अमरावती

शहरवासियों पर बढा करों का बोझ

उपयोगिता मूल्य सहित शिक्षा व गंदे पानी की निकासी पर अतिरिक्त कर

अमरावती-दि.19  महानगरपालिका द्वारा संपत्ति कर में 40 फीसद की वृध्दि किये जाने के बाद अब संपत्ति धारकों को साफ-सफाई हेतु उपयोगिता मूल्य भी अदा करना होगा. जो रिहायशी संपत्ति धारकों के लिए प्रति संपत्ति 600 रूपये प्रति वर्ष रहेगा. इसके अलावा मनपा द्वारा शिक्षा कर भी अतिरिक्त रूप से वसूल किया जायेगा. जिसके चलते कर मूल्य बढेगा और आर्थिक तंगी से जूझ रही मनपा की तिजोरी में अब पैसों की खनक सुनाई देगी.
बता दें कि, मनपा क्षेत्र में करीब 1 लाख 35 हजार के आसपास निवासी संपत्तियां है. जिन्हें अब 40 फीसद की वृध्दिंगत दर से संपत्ति कर अदा करना होगा. साथ ही उन्हें जारी आर्थिक वर्ष से उपयोगिता शुल्क भी लागू किया गया है, जो रिहायशी संपत्ति धारकों के लिए सालाना 600 रूपये है. वहीं औद्योगिक व व्यवसायिक संपत्तिधारकों के लिए उपयोगिता मूल्य की दरें अधिक रहेगी. इस बारे में मनपा प्रशासन का कहना है कि, यह कर सरकार द्वारा लागू किया गया है. वर्ष 2016 में उपयोगिता मूल्य लागू करने की उपविधि को राज्य सरकार द्वारा मंजुरी प्रदान करते हुए इस पर अमल करने का निर्देश सभी महानगरपालिकाओं को दिया गया था. यह शुल्क वर्गवारी के अनुसार लागू किया गया है. जिसके तहत ‘ड’ वर्गवाले मनपा क्षेत्र में रिहायशी संपत्तिधारकों के लिए इसे 600 रूपये प्रतिवर्ष तय किया गया है. इसके अलावा कर योग्य मुल्य पर मनपा शालाओं के विकास हेतु एक प्रतिशत तथा गंदे जल की निकासी व व्यवस्थापन के लिए एक प्रतिशत कर लागू किया गया है. इसके साथ ही सरकार को दिये जानेवाले शिक्षा, वृक्ष व अग्नि कर पहले से लागू हैं. साथ ही जिन लोगों की रिहायशी संपत्ति 1 हजार 650 चौरस फुट से अधिक है, उन्हें बिग बिल्डींग टैक्स तथा वाणिज्य संपत्तियों को रोगायो कर देना पडेगा.
बता दें कि, मनपा प्रशासन ने 40 फीसद कर वृध्दि का प्रस्ताव सन 2015-16 में सभागृह के सामने मंजुरी हेतु रखा था, जो नामंजुर हो गया था. ऐसे में इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया व सरकार ने आवश्यक होने पर इस प्रस्ताव को दुबारा सभागृह के सामने रखते हुए चर्चा करने व निर्णय लेने का निर्देश दिया. परंतु इसी दौरान कोविड संक्रमण के चलते मार्च-2020 से महानगर पालिका की आमसभाएं ही नहीं हुई. हालांकि जून-2020 के बाद ऑनलाईन आमसभाओं का दौर शुरू हुआ. जिसमें इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए योग्य नहीं रहने की बात कहते हुए एक तरह से नामंजुर ही कर दिया गया. यह प्रस्ताव चर्चा हेतु किसी न किसी कारण के चलते सभागृह के सामने नहीं आने की वजह से मनपा प्रशासन को 90 दिन के बाद संपत्ति कर वृध्दि के अधिकार अपने आप ही प्राप्त हो गये और प्रशासन ने अपने स्तर पर इस प्रस्ताव को मंजुर करते हुए इसे अंतिम मान्यता हेतु सरकार के पास भेज दिया. जिसके चलते संपत्ति कर में 40 फीसद की दरवृध्दि लागू हो गई. ऐसे में सन 2022-23 के जारी आर्थिक वर्ष से पुराने कर मूल्य में 40 फीसद वृध्दि लागू हो जायेगी. इसके साथ ही अब इस कर पर शिक्षा व गंदे जल की निकासी हेतु एक-एक प्रतिशत का अतिरिक्त कर अदा करने के अलावा उपयोगिता मूल्य भी संपत्ति धारकों को अदा करना होगा.

 

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