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जिले में ‘डॉग बाइट’ की बढ रही घटनाएं

रोजाना 52 नागरिक हो रहे शिकार

* रेबीज जानलेवा बीमारी, कोमा में जाने का खतरा
अमरावती/दि.30-जिले में ‘डॉग बाइट’ घटनाएं बढ रही है. जानकारी के अनुसार अप्रैल से अगस्त तक पांच माह में कुत्ते के काटने से 7 हजार 721 नागरिकों का सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ. इन आंकड़ों के मुताबिक हर दिन औसतन 52 लोग ‘डॉग बाइट’ का शिकार हो रहे हैं. रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, जो कुत्ते या बिल्ली के काटने से हो सकती है. इस बीमारी की ओर अनदेखी करने पर संबंधित मरीज के कोमा में जाने का खतरा रहता है. जानलेवा बीमारी रेबीज के बारे में नागरिकों में जागरूकता निर्माण करने के लिए हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है. रेबीज गर्म खून वाले जानवरों जैसे कि, कुत्ते, खरगोश, बंदर और बिल्लियों के काटने से होता है. इस बीमारी में मरीज को पानी से डर लगता है इसलिए इसे जलसंत्रास कहा जाता है. रेबीज एक जानलेवा बीमारी है. लेकिन बीमारी होने से पहले ही टीका देकर इससे बचाव किया जा सकता है. रेबीज यह बीमारी कुत्तो को भी होती है. यह कुत्तों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है. कुत्ते के काटने के बाद इस बीमारी के लक्षण 90 से 175 दिन में दिखने लगते हैं. वर्तमान में जिले में ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी आवारा कुत्तों का आतंक दिखाई देता है. वाहनचालकों पर आवारा कुत्ते हमला करने की अनेक शिकायतें है. तथा इन आवारा कुत्तों के बंदोबस्त के लिए पालिका प्रशासन द्वारा कोई उपाय योजना नहीं की जा रही.
* क्या है रेबीज?
रेबीज एक वायरस है जो जानवरों के काटने से फैलता है. शरीर में प्रवेश करने के बाद यह वायरस सेंट्रल नर्व्हस सिस्टम पर हमला करता है. इससे मरीज के सिर और रीढ की हड्डी में सूजन आ जाती है. लक्षणों में बुखार और शरीर में दर्द, मस्तिष्क और रीढ की हड्डी में सूजन, पानी से डर, मांसपेशियों का धीरे-धीरे कमजोर होना शामिल हैं. इसलिए समय रहते सावधानी बरतना जरूरी है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है.
* 676 नागरिकों को दूसरे जानवरों ने काटा
जिले में कुत्ते के काटने के साथ-साथ बिल्ली, बंदर, चूहे व अन्य वन्य प्राणियों के काटने की घटनाएं हो चुकी हैं. जिले में अप्रैल से अगस्त तक जानवरों के काटने से 676 नागरिकों ने सरकारी अस्पतालों में इलाज कराया गया है.

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