अमरावती

देशी कंपनियों से अधिक विदेशी कंपनियों का बढ़ रहा प्रभुत्व

ऑनलाइन खरीदी का बढ़ रहा क्रेज

अमरावती दि.२१ -वर्तमान में देशी कंपनियों से अधिक विदेशी कंपनियों का ्रप्रभाव बाजारों में अधिक देखा जा रहे हैं. कहीं कहीं तो ऐसा लगता है की मानो भारतीय कंपनियां उनकी पूरक इकाई के रूप में काम कर रही हैं. अधिक तर वाशिंग मशीन हो या टीवी, फ्रिज, या मोबाइल हो इन सब में विशेष रूप से विदेशी कंपनियां ही आगे हैं. इस तरह विदेशी वस्तुओं का चलन काफी अधिक बढ़ गया है. सरकार ने अधिकांश वस्तुओं के आयात पर से सभी बाधाएं समाप्त कर दी हैं. पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि खाने पीने की वस्तुओं के साथ साथ विविध इलेट्रॉनिक उपकरणों के साथ साथ अब सभी तरह के कपड़े, शूज, कॉस्मेटिक आदि छोटी से लेकर बड़ी वस्तुओं तक में विदेशी कंपनियों का प्रभुत्व बढ़ता ही जा रहा है. हर तरफ यही देखा जा रहा है कि लोग अब देशी के साथ साथ विदेशी वस्तुएं भी पसंद कर रहे हैं.

बाजार में वस्तुओं की बिक्री अधिक
कुछ विदेशी वस्तुओं की कीमतें काफी कम होने के कारण उनकी बिक्री अधिक रहती है. चाहे टार्च, ब्लेड, नेल कटर, अन्य शो की वस्तुएं चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिक्ंस के साथ साथ नियमित रूप से काम में आनेवाली कई छोटी छोटी वस्तुएं, सभी बाजारों में बहुत कम कीमत में उपलब्ध हैं. शायद इसी कारण इन वस्तुओं की बिक्री अधिक है. कहीं कहीं तो दाम बहुत कम होने के कारण भी उपभोक्ता इन वस्तुओं को पसंद करते हैं. विदेशी कंपनियां पहले काफी कम कीमत में माल लोगों को उपलब्ध करवाती हैं. उसके बाद बाजार में पूरी तरह कब्जा करने के बाद कीमतें बढ़ा देती है.

कीमतें कम रहने से बढ़ रहा क्रेज
एक तो अब आयात आसानी से होता है, उस पर विदेशी क्रॉकरी, परफ्यूम तथा कपड़े और छोटी छोटी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की कीमतें काफी कम हैं. इस कारण भी लोगों का रुझान अधिक बढ़ रहा है. एक समय था जब विदेशी वस्तुओं के प्रति आर्थिक रूप से संपन्न वर्ग का ही अधिक रूझान रहता था, लेकिन अब यह क्रेज मध्यम वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तक पहुंच गया है. क्योंकि एक समय में जब विदेशी वस्तुएं काफी महंगी हुआ करती थी लेकिन अब कुछ कुछ विदेशी वस्तुएं तो काफी कम कीमतों में उपलब्ध रहती है.

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