अमरावती

लॉकडाउन में बढा साइकलिंग का क्रेझ

अब साईकिलों के आये अच्छे दिन

  • कोरोना काल में नया फिटनेस फंडा आया चलन में

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१७ – कुछ समय पूर्व तक हर घर में साईकिल होना एक प्रतिष्ठापूर्ण बात मानी जाती थी. और लोगबाग अपनी साईकिलों को बडे प्यार व शौक से सहेजते थे. लेकिन कालांतर में मोटरसाईकिलों का दौर आने के बाद साईकिले काफी हद तक उपेक्षा का शिकार होने लगी. परंतू कोरोना एवं लॉकडाउन काल के दौरान एक बार फिर साईकिलों के अच्छे दिन आ गये है और लोगबाग अब अपनी शारीरिक क्षमता को बढाने हेतु साइकलिंग करने लगे है. जिसकी वजह से इस नये फिटनेस फंडा के चलते लोगों में साईकqलग को लेकर नया क्रेझ दिखाई देने लगा है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कई लोग रोजाना करीब ६० किलोमीटर की दूरी साइकलिंग के जरिये तय कर रहे है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ वर्षों के दौरान लोगों, विशेषकर युवाओं के जीवन से साईकिलें पूरी तरह से हद्दपार हो गयी थी. qकतु लॉकडाउन काल के दौरान साईकिलों ने अचानक ही लोगों के जीवन में शानदार ढंग से कमबैक किया है. साथ ही इस समय पुरानी परंपरागत सामान्य साईकिलों की बजाय अब नये रंग-ढंगवाली साईकिलें शहर सहित जिले की सडकों पर देखी जा रही है. अमरावती शहर में सुबह व शाम के समय चक्कर मारने पर बडी संख्या में साईकिल सवार महिलाओं का दिखाई देना बेहद आम बात हो गयी है. विगत छह माह के लॉकडाउन पश्चात आम जनजीवन जैसे-जैसे पहले की तरह सामान्य हो रहा है, वैसे-वैसे कई लोगों ने अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक होते हुए नियमित तौर पर व्यायाम करना शुरू किया है. इसके तहत कई लोगों ने अपने घर में पडी पुरानी साईकिलों को दुरूस्त कर लिया है, वहीं कई लोगों ने नई साईकिलें खरीदी है और लोगबाग तंदुरूस्त रहने के साथ ही अपना वजन घटाने के लिए रोजाना सुबह-शाम जमकर साइकलिंग कर रहे है. इस समय शहर की सडकोें पर ५ हजार रूपये से लेकर १ लाख रूपये तक की कीमतवाली साईकिलें दिखाई दे रहीं है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों सहित नौकरीपेशा व व्यापारी वर्ग के लोगों में साइकलिंग करने की प्रवृत्ति काफी अधिक बढ गयी है.

साईकिल चलाना एक तरह से बेहद कम खर्च में होनेवाला आसान व्यायाम है. जिसकी वजह से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है. साथ ही साइकलिंग करते समय शरीर पर ज्यादा अधिक तनाव नहीं पडने से किसी भी तरह के नुकसान की संभावना कम होती है. बल्कि रोजाना साईकिल चलाने से मांसपेशियों को आकार प्राप्त होता है और वजन कम होने के साथ ही ब्लडप्रेशर सामान्य रहता है. इसके अलावा हृदय की गति व स्वास्थ्य बेहतरीन रहने के साथ ही कैन्सर का खतरा घट जाता है और डायबीटिज पर भी नियंत्रण रहता है.

विभिन्न आकार-प्रकार की साईकिलें उपलब्ध
साईकिल खरीदते समय साईकिल चलानेवाले की उंचाई के अनुसार टायर की उंचाई तय की जाती है. जिसमें २४ इंच, २६ इंच व २९ इंच इस तरह के टायर का आकार होता है. जिसमें साधी व गियरवाली साईकिल बिक्री हेतु उपलब्ध होती है. इसमें भी पतले व बारिक टायर तथा कम वजनवाली साईकिल को रोडबाईक, वहीं जाडे व मोटे टायरवाली साईकिल को माउंटन बाईक कहा जाता है. इस समय बाजार में ढाई हजार रूपये से लेकर ढाई लाख रूपये तक की अलग-अलग आकार-प्रकारवाली साईकिलें बिक्री हेतु उपलब्ध है.

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