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सरकारी शाला व नौकरी के निजीकरण के विरोध में बेमियादी धरना आंदोलन

आजाद समाज पार्टी आक्रामक

* सांसद व विधायकों को अपनी भूमिका स्पष्ट करने कहा
अमरावती/दि.27- दस दिन पूर्व दिए गए ज्ञापन के बावजूद शासन व्दारा पहल न किए जाने से बुधवार 27 सितंबर से आजाद समाज पार्टी ने सरकारी शाला व नौकरी के निजीकरण के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बेमियादी धरना आंदोलन शुरु किया है. जब तक मांग पूर्ण नहीं होती तब तक यह आंदोलन शुरु रखने की चेतावनी विदर्भ संगठक किरण गुडधे ने दी है. साथ ही स्थानीय सांसद व विधायकों को अपनी भूमिका शासन निर्णय के विरोध में स्पष्ट करने की मांग की है.
राज्य सरकार को आडे हाथों लेते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि बालकों को उत्तम दर्जे की शिक्षा देकर उन्हें मुक्त प्रवाह में लाना यह सरकार का कर्तव्य है. राज्य सरकार इस ओर पूरी तरह अनदेखी कर भारतीय संविधान के समान अवसर और शिक्षा के अधिकार कानून को धता बता रही है. राज्य में करीबन 50 से 60 प्रतिशत तथा जनता ग्रामीण इलाकों में रहती है. जिला परिषद शाला में पढनेवाले अधिकांश विद्यार्थी गरीब, कामगार, किसान, खेतिहर मजदूर, वंचित, उपेक्षित, बहुजन समाज के हैं. शहर के नगर परिषद व मनपा शाला में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों के पालक भी मेहनत, मजदूरी वाले रहने से अधिकांश समय उनका परिश्रम में ही जाता है. कॉनमेंट की महंगी शिक्षा उन्हें करवाना संभव नहीं है. 18 सितंबर 2023 का राज्य सरकार का शासन निर्णय शिक्षा का निजीकरण करने के लिए है. इसी के विरोध में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) पार्टी के विदर्भ संगठक किरण गुडधे के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आज से बेमियादी धरना आंदोलन शुरु किया गया है. इस आंदोलन में मनीष साठे, किरण गुडधे, सनी चौहाण, रवींद्र फुले, अनिल फुलझेले, विजय सवई, रवि हजारे, अक्षय पांडे, नानासाहब धुले, मिलिंद मेश्राम, अतुल डकराम, रवींद्र बागडे, प्रवीण आठवले, अश्वीन मेश्राम, दिलीप पाटिल, उमेश खराटे, विनय सोलंके, डॉ. महेश बलांसे, लक्ष्मण चापलकर, जीतेंद्र रामटेके, जंजीसिंग टांक, धर्मपाल पिलावन, अंजिक्य मोहोड, ज्ञानेश्वर गडलिंग, बालू ढोके, रामा चौधरी, ऋषिकेश रामटेके, संजय गडलिंग, सुरेश ठाकरे, अशोक इंगोले, भाउराव उके, जयराम पवार, सुनील शेलके, अरुण तंतरपाले, सागर ढोके, समाधान रौराले, प्रकाश चाफले, संदीप भालाघरे, सुप्रिया खाब्रागडे, रीना बनसोड, संगीता घरडे, ज्योति बोरकर, मीना नागदीवे, विशाखा मेश्राम, सुनंदा गवई, वर्षा मोहोड, प्रतिक्षा वासनिक, प्रज्ञा दांडगे, वीणा स्वर्गे, पूजा शंभरकर, मालता कोकणे, हर्षा इंगले, ललिता गावंडे, वंदना बोरकर, ज्योति घावडे, बेबी वरघट, सुलोचना मेश्राम, रेशमा घोरपडे, सीमा दहीले, बेबी भालाघरे, वीर वाहरे, सौरभ मेश्राम, रोहित भटकर, संजय आठवले, अनिल नेमाडे, श्रुति शेंडे, जीवन बागडे, प्रतीक खडसे, राहुल चोपडे, विशाल चवरे, अनिकेत वानखडे समेत पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, विद्यार्थी, महिलाओं समेत नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

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