अमरावतीमहाराष्ट्र

जेलों में तृतीयपंथियों के लिए स्वतंत्र बैरक

राज्य में पहला प्रयोग नागपुर जेल में

नागपुर /दि.23– तृतीयपंथिय कैदियों के लिए स्वतंत्र बैरक तैयार की जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 3.45 करोड रुपए मंजूर किये गये है. तृतीयपंथिय कैदियों के लिए स्वतंत्र बैरक बनाने का यह पहला प्रयोग राज्य में सबसे पहले नागपुर की सेंट्रल जेल में किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि, तृतीयपंथियों के हाथों कोई अपराध घटित होने के बाद उन्हें जेल के भीतर महिलाओं अथवा पुरुषों के बैरक में रखना काफी दिक्कतभरा काम हो जाता है. लेकिन इस विषय को लेकर कोई अलग से व्यवस्था नहीं रहने के चलते कई बार तृतीयपंथिय कैदियों को पुरुषों की बैरक में ही रखा जाता है. परंतु पुरुषों की बैरक में तृतीयपंथियों के साथ लैंगिक शोषण व छेडखानी के अलावा जोरजबर्दस्ती वाले मामले भी घटित होने की घटनाएं इससे पहले राज्य की कई जेलों में घटित हो चुकी है. जिसे ध्यान में रखते हुए कुछ दिन पहले ही उच्च न्यायालय में तृतीयपंथियों के लिए जेलों में स्वतंत्र बैरक बनाने का निर्देश दिया था. पश्चात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को जेलों में तृतीयपंथियों के लिए स्वतंत्र बैरक निर्माण करने के निर्देश जारी किये थे. जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में पहली बार तृतीयपंथियों के लिए जेल के भीतर स्वतंत्र बैरक बनाने का निर्णय लिया है. जिसे प्रायोगिक तत्व पर नागपुर सेंट्रल जेल में अमल में लाया जा रहा है.

विशेष उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2021 के दौरान नागपुर सेंट्रल जेल में एक तृतीयपंथिय कैदी पर एक जेल अधिकारी व एक जेल कर्मचारी सहित 4 कैदियों द्वारा लैंगिक अत्याचार किये जाने का आरोप सामने आया था और यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था. वहीं इससे पहले भी पुरुष कैदियों के बैरक में तृतीयपंथिय कैदियों को रखे जाने पर उनके साथ बलात्कार, छेडछाड व विनयभंग जैसी घटनाएं घटित होने के कई मामले सामने आ चुके है. जिन्हें देखते हुए हाईकोर्ट ने सभी जेलों में तृतीयपंथिय कैदियों के लिए स्वतंत्र बैरक बनाने का निर्देश जारी किया है.

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