अमरावती

राज्य के वनपरिक्षेत्र में आगजनी की घटनाएं बढी

आग से पांच हजार हेक्टर वन संपदा नष्ट

अमरावती/प्रतिनिधि दि.७ – राज्य में पिछले तीन महीनों में घटी आग की 1381 घटनाओं में पांच हजार हेक्टर वनसंपदा जलकर नष्ट होने की जानकारी वन विभाग द्बारा दी गई रिपोर्ट में सामने आयी है. जंगल परिसर में साधारणत: फरवरी से अप्रैल में दावानल की घटनाएं घटती है. पिछले कुछ वर्षो से जनवरी महीने में ही दावानल की घटनाएं दर्ज की गई. नैसर्गिक तथा मानवी हस्तक्षेप से लगायी गई आग के कारण वनसंपदा को नुकसान पहुंचता है. साथ ही जंगल में रह रहे वन्य जीवों को भी हानि पहुंचती है.
तेंदूपत्ता संकलन अथवा महुआ फूल चुनने के लिए अनेकों बार जंगल में आग लगायी जाती है. जिसमें जंगल की घास को आग लगने की वजह से आग परिसर में फैल जाती है. पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच 1129 आग की घटनाएं दर्ज की गई थी. जिसमें 3 हजार 56 हेक्टर वनसंपदा नष्ट हुई थी. इस साल आग की 1381 घटनाओ में 5315 हेक्टर वनपरिक्षेत्र का नुकसान हुआ है. सर्वाधिक आगजनी की घटनाएं 187 गडचिरोली जिले के सिरोचा वनक्षेत्र में घटी है. आग में 551 हेक्टर वनसंपदा नष्ट हुई है.
दूसरी ओर नासिक विभाग के पश्चिम वन जीव क्षेत्र में 66 आगजनी की घटनाओं में सर्वाधिक 463 हेक्टर वनसंपदा का नुकसान हुआ है. उसी प्रकार मेलघाट के गुगामल वनपरिक्षेत्र विभाग के पूर्व वन्यजीव परिक्षेत्र में आग की 12 घटनाओं में 117 तथा सिपना वनजीव विभाग के पूर्व वन्यजीव क्षेत्र में 13 घटनाओं में 146 हेक्टर जंगल जलकर नष्ट हुआ है. इसके अलावा तिवसा, ताडोबा, नागपुर, गोंदिया, जलगांव, आलापल्ली, अमरावती, बुलढाणा विभाग में आगजनी की बडी घटनाएं दर्ज की गई है.

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