अमरावती / दि.7– राज्य में ओबीसी राजनीति आरक्षण लागू होने तक स्थानीक स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव आगे बढा दिए जाए ऐसी मांग अमरावती शहर भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा व्दारा जिलाधिकारी पवनीत कौर से की गई है. शहर भाजपा ओबीसी मोर्चा व्दारा इस आशय का निवेदन जिलाधिकारी पवनीत कौर को सौंपा गया.
निवेदन में कहा गया है कि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने स्थानीक स्वराज्य संस्था के ओबीसी आरक्षण को टिकाए रखने के लिए अध्यादेश जारी कर ओबीसी समाज के साथ दिखावा किया है. यह अध्यादेश सर्वोच्च न्यायालय में नहीं टिकेगा ऐसी शंका संपूर्ण ओबीसी समाज में व्याप्त है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशो के अनुसार राज्य के महाविकास आघाडी सरकार ने पिछले दो वर्षो से ओबीसी समाज का डेटा जमा करने हेतु आयोग का गठन किया. किंतु आयोग को किसी प्रकार के अधिकार नहीं दिए गए.
आयोग को आवश्यक 450 करोड रुपए की निधि का प्रावधान भी नहीं किया गया. जिसकी वजह से डेटा जमा करने के लिए आयोग व्दारा एजेंसी की नियुक्ति नहीं की गई. परिणामस्वरुप सर्वोच्च न्यायालय को अपेक्षित डेटा जमा करने के लिए राज्य सरकार व्दारा कार्रवाई नहीं की गई. जिसमें न्यायालय ने डेटा नहीं होने की वजह से अध्यादेश को स्थागति दी. ऐसा निवेदन में कहा गया.
निवेदन सौंपते समय विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे, भाजपा शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर, महापौर चेतन गावंडे, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तथा मनपा सभागृह नेता तुषार भारतीय, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जयंत डेहनकर, भाजपा ओबीसी मोर्चा प्रदेश सचिव योगेश वानखडे, शहर महासचिव मंगेश खोडे, गजानन देशमुख, भाजपा ओबीसी मोर्चा शहर अध्यक्ष विवेक चुटके, महासचिव एड. अतुल भेरडे, कुणाल टिकले, निलेश शिरभाते, युवा मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष संदीप अंबालकर, राजेश पोहणकर, पंकज कडू, नरेंद्र बेणी, संजय तिरथकर, विशाल डहाके, प्रवीण वैश्य उपस्थित थे.