अमरावतीविदर्भ

अन्य मरीजों व मृत्युदर में वृध्दि

कोरोना जांच (Corona test) की कडी शर्त बनी रोडा 

  • जांच रिपोर्ट (Test report) आने से पहले इलाज करे 

  • पूर्व सांसद अनंत गुढे की मांग

अमरावती जाहीर की गई नियमावलि के नियमों पर अमल किया जा रहा है. मगर पहले जिस तरह निजी अस्पतालों में इलाज होता था, वैसा न करते हुए कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटीव पाये जाने से अन्य बीमारी से पीडित मरीजों का इलाज करने से पहले कोरोना जांच कराने की शर्त रखी गई है. थ्रोट स्वैब लेने के बाद रिपोर्ट आने से पहले उस मरीज का इलाज करना जरुरी है, ऐसा न करने के कारण ही अन्य बीमारी के मरीजों की संख्या और मरने वालों की संख्या में वृध्दि हो रही है. इसलिए पहले इलाज पर ध्यान दे, ऐसी मांग पूर्व सांसद अनंत गुढे ने की है.

इमर्जेसी में आये हृदय रोग के मरीज, उच्च रक्तदाब, मधुमेह, सर्दी, खांसी, डेंगू, मलेरिया जैसे मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती करते समय परेशानी आ रही है. पहले कोविड अस्पताल में जाकर जांच कराये इसके बाद हम भर्ती करेंगे, ऐसा निजी अस्पतालों में कहा जाता है. कोविड अस्पताल की रिपोर्ट २४ घंटे बाद मिलती है. तब तक उस मरीज की तबीयत और बिगड जाती है. रिपोर्ट आने तक किसी तरह का इलाज नहीं होता. इस वजह से जिस मरीज को इलाज की बहुत जरुरत है, वह मरीज की इलाज के अभाव में मौत हो जाती है. वह मौत कोरोना मरीज के रुप में खिनी जाती है. इस वजह से ही मृत्युदर रोजाना बढती जा रही है. हृदय रोग के मरीज को तत्काल आईसीयू में भर्ती कर उसका इलाज करना बहुत जरुरी हो जाता है. वक्त पर इलाज नहीं हुआ तो मौत हो सकती है, यह सच्चाई होने के बाद भी ऐसे मरीजों को कोरोेना जांच के लिए सरकारी कोविड अस्पताल में भेजा जाता है.

पिछले कई वर्षों से निजी अस्पताल में हृदय रोग, मधुमेह, रक्तदाब, डेंगू, मलेरिया, दमा, कैन्सर आदि बीमारी पर इलाज किया जाता है, मरीज भी ठिक होकर घर जाते है. जिससे मरने वालों की संख्या मर्यादित होती है. मगर अब सभी बीमारियों पर पहले कोरोना जांच की जबर्दस्ती होने के कारण और वह मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए तो उसपर केवल कोरोना का ही इलाज शुरु हो जाता है. जिसके कारण मरीजों की संख्या बढती जा रही है. इस बारे में प्रशासन को सोचना जरुरी है. निजी अस्पताल में आने वाले मरीजों के उसी जगह थ्रोट स्वेैब लेकर रिपोर्ट आने से पहले जरुरी इलाज किया जाता है तो मरीजों की संख्या कम हो जाती है, इसपर जिला प्रशासन विचार करे. कोविड से बचने के लिए दवा, इलाज से जरुरी नाक, मुंह ढकने, मास्क लगाने भीड में जाना टाले, स्वच्छता जरुरी है. खूद का ध्यान रखना काफी जरुरी है, ऐसा पूर्व सांसद अनंत गुढे ने कहा है.

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