अमरावती

कोरोना काल में सेवारत अस्थायी कर्मियों को सेवा में शामिल करें

सांसद नवनीत राणा की लोकसभा में मांग

अमरावती/ दि.3 – कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों को सेवा देने वाले ठेकेदारी तौर पर कार्यरत डॉक्टर, नर्स, वार्डबॉय, सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य सेवक, सेविका तथा आशा वर्करों को कायस्वरुपी शासकीय सेवा में समावेश किए जाने की मांग जिले की सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा में की. कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार व्दारा उपाय योजना चलायी गई थी. जिसमें पीएम केयर फंड से महाराष्ट्र राज्य को भरपूर प्रमाण में पीपीई कीट, ऑक्सीजन प्लांट, वैंटिलेटर, मास्क, वैक्सीन, अनाज आदि साहित्य का वितरण किया गया था. जिसमेें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का सांसद नवनीत राणा ने आभार माना.
सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा में कोरोना की वजह से जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हुई उन अनाथ बच्चों को 5 लाख रुपए की निधि दिए जाने की मांग की. अमरावती जिला श्रमजीवी, मेहनतकश आदिवासी किसानों व मजदूरों का जिला है. कोरोना महामारी के चलते जिले के अनेक उद्योग बंद पड गए थे. व्यापार भी मंदा चल रहा था. व्यापार उद्योाग को नवसंजीवनी दिए जाने हेतु विशेष पैकेज का बुस्टर डोज दिया जाना भी आवश्यक है. ऐसा प्रतिपादन लोकसभा में सांसद नवनीत राणा ने व्यक्त किया.
लोकसभा में सांसद नवनीत राणा ने राज्य के एसटी कर्मचारियों की हडताल को लेकर कहा कि, शिवसेना सभागृह नेता केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों पर टीका करते है. किंतु अपने ही राज्य में एसटी कर्मचारियों के विलीनीकरण के मुद्दे को लेकर की जा रही हडताल को एक महीना बीत चुका है. आंदोलन के दौरान 50 से 55 लोगों की जाने भी गई है. इस ओर ध्यान देकर एसटी महामंडल का विलीनीकरण सरकार करे यह मांग भी सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा में दी.

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