* कल सुख-समृद्धि के लिए होगा गौरी पूजन
* महाप्रसाद में प्रयुक्त होती है 16 सब्जियां
अमरावती/दि.21 – विगत मंगलवार को विघ्नहर्जा श्री गणेश का आगमन बडी धूमधाम के साथ हुआ. जिसके एक दिन पश्चात आज गुरुवार को ज्येष्ठा गौरी का आगमन हो रहा है. ज्येष्ठा गौरी को कुछ क्षेत्रों में गौरी तथा कुछ क्षेत्रों में महालक्ष्मी भी कहा जाता है. ज्येष्ठा गौरी के नैवैद्य हेतु लगने वाले केले के पत्तों, विविध फूलों के हार, आभूषण, वस्त्र, फरार साहित्य व वाण आदि सहित 16 प्रकार की सब्जियों को खरीदने हेतु बाजार में अच्छी खासी भीडभाड दिखाई दे रही है. ऐसे में सब्जी बाजार सहित विभिन्न बाजार पेठों में इस समय काफी चहल पहल है.
उल्लेखनीय है कि, ज्येष्ठ गौरी यानि महालक्ष्मी का पर्व महाराष्ट्र के चहूंओर मनाया जाता है. यद्यपि महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में गौरी पूजन की पद्धति थोडी अलग है, लेकिन 16 प्रकार की सब्जियों तथा फुलोरा को नैवैद्य में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. परंतु इन दिनों महालक्ष्मी स्थापित करने वाले घर-परिवारों की महिलाएं भी कामकाजी व नौकरीपेशा हो गई है और सबसे मुख्य बात यह भी है कि, बाजार में अलग-अलग तरह की 16 सब्जियां भी मिलना मुश्किल है. ऐसे में बाजार में जो सब्जियां उपलब्ध है, उन्हें खरीदकर उनका एकत्रित प्रयोग करते हुए एक ही सब्जी तैयार की जाती है. ज्येष्ठा गोरी पूजन के पहले दिन शाम के समय ज्येष्ठा गौरी का आवाहन करने के बाद सब्जी-भाकरी का नैवैद्य अर्पित किया जाता है. पश्चात दूसरे दिन पुरणपोली, 16 प्रकार की सब्जियां, 9 प्रकार की चटनी व 6 प्रकार के मिष्ठान्न आदि का साग्रसंगीत नैवैद्य अर्पित करते हुए ज्येष्ठा गौरी पूजन किया जाता है. जिसके उपरान्त अपने परिजनों और परिचितों को प्रसाद वितरीत किया जाता है. ज्येष्ठा गौरी का नैवैद्य तैयार करने हेतु काशीफल, कवल, मका, ककडी, पडोल, हरसूल व हुरडा आदि का प्रयोग किया जाता है.
* स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है 16 सब्जियां
महालक्ष्मी पर्व वाले दिन 16 तरह की सब्जियों को एकत्रित कर उनका सेवन करने की पद्धति व परंपरा है. इन सब्जियों में मीठे रहने वाले गाजर के साथ ही कडू रहने वाले करेले तक सभी तरह की सब्जियों का समावेश रहता है. इन सभी सब्जियों के मधूर रसात्मक अंतर्भाव को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है.
– महालक्ष्मी को अर्पित की जाने वाली सब्जी में परवल, गवार, हरभरा, पालक, मेथी, चौलाई, शेपू, गोबी, करेला, भेंडी, राजगिरा, कुंदरु, टमाटर, आलू, अंबाडी, काशीफल, ककडी, कवल, हरसूल, मका व पडोल जैसे अलग-अलग सब्जियों का मुख्य तौर पर प्रयोग किया जाता है.
* इस हेतु करते है गौरी पूजन
घर में सुख-शांति तथा समृद्धि व समाधान का वास हो एवं अखंड सौभाग्य प्राप्त हो, इस हेतु विवाहित महिलाओं द्बारा यह व्रत किया जाता है. वहीं जीवन में अच्छा जोडीदार मिले, इस हेतु अविवाहित युवतियों द्बारा गौरी पूजन का व्रत करती है. इसके अलावा ज्येष्ठा गौरी में आस्था रखने वाले सभी महिलाओं व पुरुषों द्बारा अपनी-अपनी कामनाओं के चलते ज्येष्ठा गौरी का पूजन करते हुए महालक्ष्मी का प्रसाद ग्रहण किया जाता है.