* महिला सुरक्षा पर विविध विभागों की कार्यशाला
अमरावती/दि.29- प्रदेश में उजागर होती स्त्री अत्याचार की घटनाओं की संख्या लगातार बढने से शासन और प्रशासन हरकत में आया है. शाला, महाविद्यालयों में ऐसी दुखद घटनाएं रोकने के लिए आज पुलिस, राजस्व प्रशासन और शिक्षा महकमा ने मिलकर जिलाधीश कार्यालय के नियोजन भवन में कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें कलेक्टर सौरभ कटियार ने सभी विभागों से समन्वय रखकर महिला अत्याचार की घटनाओं पर अंकुश लगाने का आवाहन किया. कलेक्टर ने कहा कि घटनाएं छिपाई तो उस संस्था या व्यक्ति की खैर नहीं. उसी प्रकार कलेक्टर ने छात्राओं और महिला वर्ग से भी आवाहन किया कि वे खबरदार रहे. उपलब्ध साधनों का उपयोग करें. कोई गलत बात करता है तो अपने अध्यापक या सहपाठी से संवाद करें. बिल्कुल न घबराए. कोई भी दोषी छुटेगा नहीं.
इस समय मंच पर सीपी नवीनचंद्र रेड्डी, शिक्षा उपसंचालक डॉ. सुबोध भांडारकर, मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे, शिक्षा अधिकारी प्रिया देशमुख, बुध्द भूषण सोनोने, प्रकाश मेश्राम, एसपी ग्रामीण विशाल आनंद, डीसीपी गणेश शिंदे, सागर पाटील, कल्पना बारवकर, आरटीओ उर्मिला पवार और अन्य अफसरान मौजूद थे. सभी ने महिला अत्याचार की दुखद घटनाएं रोकने अपने अपने विचार व्यक्त किए. इस समय पुलिस आयुक्तालय की ओर से हिंसाचार के दलदल से महिलाओं को बाहर निकालने ‘पोलिसांचा सल्ला’ पुस्तिका का विमोचन किया गया.
स्कूल बस के नियमों का पालन
आरटीओ उर्मिला पवार ने शाला और संस्थाओं से स्कूल बस संबंधी नियमों का कडाई से पालन करने का आवाहन किया. उन्होंने कहा कि शालाएं स्कूल बस से अनुबंध नहीं करती. जबकि नियमानुसार यह अनिवार्य है. प्रत्येक तीन माह में शाला परिवहन समिती की बैठक होनी चाहिए. स्कूल बस के चालक से लेकर अन्य सभी का ब्यौरा अपडेट किया जाना चाहिए. बस चालक, परिचालक के कैरेक्टर की भी पडताल होनी चाहिए. पवार ने कहा कि जहां जरुरत हो आरटीओ को शालाएं कॉलेजेस बुला सकती है. हम आने के लिए तैयार है. उन्होंने सभी बातों का रिकॉर्ड रखने का मशविरा दिया.
सभी आएं साथ, कम होंगे अपराध
एसपी विशाल आनंद ने कहा कि अपराधों की रोकथाम निश्चित ही पुलिस की जिम्मेदारी है. लेकिन एक जागृत नागरिक के रुप में भी कुछ दायित्व निभाए जा सकते हैं. घटनाएं निंदनीय है. उन पर अंकुश आवश्यक है. लेकिन यह अंकुश तभी लग पाएगा जब हम सभी विद्यार्थी पालक, नागरिक, अध्यापक सभी तालमेल रखकर काम करें.
बच्चों से करें संवाद
निगमायुक्त सचिन कलंत्रे ने कहा कि देखा जाए तो सामाजिक रुप से ऐसे वाक्यात रोकना हम सभी का कर्तव्य है. इसके लिए पालक, विद्यार्थियों का अध्यापकों के साथ नियमित संवाद आवश्यक है. बच्चों से बात करेंगे तो वे अपनी कोई परेशानी बताएंगे. इसी से इस प्रकार की समस्या का हल निकलेगा. बच्चों को यह जरूर विश्वास दिलाए की हम उनके साथ है, वे डरे नहीं. ऐसी कोई बात होने पर निसंकोच बताए.
गांवों में जागरुकता आवश्यक
जिला परिषद की सीईओ संचीता मोहपात्रा ने कहा कि शहरों की तुलना में देहातों के लोगों को मालूमात कम होती है. ऐसे में प्रधानचार्य और अध्यापकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों के साथ साथ उनके पालको ंको भी जागरुक करें, समझाए. सीसीटीवी और अन्य प्रबंधन के साथ आपसी तालमेल रखने पर ही बेहतर नतीजे मिलेगे. बच्चो और माता पिता से संवाद आवश्यक रहने पर मोहपात्रा ने बल दिया.
पुलिस लगातार कर रही जागृति
सीपी नवीनचंद्र रेड्डी ने कहा कि महिला अत्याचार रोकने के वास्ते उनका महकमा लगातार जनजागृति पर जोर दे रहा है. आज भी महिलाओं को हिंसाचार के दलदल से बाहर निकालने विशेष पुुस्तिका का विमोचन हम करने जा रहे है. जिसमें महिलाओं के अधिकार और कानूनी प्रावधानों के विषय में भी बताया गया है. बच्चों और अभिभावकों में अच्छा संवाद रहना चाहिए. अध्यापक वर्ग को भी इस पर ध्यान देना चाहिए. सीपी रेड्डी ने कहा कि शालाओं में शिकायत पेटी नियमित अंतराल पर खोलकर पुलिस को शिकायतों के बारे में बताने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य और अन्य की है. सीपी रेड्डी के अनुसार पुुलिस दीदी और पुलिस काका उपक्रम से शालाओं में जाकर जागृती का प्रयत्न किया जा रहा है. बडी संख्या में शाला और महाविद्यालयों के प्राचार्य, एचएम, अध्यापक और अधिकारी आज की कार्यशाला में उपस्थित थे.