श्री शिवाजी उद्यानविद्या महाविद्यालय के प्रवेश द्बार का उद्घाटन
कृषि क्षेत्र में उद्यानविद्या के तज्ञ तैयार हो-हर्षवर्धन देशमुख
अमरावती/दि.5 – कोरोना महामारी के काल में सभी उद्योग बंद थे. लेकिन केवल कृषि उद्योग यह एकमात्र उद्योग अविरत शुरु था. जिस ने समूचे विश्व का पेट भरने का ख्याल रखा. जिससे कृषि क्षेत्र का महत्व सबसे ध्यान में आया है. इसी कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण घटक उद्यानविद्या है और इस क्षेत्र में तज्ञ मनुष्यबल निर्माण करने की जिम्मेदारी शिवाजी शिक्षा संस्था, उद्यानविद्या महाविद्यालय समर्थ रुप से निभा रहा है. विगत 5 वर्ष के कार्यकाल में मैंने व शिवाजी शिक्षा संस्था की कार्यकारिणी ने संस्था अंतर्गत प्राथमिक से पदवी शिक्षा देने वाले महाविद्यालयों में आवश्यक तथा मूलभूत सुविधाएं निर्माण करने का प्रयास किया है. जिस कारण आज सभी स्कूल, महाविद्यालय से दर्जेदार शिक्षा की गंगा प्रवाहित है. ऐसा प्रतिपादन शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष तथा पूर्व कृषि मंत्री हर्षवर्धन देशमुख ने किया.
आझादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत शिवाजी उद्यानविद्या महाविद्यालय के नवनिर्मित प्रवेश द्बार का उद्घाटन हर्षवर्धन देशमुख के हस्ते किया गया. कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष संस्था के ज्येष्ठ उपाध्यक्ष तथा पूर्व विधायक नरेशचंद्र ठाकरे, गजानन पुंडकर, उपाध्यक्ष दिलिपबाबू इंगोले, कार्यकारिणी सदस्य हेमंत कालमेघ, स्विकृत सदस्य प्राचार्य डॉ. अमोल महल्ले आदि उपस्थित थे. शिक्षा महर्षी कृषिरत्न डॉ. पंजाबराव देशमुख की प्रतिमा का पूजन व हारार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शशांक देशमुख ने सभी का गुलाब व पुष्प देकर स्वागत किया. कार्यक्रम में संस्था के आजीवन सदस्य सुधाकर जुनघरे, प्रभाकर फुसे, वैद्यकीय शिक्षा संचालक डॉ. पद्माकर सोमवंशी, प्राचार्य डॉ. नंदकिशोर चिखले, प्राचार्य डॉ. रामेश्वर भिसे, प्राचार्य चोरे, प्राचार्या दिपाली भारसाकले, प्राचार्य वैशाली गुल्हाणे, प्राचार्य अरुण गावंडे, नंदकुमार जगताप, माधव ढोरे, श्री शिवाजी उद्यानविद्या महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी व छात्र बडी संख्या में उपस्थित थे.