अमरावती

इस दीपावली में संकल्प ले कि एक गरीब व्यक्ति को न्याय दिलाने में सहायता करेंगे

न्यायाधीश अनिल किलोर का प्रतिपादन

जिला सत्र न्यायालय में दीपोत्सव समारोह
अमरावती दि. 21 –इस दिपावली में संकल्प ले कि एक गरीब व्यक्ति को न्याय दिलाने में सहायता करेंगे, ऐसा प्रतिपादन मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनिल किलोर ने व्यक्त किया. वे जिला वकील संघ, वकील मित्र परिवार तथा दीपोत्सव समिति द्बारा गुरूवार को आयोजित दीपोत्सव समारोह में बोल रहे थे. न्यायमूर्ति किलोर ने आगे कहा कि दिपावली रोशनी का त्यौहार है. जिसमें हम जीवन का अंधकार दूर कर प्रकाश की ओर मार्गक्रमण करते है. दिपावली पर्व को नये साल के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर मुंबई उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अनिल पानसरे, जिला व सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वी.पी. पाटकर, डी.जी.पी. एंड परिक्षित गणोरकर, जिला वकील संघ के अध्यक्ष एड. शोएब खान, सचिव एड. मुकेश देशमुख उपस्थित थे.
न्यायमूर्ति अनिल किलोर ने कहा कि सभी सरकारी वकील व अन्य वकीलों को यह संकल्प देना चाहिए कि वे अपने सालभर के टार्गेट को पूर्ण करने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों के प्रलंबित केसेस को निपटाने में सहायता करेंगे. अगर यह संकल्पना साकार होती है तो आनेवाले समय में न्यायालय में प्रलंबित केसेस की संख्या कम होगी. साथ ही सालों से प्रतीक्षाधीन पक्षकारों को भी राहत मिलेगी. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में इतनी सुंदर तरीके से दिवाली मनाते हुए पहली बार देखा. आज में अपनों के साथ त्यौहार का आनंद ले रहा हूॅ. इसकी अधिक खुशी है. न्यायमूर्ति अनिल पानसरे के कार्यकाल में इस उपक्रम की शुरूआत हुई थी. आज उनकी उपस्थिति में कोरोना के बाद उपक्रम की दोबारा शुरूआत हो रही है.
न्यायमूर्ति किलोर ने एंड प्रशांत देशपांडे को ध्येयपूर्ति के लिए कडी मेहनत करनेवाले व्यक्ति के रूप में संबोधित किया. साथ ही अमरावती वासियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जहां भी जाते है, अपनी छाप छोड जाते है. अपने अस्तित्व का एहसास करवाने में माहिर होते है. यह कहते हुए सभी को दीपावली की बधाई दी और साथ ही जिला वकील संघ के अध्यक्ष एड. शोएब खान को जिला व सत्र न्यायालय परिसर में एक लायब्रेरी विकसित करने तथा उसके लिए आवश्यक सहायता करने का आश्वासन भी दिया. दीपोत्सव समारोह के दौरान सभी मान्यवरों ने करीब ढाई फिट का दिया जलाकर दीपोत्सव की शुरूआत की. इस अवसर पर 1 हजार 111 दीप जलाए गये और जमकर आतिशबाजी की गई. दीपोत्सव समारोह की प्रस्तावना एड. प्रशांत देशपांडे ने रखी तथा संचालन एड. चंद्रशेखर डोरले ने किया व आभार सचिव एड. मुकेश देशमुख ने माना.

* अमरावती की मिट्टी से पुराना नाता
मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनिल पानसरे ने कहा कि मेरा अमरावती की मिट्टी से पुराना नाता है. जब भी इस मिट्टी पर कदम रखता हूॅ तो अलग ही अनुभूति का अहसास होता है. अमरावती के जिला व सत्र न्यायालय में काम करने की सालो से इच्छा थी जो 2017 में पूर्ण हुई. इसके पूर्व जब न्यायालय की नई इमारत की नींव रखी गई थी तब ही मैं अमरावती में कार्यरत था और जब इस इमारत का अनावरण हुआ तब भी मैं अमरावती में ही कार्यरत था. इस कारण अमरावती की भूमि से मेरा पुराना रिश्ता है. दीपोत्सव के कार्यक्रम के माध्यम से मुझे फिर एक बार अमरावती में आने का मौका मिला. इसकी मुझे बेहद खुशी हो रही है, ऐसा कहकर उन्होंने सभी को दिपावली की शुभकामना दी.

