जिले में धूप के कारण आंखो की बीमारी में हुई बढोतरी
धूप में जाते समय आंखो का ध्यान रखने का नेत्र विशेषज्ञो का आवाहन
अमरावती/दि.13– ग्रीष्मकाल के दिन में आंखो की अनेक समस्या निर्माण होती रहती है. इस अवधि में आंखो का ध्यान रखना काफी आवश्यक है. सूर्य की तेज नीली किरणो से बचाव करने के लिए हमें लेन्स वाले गॉगल अथवा काले गॉगल का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही आंखे न सूखने के लिए सावधानी बरतने की सलाह नेत्ररोग विशेषज्ञ ने दी है.
ग्रीष्मकाल में सूर्य की किरणे अधिक तेज होती रहने से अनेकों की आंखे सूख जाती है. अधिक उष्णता के कारण शरीर का पानी भी कम हो जाता है. इस कारण आंखो का पानी भी सूख जाता है. ऐसे समय आंखो का ठिक तरह से ध्यान नहीं रखा तो सूखी आंखो की समस्या निर्माण होती है. इस कारण ग्रीष्मकाल में आंखो का विशेष ध्यान रखना आवश्यक रहने की बात शहर के नेत्ररोग तज्ञ डॉ. विजय मिश्रा ने अमरावती मंडल से बातचीत करते हुए कही. जिले में तापतान दिनोंदिन बढ रहा है. सूर्य से आनेवाली अल्ट्रावाईलेट किरण आंखो के लिए हानिकारक रहती है. यह अल्ट्रावाईलेट किरण प्रकाश से अधिक तेज गति से आती है. इस कारण केवल धूप में नहीं बल्कि छांव में भी आंखो से संबंधित बीमारी होने की संभावना रहती है. इस पर उपाय के रुप में धूप में घूमते समय सन ग्लासेस का इस्तेमाल करना चाहिए. जो आंखो के अल्ट्रावाईलेट किरण से सुरक्षा करेगा. केवल धूप में घूमते समय ही नहीं बल्कि छांव में भी इसका इस्तेमाल करना चाहिए. केवल फैशन के लिए इस्तेमाल की जानेवाली टोपी भी इस हानिकारक किरण से सुरक्षित रखती है, ऐसा विशेषज्ञो ने कहा है.
* गॉगल का इस्तेमाल करे
ग्रीष्मकाल में शरीर को भरपुर पानी की आवश्यकता रहती है. वैसे ही आंखो को भी पानी की आवश्यकता रहती है. इसके लिए स्वच्छ व ठंडे पानी से दिन में तीन-चार दफा आंखे साफ करनी चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक गॅजेट का इस्तेमाल करते समय आंखो को आराम दे. सोशल मीडिया पर सर्किंग करना डिजीटल स्क्रीन के सामने लंबे समय तक रहने से आंखे सूख सकती है. ऐसे समय कुछ मिनट यह वस्तू आंखो से दूर रखनी चाहिए. इनफ्लेमेशन, लालपणा और खुजली होने का खतरा भी गॉगल से कम होता है.
* ऐसे रखे सावधानी
ग्रीष्मकाल में स्कीन केअर के लिए अनेक लोग सन स्क्रीन का इस्तेमाल करते है. लेकिन आंखो के पास, आसपास, पानी वाले क्षेत्र में इसका इस्तेमाल करते समय सावधानी रखनी चाहिए. सन स्क्रीन जिसमें एसपीएफ अधिक रहता है, वह भीतर गया तो आंखो को तकलीफ हो सकती है. इसमें कायम का नुकसान नहीं होगा. लेकिन इससे आंखो में जलन हो सकती है.
– डॉ. विजय मिश्रा
नेत्ररोग तज्ञ.