टिपेश्वर अभ्यारण्य में बाघ के गले में फंसा शिकारी का फंदा
घायल अवस्था में भटक रहा है
* अमरावती के बचाव दल व्दारा की जा रही है खोज
अमरावती/ दि.26– तहसील के टिपेश्वर अभ्यारण्य में वन्य प्राणी वन्य प्राणियों का शिकार करने के उद्देश्य से लगाए गए तार के जाल में एक बाघ फंसा, मगर बाघ ने जाल तोडकर भागने में सफलता पायी. इस संघर्ष में बाघ के गले में जाल का तार फंस गया, जिससे वह घायल हो गया है. गले में फंसा तार लेकर ही घायल अवस्था में बाघ भटक रहा है. अमरावती का बचाव दल उसकी खोज में जुटा हुआ है.
इस घायल बाघ के गले का तार निकालने के लिए अमरावती का बचाव दल पिछले आठ दिनों से अभ्यारण्य की खाक छान रहा है. टिपेश्वर अभ्यारण्य के वन्य प्राणियों का हमेशा शिकार किया जाता है. प्रशासन की लापरवाही के चलते शिकार की घटना होती है. वन्य प्राणियों की शिकार कर उसे खाने की संख्या लगातार बढ रही है. पिछले हफ्ते एक पर्यटक को अभ्यारण्य के बाघ के गले में तार फंसा हुआ दिखाई दिया, इसकी जानकारी टिपेश्वर के अधिकारी को दी गई. अभ्यारण्य में लगाए गए ट्रैप कैमरे में बाघ के गले में तार फंसा हुआ दिखाई दे रहा है. टिपेश्वर के पाटनबोरी रेंज के एदलापुर व पिलखान बीट में यह बाघ घायल दिखाई दिया. उसका आवागमन भी इसी दो बीट में है, परंतु अब तक बचाव दल के हाथ नहीं लग पाया है.
टिपेश्वर अभ्यारण्य के समीप खेत परिसर में वन्य प्राणियों के शिकार के लिए जाल लगाए जाते है. ऐसे में एक तार के जाल में वह बाघ फंस गया. इसकी जानकारी मिलते ही अभ्यारण्य के अधिकारियों ने हलचल शुुरु की. 17 मार्च 2019 को गले में फंसे टी-4 इस घायल बाघिन को बेहोश करने के लिए ट्रैक्यूलाइझ गन व्दारा डॉट मारा गया था. परंतु बेहोश होने के पहले ही उसे पकडने का प्रयास किया था. उस बाघिन ने अश्विन बाकमवार व इरफान शेख दोनों मजदूरों पर हमला किया था. उस समय उन्हें बचाने के चक्कर में बाघिन की मौत होने की बात बताई गई. राजनीतिक दबाव के कारण इसकी जांच भी ठंडे बस्ते में है.