ऑनलाइन शिक्षा से पालकों के खर्च में वृद्धि
कोरोना की पाश्र्वभूमि पर पिछले डेढ वर्षो से शालाएं बंद
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१२ – कोरोना की पश्र्वभूमि पर पिछले डेढ साल से शाला, महाविद्यालय बंद किए जाने पर विद्यार्थियों को शाला व महाविद्यालय व्दारा ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. जिसकी वजह से विद्यार्थियों के पालकों के खर्च में अधिक वृद्धि हो रही है. ऑनलाइन शिक्षा में खर्च का अतिरिक्त भार इन पालकों की जेबों पर पड रहा है. पहले से सभी पालक मंहगाई के कारण आर्थिक परेशानी में है दूसरी ओर लॉकडाउन के चलते रोजगार ठप हो जाने की वजह से पालक आर्थिक संकट में है.
पिछले डेढ साल से विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. अधिकांश पालक खर्च करने की स्थिति में नहीं है किंतु उन्हें अपने पाल्यों के उज्जवल भविष्य के लिए मजबूरन पैसा खर्च कर ऑनलाइन शिक्षा दिलाई जा रही है. जिसका अतिरिक्त भार उनकी जेबों पर पड रहा है. विद्यार्थियों को एनराइड मोबाइल, टैब लेना अनिवार्य है. जिसके लिए इंटरनेट का कनेक्शन व इंटरनेट रिचार्ज मारना भी आवश्यक है. कोरोना की वजह से अनेकों लोगों का रोजगार भी चला गया था. जिसमें रोजगार का प्रश्न बडे प्रमाण में निर्माण हुआ है. ऐसे में विद्यार्थियों के पालकों को शिक्षा के लिए पैसों का इंतजाम करना पड रहा है. इसमें सर्वसाधारण पालक परेशान है और वे आर्थिक संकट में दिखाई दे रहे है. सभी पालकों व्दारा जल्द ही ऑफलाइन शिक्षा शुरु किए जाने की मांग कर रहे है.