अमरावती

संक्रमितों के साथ ही स्वस्थ होने वालों की भी बढ़ी तादाद

खुटाला गांव के नागरिक अफवाहों पर विश्वास कर नहीं चाहते टीकाकरण

अमरावती/वर्धा/ यवतमाल/चंद्रपुर/गढ़चिरोली/गोंदिया/भंडारा/प्रतिनिधि दि.२४ – विदर्भ में कोरोना संक्रमितों की संख्या में जिस तेजी से इजाफा हुआ है, कुछ जिलों में उसी तेजी से मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं. विशेष रुप से गोंदिया और भंडारा जिले में संक्रमितों की अपेक्षा स्वस्थ होने वालों की भी तादाद बढ़ी है. शुक्रवार को अमरावती जिले में 652 लोग संक्रमित पाये गये जबकि 522 लोग स्वस्थ हुए. 18 लोगों ने कोरोना से जूझते हुए दम तोड़ दिया. वर्धा जिले में 21 लोगों ने संक्रमण के चलते जान गंवा दी जबकि 752 नये मरीज भी पाये गये. 451 लोग स्वस्थ होकर घर भी लौटे हैं.
यवतमाल जिले में 25 लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है वहीं 1085 नये मरीज भी मिले हैं. 1049 लोग कोरोना से मुक्त हुए हैं. चंद्रपुर जिले में फिर एक बार रिकॉर्ड टूटा और एक ही दिन में 34 लोगों ने कोरोना से अपनी जान गवायी है. 1511 नये मरीज भी पाये गये तथा 1055 स्वस्थ भी हुए, गडचिरोली जिले में 283 लोग स्वस्थ होकर घर लौटे हैं. साथ ही 15 लोग कोरोना के शिकार हुए. 497 नये मरीज भी मिले है. गोंदिया में 21 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गई. 675 नये संक्रमित पाये गये, लेकिन उससे अधिक 742 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए. चंद्रपुर के बाद भंडारा जिले में सर्वाधिक मौतें हुई. यहां एक ही दिन 30 मरीजों ने जान गवाई एवं 1120 नये मरीज भी पाये गये. 1118 स्वस्थ भी हुए.
चंद्रपुर जिले की चिमूर तहसील अंतर्गत नेरी के समीप स्थित ग्राम खुटाला के नागरिकों ने अफवाहों पर इस कदर विश्वास कर लिया कि वे अब टीकाकरण ही नहीं करना चाहते, उनका कहना है कि चाहे प्रशासन उनका राशन-पानी बंद कर दें लेकिन वे टीका नहीं लगवाएंगे. 1700 लोगों की आबादी वाले इस गांव में कुल 400 परिवार रहते हैं और इनमें से सिर्फ तीन लोगों ने टीका लगवाया है. गांव वालों का मामना है कि टीके से मौत हो जाती है. साथ ही उनमें यह बात भी गहरी पैठ कर गई है कि सरकारी कर्मियों को और उन्हें अलग-अलग टीके लगाये जा रहे हैं. आंगनवाड़ी सेविकाएं और आशा वर्कर घर-घर जाकर उन्हें समझा रही है लेकिन वे टस से मस नहीं हो रहे.

  • यवतमाल के सरकारी अस्पताल से शव गायब

यवतमाल के जिला सरकारी अस्पताल से 27 वर्षीय युवक की लाश गायब होने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है. इसके अलावा यहां कोरोना के इलाज के लिये भर्ती 50 वर्षीय पुरुष भी बीते 10 दिन से नदारद है. नेर तहसील अंतर्गत पिंपलगांव काले निवासी रोशन ढोकणे (27) को 20 अप्रैल को गंभीर हालत में जिला सरकारी अस्प ताल में दाखिल किया गया था. जहां पर रात 8 बजे उसकी मृत्यु हो गई. रात में शव देखकर परिजन अपने गांव निकल गये. 21 अप्रैल की सुबह लौटे तो शव नदारद था. शुक्रवार से शव की मांग को लेकर परिजन ने अस्पताल परिसर में ही अनशन शुरु कर दिया. दूसरी तरफ बोथबोडन निवासी 50 वर्षीय व्यक्ति भी पिछले 10 दिन से अस्पताल से नदारद बताया गया है. अस्पताल प्रशासन के पास इस बात का जवाब ही नहीं है कि वह कहां गया. 18 अप्रैल को उसके पुत्र ने थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई है.

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