
अंजनगांव बारी/दि.11- यहां के जंगल क्षेत्र परिसर में जंगलतोड़ी का प्रमाण बढ़ने से इसका प्रतिकुल असर पर्यावरण पर हो रहा है. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को लकड़ियां तोड़ने पर निगरानी रखना आवश्यक है. वहीं इस परिसर में विविध भटक्या जमाति का वास्तव्य होने से उनकी भेड़-बकरियों से नये से लगाये गए पौधों की सुरक्षा करना भी जरुरी है. यहां का संपूर्ण कारभार एक सेवानिवृत्त वन मजदूर द्वारा देखा जा रहा है. यहां के नागरिकों ने अब तक नये वनरक्षक को नहीं देखने की जानकारी है. जिसके चलते वनरक्षक दिखाये व हजार रुपए पाये ऐसी प्रतिक्रिया नागरिकों द्वारा व्यक्त की जा रही है.
अंजनगांव बारी परिसर के टिमटाला भाग में खोेदे गए शासकीय तालाब के कारण वनविभाग द्वारा उस भाग के आवश्यक लकड़ियां काटी व संपूर्ण लड़कियों का संचयन कोेंडेश्वर रोड के पास जंगल में जमा किया. लेकिन जमा किेए गए लकड़े दिनों दिन कम होते दिखाई दे रहे हैं. जिससे शासन को लाखों की चपत बैठ रही है. रात के समय गश्त लगाने वाले वनविभाग के गार्ड इन लकड़ियों का उपयोग अलाव के लिए करने की जानकारी है. वहीं कई लोग दिन में भी लकड़ियां ले जाते नजर आते हैं. इन सभी बातों पर ध्यान देने के लिए विनविभाग द्वारा यहां पर शासकीय हेडक्वार्टर की सुविधा उपलब्ध करवाई, लेकिन संबंधित अधिकारी आज तक इस हेड क्वार्टर में नहीं आने की जानकारी है. संंबंधित वरिष्ठ अधिकारी को इस बारे में जांच कर आवश्यक निर्णय लेना जरुरी है. इसके लिए एक जिम्मेदार व दक्ष वन अधिकारी की आवश्यकता होने की बात परिसर के नागरिकों द्वारा कही जा रही है.