अमरावतीमहाराष्ट्र

उष्माघात के मरीजों हेतु जिला सामान्य अस्पताल में स्वतंत्र व्यवस्था

अमरावती/ दि. 19– जिले में इस समय गर्मी का असर अच्छा खासा बढने लगा है और दोपहर के समय घर के बाहर निकलना भी धीरे-धीरे मुश्किल होने लगा है. ऐसे में इस चिलचिलाती धूप की वजह से उष्माघात होने का खतरा भी हो सकता है. जिसे ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर जिला स्वास्थ्य प्रशासन ने जिला सामान्य अस्पताल के दो वार्डो में उष्माघात के मरीजों हेतु स्वतंत्र व्यवस्था की है. ऐसी जानकारी अस्पताल प्रशासन द्बारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि विगत रविवार को अमरावती शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में कई स्थानों पर बेमौसम बारिश होने के चलते फिलहाल तापमान में कुछ हद तक गिरावट आयी है. परंतु इस बार फरवरी माह से ही जिलेे में धूप चटकना शुरू हो गई थी. जिसे देखते हुए इस बार अप्रैल और मई माह के दौरान धूप की तपिश काफी अधिक तेज रहने की संभावना जताई गई है. बतादे कि इंसानी शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहता हैं और इससे अधिक तापमान बढ जाने पर पसीना आने के साथ ही शरीर के ठंडा होने की प्रक्रिया शुरू होती है और वहीं शरीर में पानी के खत्म होने पर पसीना आना बंद होते हुए मुंह सूखने लगता हैं. इसके चलते उष्माघात की संभावना बढ जाती हैं. ऐसे में तेज धूप के समय बाहर निकलते वक्त विशेष सतर्कता बरतना बेहद जरूरी होता हैं.
गर्मी के मौसम दौरान उष्माघात के बढते मामलों को ध्यान में रखते हुए जिला सामान्य अस्पताल में महिला मरीजों हेतु वार्ड क्रमांक 1 तथा पुरूष मरीजों हेतु वार्ड क्रमांक 6 व 8 में स्वतंत्र बेड व्यवस्था की गई है. ज्ञात रहे कि विगत 14 मार्च को तिवसा तहसील के सुरवाडी खुर्द स्थित खेत के चौकीदार की आकस्मिक मौत हो गई जो उष्माघात से होने की संभावना जताई गई है.
गर्मी की बढती तीव्रता को ध्यान में रखते हुए जिला सामान्य अस्पताल के वार्ड क्रमांक 1 और 8 में उष्माघात के मरीजों हेतु स्वतंत्र व्यवस्था की गई है. साथ ही उपजिला अस्पतालों व ग्रामीण अस्पतालों में भी उष्माघात के मरीजों हेतु दो-दो बेड की व्यवस्था हैं. जिले में फिलहाल अधिकारिक तौर पर उष्माघात का एक भी मरीज नहीं पाया गया है.
-डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्य चिकित्सक

 

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