जिले के ऋणमोचन, शेंडगांव, नागरवाडी व संत गुलाबराव महाराज संस्थान का समावेश
राज्य के 480 तीर्थस्थलों का होगा कायाकल्प
* 2400 करोड रुपए खर्च की योजना
अमरावती/दि.9- राज्य के 480 तीर्थस्थलों का कायाकल्प करने के लिए ग्राम विकास विभाग ने योजना बनाई है. इसके लिए 2400 करोड करोड खर्च की योजना ग्रामविकास विभाग के माध्यम से चलाई जाएगी, यह जानकारी ग्रामविकास मंत्री गिरीश महाजन ने दी है. इन तीर्थस्थलों में अमरावती जिले के ऋणमोचन, शेंडगांव, नागरवाडी व संत गुलाबराव महाराज संस्थान का समावेश है.
ब श्रेणी के तीर्थस्थलों का चयन इस योजना के लिए किया गया है. प्रत्येक तीर्थस्थल के लिए पांच करोड रूपए उपलब्ध किए जाएंगे. इस योजना का प्रारूप अंतिम चरण में है. राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी लेकर इसका अमल किया जाएगा. अ श्रेणी के तीर्थस्थल आर्थिक दृष्टी से सक्षम होते है. तथा उन्हें सरकार की ओर से निधि भी पर्याप्त प्रमाण में मिलती है. लेकिन ब श्रेणी के तीर्थस्थलों की तरफ अब तक उतना ध्यान नहीं दिया गया था. इस निधि से तीर्थस्थलों के स्थान पर पेयजल की उत्तम सुविधा, निवारा, दर्शन की व्यवस्था, स्वच्छता के लिए उपाय योजना, भक्तों के लिए बैठने की व्यवस्था तैयार करना आदि का समावेश रहेगा, यह जानकारी मंत्री महाजन ने दी.
* निधि में ढाई गुना बढोतरी
ब श्रेणी के तीर्थस्थलों को अब तक दो करोड रुपए की निधि दी जाती थी. इसमें में ढाई गुना बढोतरी की जाएगी. विकासकार्यों में पारदर्शिता हो इसके लिए स्वतंत्र यंत्रणा नजर रखेगी.
* इन तीर्थस्थलों का होगा विकास
हाजी मलंग (ठाणे), मांढरदेवी देवस्थान, श्री क्षेत्र गोंदवले, पुसेगांव, शिखर शिंगणापुर, सज्जनगड (सातारा), श्री क्षेत्र ज्योतिबा, श्री क्षेत्र नृसिंहवाडी, नरसिंह लक्ष्मी देवस्थान, श्री सिद्धगिरी मठ कणेरी, श्री दत्त देवस्थान गगनगिरी (कोल्हापुर), श्री शनेश्वर देवस्थान शनि शिंगणापुर, संत ज्ञानेश्वर देवस्थान नेवासा, तीर्थक्षेत्र पुणतांबा, श्री निलोबाराय संजीवन समाधि मंदिर पिंपलनेर, श्री कानिफनाथ मढी, श्री क्षेत्र भगवानगड, जगदंबादेवी देवस्थान, श्री कानिफनाथ मंदिर (अहमदनगर), श्री घृष्णेश्वर देवस्थान (औरंगाबाद), श्री महासिद्ध महाराज देवस्थान, श्री सुपोजी संस्थान, वारी हनुमान (बुलडाणा), ऋणमोचन, शेंडगांव, नागरवाडी, संत गुलाबराव महाराज संस्थान (अमरावती), संत मुक्ताई मंदिर (जलगांव), भैरवनाथ देवस्थान, श्री क्षेत्र जकराया मंदिर (सोलापुर), श्री पुंडलिक महाराज संस्थान, श्री रामचंद्र महाराज संस्थान (अकोला).