विदर्भ में मतविभाजन हेतु उद्दंड हुए निर्दलीय
महाराष्ट्र में ‘हरियाणा पैटर्न’ चलाये जाने की चर्चा
अमरावती/दि.4 – आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय संग्राम शुुरु हो चुका है. वहीं फिलहाल चुनावी अखाडे में रहने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि, विदर्भ के 62 में से अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में निर्दलीय काफी उद्दंड हो चले है. जिसके चलते महाराष्ट्र में भी ‘हरियाणा पैटर्न’ का खेल खेले जाने की चर्चा है. क्योंकि कई निर्वाचन क्षेत्र ऐसे है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में महज 4 या 5 निर्दलीय प्रत्याशी थे. वहीं उन्हीं निर्वाचन क्षेत्रों में अब निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 30 से 35 पर जा पहुंची है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक यह मानकर चल रहे है कि, हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में भी भाजपा द्वारा निर्दलीय उम्मीदवारों के जरिए वोटों के विभाजन का सूक्ष्म व्यवस्थापन करते हुए सत्ता हासिल करने का नियोजन किया जा रहा है.
वर्ष 2019 का चुनाव लड चुके निर्दलीय प्रत्याशियों तथा वर्ष 2024 का चुनाव लडने हेतु नामांकन भरने हेतु निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या विदर्भ क्षेत्र के लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों में अच्छी खासी बढी हुई है. विदर्भ के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों तथा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बडे पैमाने पर जातिगत वोटों के बंटवारे पर ध्यान दिया गया है. ऐसा कहा जा सकता है. बडनेरा के मौजूदा विधायक रवि राणा इस बार महायुति की ओर से उम्मीदवार है. जिनके खिलाफ 36 निर्दलीयों द्वारा नामांकन भरे गये है. जबकि वर्ष 2019 में बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के चुनावी अखाडे में केवल 8 निर्दलीय प्रत्याशी थे. इसी तरह अचलपुर, कारंजा, चिखली, वाशिम व उमरखेड विधानसभा क्षेत्रों में पिछली बार केवल 4 से 5 निर्दलीय प्रत्याशी थे. जहां पर इस बार निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 30 से 35 पर जा पहुंची है.
* दलित व मुस्लिम वोटों के विभाजन पर ध्यान
दलितों व मुस्लिमों के गठ्ठा वोट महाविकास आघाडी की ओर जाने का खतरा टालने हेतु ऐसे मतदाताओं की संख्या अधिक रहने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्याशियों की अच्छी खासी फौज मैदान में उतार दी गई है, ताकि दलीतों व मुस्लिमों के वोटों को बांटा जा सके. विदर्भ के मूर्तिजापुर, उमरेड, भंडारा, चंद्रपुर व अर्जुनी मोरगांव निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलियों की संख्या 20 से अधिक है. अर्जुनी मोरगांव में पिछली बार केवल 3 निर्दलीय प्रत्याशी थे. जिनकी संख्या इस बार 27 के आसपास है. इसके अलावा मध्य नागपुर, यवतमाल, चिखली व मलकापुर जैसे मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में बडे पैमाने पर मुस्लिम निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में खडे है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राजनीतिक दलों एवं विभिन्न निजी एजेंसियों द्वारा किये गये सर्वेक्षण के तहत जिन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा को खतरा अधिक बताया गया है, उन निर्वाचन क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या भी अधिक दिखाई दे रही है.
* निर्वाचन क्षेत्र निहाय निर्दलियों की संख्या
निर्दलीय वर्ष 2019 वर्ष 2024 (नामांकन वापसी से पहले)
अमरावती 09 19
बडनेरा 08 36
धामणगांव रेल्वे 11 14
तिवसा 02 21
दर्यापुर 08 23
मेलघाट 03 18
अचलपुर 00 23
मोर्शी 08 19
मलकापुर 06 16
बुलढाणा 08 13
चिखली 03 35
सिंदखेड राजा 06 30
मेहकर 01 21
खामगांव 02 14
जलगांव जामोद 09 09
अकोट 07 14
बालापुर 02 22
अकोला पश्चिम 04 10
अकोला पूर्व 09 15
मूर्तिजापुर 08 24
रिसोड 08 10
वाशिम 11 31
कारंजा 03 34
आर्वी 04 15
देवली 06 06
हिंगणघाट 07 08
वर्धा 05 20
काटोल 02 11
सावनेर 02 08
हिंगणा 06 14
उमरेड 02 14
दक्षिण पश्चिम नागपुर 07 06
दक्षिण नागपुर 06 08
पूर्व नागपुर 05 12
नागपुर मध्य 05 22
नागपुर पश्चिम 08 14
नागपुर उत्तर 05 11
कामठी 05 15
रामटेक 03 15
तुमसर 05 16
भंडारा 08 23
साकोली 07 11
अर्जुनी मोरगांव 03 27
तिरोडा 08 22
गोंदिया 11 24
आमगांव 04 08
आरमोरी 06 07
गडचिरोली 08 08
अहेरी 03 09
राजूरा 05 10
चंद्रपुर 04 10
बल्हारपुर 05 20
ब्रह्मपुरी 04 06
चिमूर 04 11
वरोरा 04 18
वणी 05 08
रालेगांव 04 09
यवतमाल 08 25
दिग्रस 04 11
आर्णी 05 21
पुसद 07 21
उमरखेड 03 37