुरू होगा. जिसके चलते महानगरपालिका में महापौर व उपमहापौर सहित अन्य सभी पदाधिकारियों के कक्ष बंद हो जायेंगे और इन सभी के मानधन सहित वाहनों के इंधन, मोबाईल व चाय-पानी पर प्रतिमाह होनेवाले साढे चार लाख रूपयों के खर्च की बचत भी होगी. इन सभी पदाधिकारियों को मनपा की ओर से दिये गये वाहन व सीमकार्ड भी 8 मार्च को मनपा के पास वापिस जमा करा लिया जायेगा.
बता दें कि, वर्ष 2017 में हुए मनपा के आमचुनाव पश्चात 8 मार्च 2017 को तत्कालीन नवनिर्वाचित पार्षदों की पहली आमसभा बुलाते हुए महापौर का चयन किया गया था. ऐसे में ठीक पांच वर्ष पश्चात 8 मार्च 2022 को मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. इससे पहले मनपा के आम चुनाव कराया जाना अपेक्षित था. किंतु कोविड संक्रमण सहित अन्य कुछ कारणों के चलते चुनाव नहीं कराये जा सके और संभवत: अप्रैल माह के अंत या मई माह के प्रारंभ में मनपा के आम चुनाव करवाये जायेंगे. ऐसे में 8 मार्च से आगामी सदन गठित होने तक मनपा में प्रशासक राज रहेगा. साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रशासक के तौर पर मनपा आयुक्त की नियुक्ति करते हुए उन्हेें मनपा के कामकाज संबंधी सभी अधिकार सौंपे जाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में 8 मार्च से मनपा के सारे सूत्र प्रशासक प्रवीण आष्टीकर के पास चले जायेंगे. इसके साथ ही महापौर, उपमहापौर, पक्ष नेता, स्थायी सभापति, विरोधी पक्ष नेता, पांचों झोन के सभापति, बसपा गुट नेता, शिवसेना गुट नेता, एमआईएम गुट नेता तथा चारों विषय समितियों के सभापतियों के कक्ष 9 मार्च से बंद हो जायेंगे.
बता दें कि, मनपा पदाधिकारियों के पास रहनेवाले प्रत्येक निजी स्वीय सहायक के वेतन पर प्रतिमाह 7 हजार 200 रूपये का खर्च होता है. इसके साथ ही चारों समितियों के सभापति, पांचों झोन के सभापति एवं पक्ष नेता के वाहनों हेतु प्रति माह 20 हजार 400 रूपये के हिसाब से 10 वाहनों पर प्रतिमाह 2 लाख 40 हजार रूपये का खर्च होता है. इसके अलावा पदाधिकारियों के मोबाईल व चाय-पानी पर भी मनपा की तिजोरी से पैसा खर्च किया जाता है. ऐसे में प्रशासकराज के दौरान प्रतिमाह साढे चार लाख रूपये के खर्च की बचत होगी.
इसके अलावा मनपा में महापौर, उपमहापौर, स्थायी समिती सभापति, पक्ष नेता, विरोधी पक्ष नेता व चारों समितियों के सभापति कक्ष हेतु मनपा के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियुक्त किये गये थे. चूंकि अब 9 मार्च से इन सभी पदाधिकारियों के कक्ष बंद हो जायेंगे. ऐसे में इन कर्मचारियों को मनपा के अन्य विभागों में स्थलांतरित किया जायेगा. इसके अलावा महापौर, उपमहापौर व स्थायी समिती सभापति, पक्ष नेता व नेता प्रतिपक्ष की सेवा में मनपा के वाहन व चालक तैनात है. जिन्हेें 8 मार्च को मनपा द्वारा अपने पास जमा करा लिया जायेगा. इसके साथ ही पांचों झोन के सभापतियों के पास खुद के वाहन है. किंतु उनका इंधन खर्च मनपा प्रशासन द्वारा अदा किया जाता था. अब इस खर्च की भी बचत होगी. वहीं सभी पदाधिकारियों को मनपा द्वारा सीमकार्ड दिये गये थे, जो उन्हें 8 मार्च के पश्चात प्रशासन के पास जमा कराने होंगे. ऐसे में मोबाईल पर होनेवाले खर्च की भी बचत होगी.

* 8 मार्च से बंद हो जायेगा भुमिपूजन का सिलसिला
मनपा के आगामी चुनाव को देखते हुए इस समय सभी मौजूदा पार्षदों द्वारा अपने-अपने वॉर्ड व प्रभाग में विकास कामों का युध्दस्तर पर भुमिपूजन करवाया जा रहा है. चूंकि 8 मार्च को उनके कार्यकाल का आखरी दिन रहेगा. ऐसे में वे 9 मार्च से मनपा पार्षद के तौर पर किसी भी विकास कार्य का भुमिपूजन या शुभारंभ नहीं कर पायेंगे. चूंकि इस समय कार्यकाल खत्म होने में अंतिम तीन-चार दिन बचे हुए है. ऐसे में प्रभागों में मंजूर किये गये कामों का भुमिपूजन फटाफट निपटाने पर जोर दिया जा रहा है और रोजाना हर एक प्रभाग में दो से तीन कामों का भुमिपूजन हो रहा है. यद्यपि यह जल्दबाजी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए है, किंतु कम से कम इसी बहाने प्रभागों में विकास काम गतिमान होते दिखाई दे रहे है.
उल्लेखनीय है कि, 9 मार्च के बाद महानगरपालिका में प्रशासक राज कायम हो जायेगा. इसके बाद किसी प्रभाग में प्रलंबित रह गये काम का भुमिपूजन करवाने की जवाबदारी प्रशासन की रहेगी. किंतु संभवत: ऐसी नौबत ही नहीं आयेगी. क्योेंकि अधिकांश विकास कामों का भुमिपूजन व लोकार्पण मौजूदा पार्षदों द्वारा ही करवा लिया गया है.

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