* रुपेश वालके ने सरकार से की मांग
मोर्शी/दि.12–बजट में किसानों के लिए कई फैसले किये गये हैं. इसमें किसानों को एक रुपये में फसल बीमा देने का फैसला भी शामिल है. बजट में एक रुपये में फसल बीमा देने का निर्णय लिया गया, लेकिन इससे संतरा किसानों को किसी भी तरह का लाभ नहीं होगा, इसलिए यह विदर्भ के संतरा किसानों के साथ अन्याय होगा. एक रुपए में बीमा इस योजना में मौसम पर आधारित फल फसल बीमा का समावेश कर संतरा-मोसंबी उत्पादक किसानों को राहत देने की मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस के तहसील उपाध्यक्ष रुपेश वालके ने सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार व देवेंद्र फडणवीस तथा क्षि मंत्री धनंजय मुंडे से ज्ञापन द्वारा की है. राज्य सरकार ने मार्च 2023 में राज्य का बजट 2023-24 पेश किया. इस बजट में सत्ता में आई शिंदे-फडणवीस सरकार ने खेतिहर मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों, महिलाओं, छात्रों के लिए कई फैसले लिए, लेकिन विदर्भ में हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फल उगाने वाले किसानों के लिए फल फसल बीमा की राशि में बढोतरी होने से मौसम आधारित फल फसल बीमा योजना को प्रतिसाद नहीं मिलता, जिसके कारण संतरे का उत्पादन करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है.
रूपेश वाल्के ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि बजट मुख्य रूप से कृषि पर केंद्रित था, लेकिन विदर्भ के हजारों हेक्टेयर में संतरे उगाने वाले किसान एक रुपए में बीमा इस योजना से वंचित रह गए.
दरअसल, एक रुपये वाली फसल बीमा योजना के तहत अब किसानों की फसल बीमा की किश्तों का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा. लेकिन यह बताया गया है कि यह एक रुपये की फसल बीमा योजना केवल खरीफ और रबी फसलों के लिए लागू होगी. चूंकि यह योजना मौसम आधारित फलों की फसल के लिए लागू नहीं होगी, इसलिए संतरा मोसंबी उत्पादकों के साथ अन्याय हुआ है. किसानों को यह उम्मीद थी कि यह योजना खरीफ रबी सीजन और फलदार फसलों के लिए लागू होगी. हालांकि, सरकार के इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि सरकार किसानों को केवल खरीफ और रबी सीजन की फसलों के बीमा का हिस्सा देगी. फलों की फसलों के लिए फसल बीमा में किसान का हिस्सा खरीफ और रबी सीजन की फसलों की तुलना में अधिक है. इसलिए, राज्य सरकार केवल खरीफ और रबी सीजन की फसलों के लिए फसल बीमा का हिस्सा भुगतान करती है. जिसके कारण विदर्भ में रिकॉर्ड उत्पादन लेने वाले अमरावती, नागपुर जिले के संतरा मोसंबी उत्पादक किसानों सहित अन्य फलबागान करने वाले लाखों किसानों पर अन्याय किया गया है. विदर्भ के संतरा-मोसंबी, नींबू फल उत्पादक किसानों को एक रुपए में बीमा इस योजना में मौसम पर आधारित फल फसल में शामिल करने की मांग राकांपा के तहसील उपाध्यक्ष तथा ग्राम पंचायत सदस्य रुपेश वालके मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व कृषि मंत्री से की है.