वाणिज्य शाखा के पाठयक्रम में सभी भाषाओं का समावेश करें
सभी भाषा प्राध्यापकों का विद्यापीठ को निवेदन
अमरावती/ दि.10– नई शैक्षणिक नीति के अनुसार संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के वाणिज्य पाठयक्रम के पुनर्रचना में मराठी व अंग्रेजी सहित सभी भाषाओं को अलग किए जाने से भाषा में तीव्र असंतोष निर्माण हुआ है यह जानबूझकर कृति का निषेध दर्ज कर मराठी व अंग्रेजी सहित सभी भाषाओं का पाठ्यक्रम में फिर से समावेश किया जाए, ऐसा निवेदन सभी भाषा प्राध्यापकों ने विद्यापीठ के प्र- कुलगुरू प्रो. डॉ. प्रसाद वाडेगावकर ने दिया है.
इस अवसर पर पूर्व अधिष्ठाता प्रा. डॉ. मनोज तायडे, मराठी प्राध्यापक परिषद के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. पवन मांडवकर, मराठी अभ्यास मंडल के अध्यक्ष डॉ. काशीनाथ बर्हाटे, विज्ञान भाषा अभ्यास मंडल के अध्यक्षा डॉ. मंगेश अडगोकर, पूर्व सीनेट व व्यवस्थापन परिषद सदस्य डॉ. प्रफुल गवई, वाणिज्य भाषा अभ्यास मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. श्रीकृष्ण काकडे, हिन्दी भाषा अभ्यास मंडल की अध्यक्षा डॉ. संगीता जगताप, मराठी व वाणिज्य भाषा अभ्यास मंडल के के पूर्व अध्यक्षा डॉ. ममताताई इंगोले, डॉ. राय, डॉ. ताराचंद कंठाले व विविध महाविद्यालय से आए भाषा प्राध्यापक बडी संख्या में उपस्थित थे.
निवेदन देने से पूर्व डॉ. मनोज तायडे, डॉ. पवन मांडवकर, डॉ. काशीनाथ बर्हाटे, डॉ. ममताताई इंगाले, डॉ. मंगेश अडगोकर, डॉ. प्रफुल्ल गवई, डॉ. श्री कृष्ण काकडे, डॉ. संगीता जगताप, डॉ. राय, डॉ. ताराचंद कंठाले इन सभी सदस्यों ने भाषा की वाणिज्य शाखा में क्या आवश्यकता इस पर प्रकाश डालकर अपने मत व्यक्त किए.
भाषा में बडे प्रमाण में भाषाप्रेमी में नाराजी निर्माण होने से 10 जनवरी की सभा में अब क्या निर्णय होगा, इस ओर सबका ध्यान लगा है.