* दीपावली रोशनी का त्यौहार
जिला सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वी.पी. पाटनकर ने दीपोत्सव समारोह के दौरान कहा कि दीपावली यह रोशनी का त्यौहार है. उसी प्रकार हंसी खुशी के माहौल में आनेवाले समय में न्यायालयीन कामकाज पूर्ण होगा जिसमें सभी का सहयोग प्राप्त होगा. यह अपेक्षा व्यक्त करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि जिस प्रकार न्यायमूर्ति अनिल पानसरे जो होगा वह करके दिखाते है और जो नहीं हो सकता है उसके लिए ना कहते है. उसी प्रकार हम कार्य करेंगे. जो नहीं हो पायेगा उसे सकारात्मक रूप से करने का प्रयास करेंगे, ऐसा उन्होंने विश्वास जताया

* डीजीपी परीक्षित गणोरकर ने दी शुभकामना
जिला सत्र न्यायालय में आयोजित दीपोत्सव समारोह में उपस्थित डीजीपी परीक्षित गणोरकर ने सभी उपस्थितों को दीपावली की शुभकामना देते हुए कहा कि न्यायसेवा का कार्य करते हुए हमें अन्याय को दूर करने का कार्य निरंतर करते रहना चाहिए. जिला सत्र न्यायालय यह न्यायदान का कार्य करता है. लेकिन यहां काम करनेवाला यह व्यक्ति हर व्यक्ति विविध जाति धर्म पंथ से जुडा है. विविधता को एकता बनाकर यह परिवार हर तीज त्यौहार को भाईचारे के साथ मनाता है. यही इस परिवार की एकता की शक्ति होने की बात उन्होंने कही.

* परिसर में 1 हजार 111 दीप जलें.
जिला व सत्र न्यायालय परिसर में आयोजित दीपोत्सव समारोह में एड. प्रशांत देशपांडे तथा एड. शोएब खान की संकल्पना से हर साल की तरह इस साल भी 1 हजार 111 दीप जलाये गये. पिछले 10 से 12 सालों से आयोजित इस उपक्रम को आयोजको द्बारा धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल भी इस उपकम में सहभागी सभी मान्यवरों ने करीब ढाई फिट का भव्य मिट्टी का दिया जलाकर दीपोत्सव की शुरूआत की गई और जमकर आतिशबाजी की गई. इस नजारे को देखने के लिए परिसर में सैकडों की तादाद में न्यायमूर्ति, वकील तथा उनके परिजन उपस्थित थे.

* डॉ. रवि भूषण को किया सम्मानित
कोरोना महामारी में सुपरस्पेशालिटी अस्पताल में 24 घंटे सेवा देनेवाले तथा कोरोना योध्दाओं का नेतृत्व करनेवाले डॉ. रवि भूषण को उनकी नि:स्वार्थ सेवा के लिए जिला वकील संघ की ओर से अमरावती भूषण पुरस्कार से मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल किलोर, अनिल पानसरे, जिला व सत्र न्यायालय के वी. पी. पाटनकर के हाथों शाल श्रीफल व स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया.

* परिवार की तरह मनाते है हर त्यौहार
जिला सत्र न्यायालय में हर धार्मिक व राष्ट्रीय त्यौहार परिवार की तरह मनाए जाते है. साल 2012 से दीपोत्सव मनाने की शुरूआत एड. प्रशांत देशपांडे की संकल्पना द्बारा की गई थी. पिछले दो साल कोरोना महामारी के पश्चात इस साल दीपोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया. जिसमें 1 हजार 111 दीप जलाकर जमकर आतिशबाजी की गई.
एड. शोएब खान, अध्यक्ष जिला वकील संघ

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