अमरावती/दि.23 – नये आर्थिक वर्ष में नये आर्थिक व्यवहारों की शुरुआत होगी. ऐसे में इससे पहले पुराना हिसाब पुरा करने पर जोर दिया जा रहा है. जारी आर्थिक वर्ष इस समय खत्म होने में है. इसकी वजह से बैंक व पतसंस्थाओं सहित सुसायटियों द्बारा कर्ज वसूली के लिए अपने बकाएदारों के यहां वसूली प्रतिनिधियों को बार-बार भेजा रहा है. ऐसे में वसूली प्रतिनिधियों के चक्कर बकाएदारों के यहा लगातार हो रहे है. जिसकी वजह से बकाया कर्ज अदा करने हेतु कर्जधारकों द्बारा पैसों की जोडतोड के लिए दौडभाग की जा रही है.
बता दें कि, आगामी 31 मार्च को जारी आर्थिक वर्ष खत्म हो जाएगा और 1 अप्रैल से नया आर्थिक वर्ष शुरु होगा. ऐसे में मार्च माह के अंत तक कर्ज की किश्तों व ब्याज की वसूली हेतु बैंक सहित फायनांस कंपनियों द्बारा अपने बकायादारों को भुगतान अदा करने हेतु कहा जा रहा है. 31 मार्च तक कर्ज की किश्त अदा नहीं करने पर वह कर्ज बकाए में शामिल कर दिया जाता है और कर्जधारक को बकाएदार की श्रेणी में डाल दिया जाता है. जिससे संबंधित व्यक्ति की विश्वसनीयता घटती है और उसका सीबिल खराब होता है. जिसकी वजह से समय पर कर्ज अदा नहीं करने वाले व्यक्ति को आगे चलकर दुबारा कर्ज मिलने में काफी तकलीफों का सामना करना पडता है. ऐसे में कर्जधारकों द्बारा भी कर्ज की किश्त अदा करने का पूरा प्रयास किया जाता है. इसके तहत ब्याजदर को कम करने के लिहाज से हर कोई अधिक से अधिक मूल धन अदा करने के प्रयास में रहता है. परंतु मार्च माह में बच्चों की परीक्षा, शादी ब्याह तथा यात्रा व उत्साह जैसे आयोजनों पर अच्छा खासा पैसा खर्च होता है. ऐसे में कर्ज की अदायगी करना थोडा मुश्किल हो जाता है. बैंकों में आवश्यक दस्तावेज व गिरवी के बिना कर्ज नहीं मिलता. जिसकी वजह से कई लोगबाग इधर-उधर से पैसा जोडकर कर्ज की राशि का भुगतान करने का प्रयास करते है.
स्थानीय निकायों की वसूली भी जोरों पर
जहां एक ओर बैंक व पतसंस्था द्बारा कर्ज की किश्तों को वसूल करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर विविध स्थानीय निकायों द्बारा भी अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत कर वसूली की मोहिम चलाई जा रही है. जिसके तहत पानी पट्टी, दिया बत्ती व घर पट्टी जैसे विविध कर स्थानीय निवासियों से वसूल किए जा रहे है और बकाया कर की अधिक से अधिक वसूली करने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. जिसके तहत विशेष अभियान चलाने के साथ ही विशेष शिविर भी आयोजित किए जा रहे है और अवकाश वाले दिन भी कर संकलन के काम को जारी रखा जा रहा है.