पुणे/दि.27– राज्य में किटजन्य बीमारियों का प्रादुर्भाव बढा है. इस साल डेंगू की वजह से 26 लोगों की मौत हुई है. वहीं मलेरियां के कारण 20 लोगों ने अपनी जान गवाई है. राज्य में मलेरिया और डेंगू के सर्वाधिक मरीज मुंबई महापालिका क्षेत्र अंतर्गत पाए गए और डेंगू से सर्वाधिक मौतें मुंबई में और मलेरिया से सर्वाधिक मौत गडचिरोली में हुई है. राज्य में 21 नवंबर तक मलेरिया के 18 हजार 477 मरीज पाए गए. जिसमें 20 मरीजों की मौत हुई.
पिछले साल मलेरिया के 16 हजार 559 मरीज पाए गए थे और 19 मरीजों की मौत हुई थी. पिछले साल की तुलना में मरीजों की संख्या में वृध्दी हुई है. राज्य में डेंगू के कुल 18 हजार 156 मरीज पाए गए. जिसमें से 26 की मौत हुई. पिछले साल डेंगू के 19 हजार 34 मरीज पाए गए थे. जिसमें 55 की मौत हुई. पिछले साल की तुलना में मरीजों की तुलना में कोई खास बदलाव नहीं हुआ फिर भी मरीजों की मृत्युदर घटी है. ऐसी जानकारी स्वास्थ सहसंचालिका डॉ. बबीता कमलापुरकर ने दी.
राज्य में मलेरिया के सर्वाधिक 7 हजार 43 मरीज मुंबई महापालिका क्षेत्र में दर्ज किए गए. वहीं गडचिरोली जिले में 6 हजार 235, पलनवेल महापालिका 867, ठाणे महापालिका 688, चंद्रपुर जिला 503 और रायगढ 467 मलेरिया के मरीजों की संख्या है. मलेरिया से सर्वाधिक 11 मौत गडचिरोली में तथा मुंबई में 5 मौत हुई है. डेंगू केसर्वाधिक 5 हजार 435 मरीज मुंबई में पाए गए. जिसमें 5 मरीजों की मौत दर्ज की गई है. ऐसा डॉ. कमलापुरकर ने कहा.
किटजन्य बीमारियों का खतरा
मलेरिया के मरीज- 18,477
मलेरिया से मृत्यू- 20
डेंगू मरीज – 18,156
डेंगू मृत्यू- 26
चिकनगुनिया- 5,36-
चिकनगुनिया- 0
चिकुनगुनिया के मरीजों की संख्या में वृध्दी
चिकनगुनिया मरीजों की संख्या में वृध्दी हुई है. चिकनगुनिया के पिछले साल राज्य में 1 हजार 702 मरीज पाए गए थे. इस साल 21 नवंबर तक चिकनगुनिया के 5 हजार 360 मरीजों की संख्या दर्ज की गई है. इस प्रकार से तीनपट से अधिक चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या सामने आयी है. वहीं चिकनगुनिया से हुई मौत स्वास्थ विभाग के पास दर्ज नहीं है.