अमरावती

ई-वेईकल्स का चलन बढा

हादसों को टालने थोडी सावधानी जरूरी

अमरावती/दि.10 – पेट्रोल व डीजल की बढती कीमतों के चलते इन दिनों वाहन चलाना काफी महंगा हो चला है. इस बात के मद्देनजर अब कई कंपनियों ने बिजली से चार्ज होकर चलनेवाले ई-वेईकल्स बाजार में उतार दिये है.आकर्षक आकार-प्रकार व रंगोंवाले इन वाहनों को ग्राहकों द्वारा भी अच्छा-खासा पसंद किया जा रहा है. कुछ ई-वाहनों का आकार-प्रकार तो पेट्रोल पर चलनेवाले दुपहिया वाहनों से भी अधिक आकर्षक है. जिनकी ओर अन्य लोगों का बरबस ही ध्यान चला जाता है. ऐसे में इन दिनों बैटरी पर चलनेवाले ई-वेईकल्स को लेकर ग्राहकोें का रूझान काफी अधिक बढ गया है.
उल्लेखनीय है कि, बैटरी पर चलनेवाले इन ई-वेईकल्स को चलाने के लिए किसी भी तरह के लाईसेन्स की जरूरत नहीं पडती. साथ ही इन वाहनोें के रजिस्ट्रेशन के लिए भी कोई खास झंझट नहीं होती. यानी शोरूम से वाहन खरीदो और चलाओ वाला सीधा व सरल काम है. ध्यान रहे कि, इन बैटरी चलीत वाहनों की अधिकतम रफ्तार भी 50 से 60 किमी प्रति घंटा हो सकती है और इनके जरिये बहुत तेज फर्राटा भी नहीं भरा जा सकता. ऐसे में इन वाहनों की वजह से सडक हादसे घटित होने की गूंजाईश बेहद कम रहती है. परंतु इसके बावजूद कई बार ई-वेईकल्स हादसे का शिकार होते है, जिनमें मुख्य तौर पर इन वाहनों की बैटरी में विस्फोट होने की वजह से होनेवाले हादसों का समावेश होता है. चूंकि कुछ वाहनों में नियमों की अवहेलना करते हुए कुछ अनावश्यक मॉडिफिकेशन कराये जाते है, ताकि वाहनों की क्षमता और रफ्तार का बढाया जा सके. इस वजह से बैटरी में विस्फोट जैसी घटनाएं घटित होती है. साथ ही यदि इन वाहनों को पूरा समय 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक पर बढाया जाता है, तब भी ऐसे हादसे घटित होने की संभावना बन जाती है. इस बात के मद्देनजर जहां एक ओर आरटीओ कार्यालय द्वारा सभी वाहनों के शोरूम में नियमित तौर पर जाकर वहां बिक्री हेतु उपलब्ध कराये गये वाहनों की जांच-पडताल की जाती है. जिसके तहत यह देखा जाता है कि, कहीं किसी वाहन का निर्माण नियमों की अवहेलना व अनदेखी करते हुए तो नहीं किया गया है. यानी किसी वाहन में कोई नियमबाह्य मॉडिफिकेशन तो नहीं है. वहीं दूसरी ओर ई-वेईकल्स चलानेवाले वाहन चालकों से भी हमेशा यह अपील की जाती है कि, वे अपने वाहन को अधिकतम 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलाये और वाहन को इससे ज्यादा गति न दे, ताकि वाहन हमेशा अच्छी स्थिति में रहे. साथ ही वाहनों में बैटरी विस्फोट जैसी कोई घटना भी घटित न हो.

जारी वर्ष में हुई ई-वाहनों की बिक्री

जनवरी – 140
फरवरी – 90
मार्च – 100
अप्रैल – 80
मई – 60
जून – 70
जुलाई – 90

शहर में ई-वेईकल्स के आठ शोरूम

इन दिनों ई-वेईकल्स की मांग लगातार बढती जा रही है. इस बात के चलते शहर में ई-वेईकल्स के विक्रेताओं की संख्या भी बढ रही है. अब तक अमरावती शहर में ई-वेईकल्स के आठ शोरूम खुल चुके है. वहीं अन्य कुछ शोरूम खुलने की तैयारी में भी है.

पेट्रोल वाहनों की मांग भी बढी

ई-वेईकल्स वाहनोें के साथ ही इन दिनों पेट्रोल पर चलनेवाले दुपहिया वाहनों की मांग भी अच्छी-खासी बढी हुई है. विशेषकर युवाओं द्वारा ई-वेईकल्स की बजाय तेज गति के साथ जमकर फर्राटा भरनेवाले पेट्रोल चलित दुपहिया वाहनों को अब भी खासा पसंद किया जा रहा है.

ई-वेईकल्स को प्रोत्साहित करना जरूरी

जिस तरह से पेट्रोल व डीजल चलित दुपहिया व चार पहिया वाहनों के लिए आसान किश्तों पर लोन की सुविधा उपलब्ध है, उसी तरह से ई-वेईकल्स पर भी लोन सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि लोगबाग बडी आसानी के साथ ई-वेईकल्स को खरीद सके. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, पर्यावरण के संरक्षण एवं प्रदूषण के स्तर को घटाने के लिहाज से कोई प्रदूषण नहीं करनेवाले ई-वेईकल्स को मौजूदा दौर की जरूरत भी कहा जा सकता है. साथ ही शहर के अंतर्गत रास्तों पर फर्राटा भरनेवाले तेज रफ्तार वाहनों की हकीकत में कोई जरूरत भी नहीं है. बल्कि शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक आना-जाना करने के लिए बैटरी पर चलनेवाले ई-वेईकल्स बेहद सस्ते और सुविधाजनक साधन हो सकते है. अत: इन बैटरी चलीत वाहनों के चलन को प्रोत्साहित करने हेतु सरकारी स्तर पर प्रयास किये जाने चाहिए.

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