
* इंधन के महंगे होने से इलेक्ट्रीक वाहनों की खपत बढी
अमरावती /दि.5– इन दिनों पेट्रोल व डीजल जैसे इंधन में महंगे हो जाने के चलते कई लोगों ने सीएनजी वाहनों सहित इलेक्ट्रीक पर चलने वाले वाहनों को खरीदना शुरु किया है. परंतु सीमित रफ्तार के साथ दौडने वाले इलेक्ट्रीक वाहनों की रफ्तार को बढाने हेतु कई लोग इलेक्ट्रीक वाहनों में मनमाने ढंग से बदलाव यानि मॉडिफिकेशन करते है. परंतु इस तरह से इलेक्ट्रीक वाहनों की रफ्तार बढाना जान के लिए खतरा होने के साथ ही आर्थिक नुकसान की वजह भी बन सकता है. क्योंकि इस तरह से मॉडिफिकेशन करते हुए इलेक्ट्रीक वाहनों को तेज रफ्तार के साथ चलाने पर इलेक्ट्रीक वाहनों में अचानक आग भी लग सकती है. साथ ही साथ इलेक्ट्रीक वाहनों में मॉडिफिकेशन की बात समझमें आने पर यातायात पुलिस व आरटीओ द्वारा संबंधित वाहन चालकों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई भी की जा सकती है.
बता दें कि, इन दिनों बाजार में विविध कंपनियों के ‘ईवी’ दुपहिया वाहन विक्री हेतु उपलब्ध है. इन वाहनों का रजिस्टेशन उनकी पॉवर के अनुदान किया जाता है और प्रत्येक वाहन में उसकी क्षमता के अनुसार ही बैटरी लगाई जाती है. जिसके चलते अलग-अलग इलेक्ट्रीक वाहन की अपनी क्षमता के अनुरुप एक निश्चित रफ्तार होती है. परंतु कई लोग अपने ईवी वाहनों की रफ्तार में इजाफा करने हेतु वाहनों में मनमाने ढंग से बदलाव करते है. परंतु ऐसा करना पूरी तरह से नियमबाह्य रहने के साथ ही खतरनाक भी साबित हो सकता है, क्योंकि ऐसा करने की वजह से रास्ते पर दौडते समय वाहन में आग लग सकती है. जिसमें जान जाने का भी खतरा होता है.
उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष 4 अक्तूबर को इर्विन चौक में यातायात पुलिस शाखा के ठीक सामने एक इलेक्ट्रीक बाइक जलकर खाक हो गई थी. उसकी वजह से एक माल वाहक ऑटो रिक्शा का भी नुकसान हुआ था. ऐसे में ईवी वाहन में बिना अनुमति मनमाने ढंग से किी भी तरह का बदलाव करना घातक साबित हो सकता है. अत: बैटरी भी क्षमता के अनुसार ही उसे चार्ज करना जरुरी होता है.
* निर्धारित पॉवर के अनुसार ईवी का रजिस्टेशन
ईवी वाहन की पॉवर 25 सीसी, 50 सीसी व उससे अधिक रहने पर उस अनुसार ही वाहनों का रजिस्टेशन किया जाता है. ऐसे में तय क्षमता से अधिक क्षमता वाली बैटरी का प्रयोग करने पर तांत्रिक दोष पैदा हो सकते है. साथ ही साथ डिस्चार्ज बैटरी को ओवर चार्ज करना भी खतरनाक हो सकता है. क्योंकि ओवर चार्ज करने पर बैटरी में विस्फोर्ट होने की संभावना रहती है. अत: आवश्यक सतर्कता बरतना जरुरी होता है.
* यह सतर्कता जरुरी
ईवी को चार्ज करने हेतु स्वतंत्र कनेक्शन दिया गया होता है. बैटरी ओवर चार्ज न होने पाये, इस हेतु स्कॉकिट, चार्जिंग किट व कॉड को चेक करना जरुरी होता है. साथ ही घर के अन्य विद्युत उपकरणों के जरिए ईवी को चार्ज नहीं करने की सलाह दी जाती है.
* जिले में कितने ईवी वाहन
वाहन प्रकार संख्या
दुपहिया 12,656
कार 480
मोपेड 1290
मालवाहक (चारपहिया) 573
मालवाहक (तिपहिया) 218
यात्री वाहन (तिपहिया) 2206