अमरावतीमहाराष्ट्र

वडाली और चांदूर रेल्वे वन परिक्षेत्र में वन्यजीवों की बढी संख्या

बाघ और जंगली भैसे का नए से आगमन

* पोषक घास से विस्तारित वन तैयार
अमरावती/दि.24-अमरावती शहर से सटे वडाली और चांदूर रेल्वे वन परिक्षेत्र के आरक्षित जंगल में वन्यजीवों, पक्षी, और सर्पिले जीवों की संख्या बढी है. तृणभक्षी, वन्यजीवों को पोषक घास की विस्तारित वन तैयार हुआ है. बाघ और जंगली भैसे का नए से आगमन हुआ है. भालू छोड अन्य सभी वन्यजीव यहां मौजूद है. इसलिए आनेवाले समय में यह आरक्षित वन अभयारण्य की दिशा से बढेगा.
वडाली और चांदूर रेल्वे वन परिक्षेत्र में यह वन 21 हजार 485 हेक्टेयर में फैला है. इसमें साग, अंजन, अर्जुन, चारोली, बिहाडा, हिवर, पलस, बांस, बेल, सिरस, मोह आंवला, सालई, बेर, जामून, बरगड, पीपल इन प्राकृतिक वृक्षों के कारण इस जंगल में दिन में भी डर लगता है. इतने पेडों से घना यह जंगल तैयार है. वन विभाग द्वारा तृणभक्षी वन्यजीवों के लिए कुरण विकास क्षेत्र की लागत कर चारा उपलब्ध किया गया है. वडाली वन परिक्षेत्र में 150 हेक्टेयर परिसर में कुरण विकास क्षेत्र तो चांदूर रेल्वे वन परिक्षेत्र में 250 हेक्टेयर परिसर में कुरण विकास क्षेत्र तैयार किया गया है. ऐसे इन दोनों वन परिक्षेत्र मे कुल 400 हेक्टेयर जंगल परिसर घास युक्त कुरण विकास क्षेत्र से व्याप्त है. इसमें वन्यजीवों का जमावडा दिखाई देता है. ऐसे में नए से आए जंगली भैसे को भी यह चारा पोषक है.
* पट्टेदार बाघ और जंगली भैसे पर नजर
जिले में वन्यजीवों के लिए सुपरिचित मेलघाट जंगल के बाद वडाली और चांदूर रेल्वे वन परिक्षेत्र में भालू के अतिरिक्त सभी प्राणियों का अस्तित्व है. इसमें तेंदुआ, सांबर, हिरण, चितल, नीलगाय, जंगली श्वान, बारहसिंगा, तडस, देवगाय, खरगोेश, जंगली बिल्ली, सायल आदि वन्यजीवों की संख्या अधिक है. उसमें ही पट्टेदार बाघ और जंगली भैसा इन नए मेहमानों के लिए यह जंगल आदर्श साबित हो रहा है.

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