कोरोना के चलते दवा की दुकानों की संख्या में वृध्दि
जिले मेें ३०८ नये प्रतिष्ठान, अब दवा की कुल २००८ दुकानें
अमरावती/प्रतिनिधि दि.५ – कोरोना के प्रतिकुल परिणामों के चलते एक ओर जहा व्यवसाय चौपट हो गये है, वहीं इसे लोगों ने समय की मांग के अनुसार अपने व्यवसाय को ही बदल डाला. अन्य व्यवसायों पर जहां कोरोना का विपरित परिणाम दिखाई दिया है. वहीं किराणा व दवा दुकान आमदनी को बेहतर माध्यम बने है. ऐसे में कई लोगों ने इन्ही व्यवसायों में कदम आगे बढ़ाए है. संक्रमण की शुरूआत से पहले जिले में कुल १ हजार ७०० थोक व खुदरा दवा दुकानें मौजूद थी. लेकिन गत एक वर्ष के दौरान यह संख्या बढ़कर २ हजार पार कर चुकी है. अन्न व औषधी प्रशासन के पास प्रतिमाह ३० से लेकर ४० नई औषधी दुकानें खोलने की अनुमति के लिए आवेदन आ रहे है. इन दवा विक्रेताओं में जेनरिक की दुकानों को लेकर अधिक आवेदन दिए है. कोरोना महामारी के दौर में डी फार्मा व बी फार्म के क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थियों ने औषधी दुकानों को प्राथमिकता दी है.
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लॉकडाउन में रोजगार का इकलौता विकल्प
कोरोना के चलते केवल अति आवश्यक दुकाने ही खुली रखने की अनुमति है.जिले भर में होटल, फर्निचर, वस्त्र व अन्य उद्योगों से जुड़ी दुकानें पूरी तरह बंद है. जबकि दवा विक्रेताओं का कारोबार काफी जोरो पर चल रहा है. इसके साथ ही सब्जी व फलों के कारोबार में भी बढोतरी हुई है. लेकिन सुशिक्षित वर्ग दवा व्यवसाय की ओर अग्रसर हुआ है.
सौरभ मालानी,
अध्यक्ष केमिस्ट, इगिस्ट एसो
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बढ़ी आवेदनों की संख्या
कोरोना काल में आपातकालीन तौर पर दुकानें खोली गई है. प्रतिमाह करीब ४० से अधिक नये आवेदन प्राप्त हो रहे है. वर्ष २०१९ की तुलना में यह संख्या काफी अधिक है.
मनीष गोटमारे, औषधी निरीक्षक