अमरावती

जिले में श्वानदंश की बढ रही घटनाएं

11 माह में 23 हजार अधिक लोग हुए है शिकार

* आवारा श्वानों बढती संख्या नागरिकों का बन रही सिरदर्द
अमरावती/दि.28– जिले में ग्रामीण क्षेत्र सहित शहरी क्षेत्र में आवारा श्वानों का जमावडा बडी संख्या में दिखाई देता है. वाहनचालकों पर आवारा श्वान हमला करने की अनेक शिकायतें आ रही है. जिले में श्वानदंश की घटनाएं बढ रही है. जनवरी से नवंबर इन 11 माह में 23 हजार 878 नागरिकों को श्वानदंश हुआ है, तथा 1 हजार 819 नागरिक अन्य पशुओं द्वारा हमला के शिकार होने की जानकारी जिला अस्पताल द्वारा दी गई. शहर में दिन ब दिन श्वानों की बढती संख्या नागरिकों के लिए सिरदर्द बन गई है. ग्रामीण क्षेत्र में भी यही समस्या है. आवारा श्वानों के बंदोबस्त के लिए पालिका प्रशासन द्वारा कोई उपाय योजना नहीं की जाती, ऐसा नागरिकों का कहना है. श्वानदंश होने पर रेबीज विषाणूजन्य बीमारी न हो इसके लिए जिला अस्पताल तथा अन्य सभी सरकारी अस्पतालों में अँटिरेबीज इंजक्ेशन मुफ्त दिया जाता है. शहर के अनेक स्थानाेंं पर नाश्ते की दुकानें लगी है. यहां पर बडी संख्या में श्वानों का जमावाडा दिखता है. तथा रात के समय आना-जाना करने वाले नागरिकों पर आवारा श्वान हमला करते है. जिससे हादसे भी बढ रहे है. इसलिए आवारा श्वानों का महापालिका प्रशासन ने बंदोबस्त करने की मांग जोर पकड रही है.

* तुरंत इलाज कराएं
रेबीज बीमारी प्राणियों की लार से फैलती है. इसलिए श्वान या अन्य किसी भी पशु ने काटने पर सबसे पहले जिस जगह पर जख्म हुई है, उसे पानी से धो लें. इसके बाद तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल जाकर अँटिरेबीज इंजेक्शन लें. जिससे भविष्य में रेबीज का खतरा टाला जा सकता है. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इंजेक्शन उपलब्ध किया जाता है.
-डॉ.दिलीप सौंदले, जिला शल्य चिकित्सक

* पेट में इंजेक्शन लेने की जरूरत नहीं
श्वान के काटने से मरीज को रेबीज हो सकता है. इसलिए 14 दिनों तक लगातार पेट में इंजेक्शन लेना पडता है, ऐसी गलतफहमी नागरिकों में है. लेकिन अब पेट में इंजेक्शन लेने की जरूरत नहीं. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में रेबीज का इंजेक्शन मुफ्त दिया जाता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी यह टीका उपलब्ध है.

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