अमरावती

पूरे गांव अंधेरा में, खुलेआम घुम रहे वन्य प्राणी

सौर उर्जा की बिजली आपूर्ति बंद

* अतिदुर्गम रंगुबेली गांव की सच्चाई
धारणी/दि.24 – पूरे देश भर में 2022 में देश के स्वतंत्रता का 75 वां अमृत महोत्सव मनाया गया. परंतु उस अमृत महोत्सव में मेलघाट के अतिदुर्गम क्षेत्र स्थित रंगुबेली गांव समेत और 5 गांव अपवाद साबित हुए. वे 6 गांव में आजादी के बाद भी अब तक बिजली नहीं पहुंची. वर्ष 2019 मेें सौभाग्य योजना अंतर्गत पूरे गांव में सौर उर्जा पर बिजली निर्माण की गई. वह वितरण व्यवस्था पिछले 2 वर्षों से गिनती के घरों में प्रकाश दे रहे है. जिसके कारण पूरे गांव में अंधेरा छाया रहता है. ऐसे में वन्य प्राणी खुलेआम गांव में घूम रहे है. इन गांव की यह सच्चाई है.
रंगुबेली, बुलुमगव्हाण, 54 समेत 6 गांव तक बिजली नहीं पहुंची. वर्ष 2019 में रंगुबेली गांव में केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय द्बारा चलाए जाने वाले सौभाग्य योजना में 113 गांव में सौर उर्जा पर बिजली आपूर्ति का काम महाराष्ट्र उर्जा विकास अधीकरण के माध्यम से किया गया. वह काम 100 प्रतिशत पूरा होकर सभी घरों को सौर उर्जा की बिजली आपूर्ति करने का 20 दिसंबर 2019 को बडे ही जोरशोर के साथ काम पूरा हुआ. इसके बाद करीब 1 वर्ष में गांव की सौर उर्जा बिजली आपूर्ति बंद होते चली गई. कोरोना काल में गांव की 90 प्रतिशत बिजली आपूर्ति बंद हुई. अब चौक के बडे सौर उर्जा के पथदीये बंद पडे है. गांव टायगर प्रोजेक्ट के कोअर परिसर में बसे है. वहां शेर, भालू जैसे हिंसक प्राणी जंगल से गांव में आते जाते रहते है. गांव में रोशनी न होने के कारण कभी भी वन्य प्राणियों द्बारा घातक घटनाएं होने की संभावनाएं है. बिजली, पानी, रास्ता यह मूलभूत सुविधा पहुंचाने के लिए उपविभागीय अधिकारी, जिलाधिकारी को विशेष ध्यान जरुरत है, ऐसी मांग गांववासियों द्बारा की जा रही है.

* तीनों हैंडपंप खराब पडे
गांव में पीने व उपयोग के लिए तापी नदी से पानी लाना पडता है. पानी की सुविधा के लिए एक कुआ था. उस कुएं को भी 10 से 15 फीट उंचा करके रखा गया. जिससे पानी निकालना संभव नहीं है. इसके अलावा गांव में तीन हैंडपंप खोदकर रखे है. वे तीनों हैंडपंप पिछले 1-2 वर्षों से बंद पडे है. परंतु अब तक हैंडपंप की मरम्मत करने के लिए कोई भी नहीं पहुंचा. इस समस्या से भी गांववासी जुझ रहे है.

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