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भारत जोडो यात्रा से देश का मूड और माहौल बदल रहा है

पूर्व मंत्री व विधायक यशोमती ठाकुर का कथन

* अमरावती मंडल को दिया विशेष साक्षात्कार
* सांसद राहुल गांधी को बताया ‘मॉडर्न गांधी’
* बोली – लोग अब राहुल के नए रुप को देख रहे है
* यात्रा के व्यापक परिणाम जल्द आएंगे सामने
अमरावती/दि.10- साम, दाम, दंड, भेद की नीतियां अपनाकर येन-केन प्रकारेण देश की सत्ता हथियाने वाले लोगों ने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले गांधी परिवार, विशेषत: कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी पर किचड उछालने व उनका चरित्र हनन करने में कोई कोरकसर नहीं छोडी थी. लेकिन ऐसे तमाम बेसिर पैर वाले आरोपों की परवाह किए बिना कांग्रेस सांसद राहुल गांधी विगत 8 वर्षो से लगातार आगे बढ रहे हैं. साथ ही अब वे कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोडो यात्रा पर निकले हैं ताकि विविधताओं से भरे इस देश को एक बार फिर एक सूत्र में पिरोया जा सकेें और देश भी उन्हें पूरा साथ व सहयोग दे रहा हैं. यही वजह है कि, हर शहर व हर डगर में राहुल गांधी के साथ रोजाना हजारों हजार लोगों की भीड स्वयंस्फूर्त रुप से चल रही हैं. जिससे यह साफ व स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है कि, अब इस देश में माहौल और लोगोंं का मूड बदल रहा हैं. इस आशय का प्रतिपादन कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री तथा पूर्व मंत्री व विधायक यशोमती ठाकुर व्दारा किया गया.
बता दें कि, किसी समय सांसद राहुल गांधी की युथ ब्रिगेड का हिस्सा रही पूर्व मंत्री व विधायक यशोमती ठाकुर पर पार्टी ने विदर्भ क्षेत्र में भारत जोडो यात्रा के संयोजन का जिम्मा सौंपा हैं और वे नांदेड से शेगांव की ओर आगे बढ रही हैं. इस यात्रा के लिए तमाम आवश्यक प्रबंध करने के साथ ही शेगांव में होने वाले सांसद राहुल गांधी के विशालकाय जनसभा को सफल बनाने के नियोजन में जुटी हुई हैं. इन्हीं तमाम तैयारियों व नियोजन को लेकर दै. अमरावती मंडल ने आज पूर्व मंत्री व विधायक यशोमती ठाकुर के साथ विशेष तौर पर बातचीत की और इस विशेष साक्षात्कार में उन्होंने उपरोक्त प्रतिपादन किया. यह बातचीत कुछ इस तरह रही.
* इस यात्रा से देश और कांग्रेस पार्टी को क्या फायदा होगा?
– सबसे अव्वल तो यह बात ध्यान में रखी जानी चाहिए कि, हमारे नेता व सांसद राहुल गांधी देश को एकजुट बनाए रखने और एकसूत्रता में पिरोने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोडो यात्रा पर निकले हैैं और विगत 50 दिनों के दौरान 1 हजार किमी. के आस-पास की यात्रा पूरी कर चुके हैं. इस यात्रा को समाज के सभी वगार्ें से मिल रहे प्रतिसाद को देखते हुए यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि, देश को इसका सौ फीसद फायदा होगा और यदि देश को किसी बात से फायदा होता है, तो कांगे्रस पार्टी व हम लोग भी देश से अलग नहीं हैं ऐसे में इसका हम सभी को फायदा होगा. आज देश में जिस तरह की कट्टरपंथी ताकतें मजबूत हो रही हैं और समाज के अलग-अलग वर्गो के बीच दूरी बनाई जा रही है, उसे देखते हुए देश व समाज को एकजुट रखने हेतु इस यात्रा की सख्त जरुरत थी और समय की इस जरुरत को जैसे ही कांग्रेस पार्टी ने सबके सामने रखा तो समाज को सभी वर्गो ने इसे हाथों हाथ लिया.
* आपके हाथ में विदर्भ क्षेत्र में यात्रा के संयोजन व नेतृत्व की जिम्मेदारी है, क्या तैयारियां चल रही हैं?
– नांदेड से लेकर शेगांव तक यह यात्रा पहुंचने में करीब 12 दिन का समय लगना है और इसके बाद भी अगले करीब चार दिनों तक यह यात्रा महाराष्ट्र में रहेंगी. चूंकि महाराष्ट्र में इस यात्रा का ज्यादातर रुट पश्चिम विदर्भ क्षेत्र से ही होकर गुजर रहा हैें. ऐसे में हमारी वैसे भी जिम्मेदारी ज्यादा बनती है, साथ ही अब चूंकि पार्टी ने नियोजन और तैयारी को लेकर अधिकारिक तौर पर जिम्मा सौंपा है, तो हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ गई हैं. जिसे पूरा करने के लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं. आगामी 18 नवंबर को शेगांव में होने जा रही सांसद राहुल गांधी की जनसभा को सफल बनाने के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं. इस जनसभा में विदर्भ सहित महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से कई लाख लोगों के जुटने की पूरी उम्मीदें.
* आप इस यात्रा में राहुलजी के साथ कब और कितना पैदल चलेंगी?
– निश्चित रुप से मुझे भी इस पदयात्रा में अपने नेता राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना हैं. विगत दो-तीन दिनों से मैं शेगांव में रहकर यहां होने वाली जनसभा की प्राथमिक तैयारियों को पूरा कर रही थी और आज ही नांदेड जाने के लिए निकली हूं. नांदेड पहुंचकर अगले करीब दो-तीन दिन मैं इस पदयात्रा में हिस्सा लूंगी और उसके बाद शेगांव की जनसभा को लेकर अगली तैयारियां करने हेतु एक बार फिर शेगांव वापिस लौट आउंगी.
* गांधी परिवार के सदस्य और एक नेता के तौर पर आप राहुल गांधी को किस तरह देखती हैं?
– जिस तरह आजादी से पहले महात्मा गांधी ने पूरे देश को अन्यायी व अत्याचारी सत्ता के खिलाफ एकजुट करके खडा किया था, उसी तरह आज भी इस देश में निरंकुश सत्ता के खिलाफ मॉडर्न गांधी की जरुरत महसूस की जा रही थी. जिसे सांसद राहुल गांधी के रुप में हम सब देख सकते हैं. उन्हें देखकर महात्मा गांधी व्दारा देश में आजादी पूर्व काल के दौरान निकाली गई पदयात्रा को याद किया जा सकता हैं. साथ ही इस पदयात्रा के जरिए देश राहुल गांधी के संगठन कौशल्य व नेतृत्व क्षमता के साथ ही उनके सहज व सरल स्वभाव से भी परिचित हो रहा हैं और अब कुछ लोगों व्दारा सोशल मिडिया पर करोडो रुपए खर्च करते हुए तैयार की गई वे तमाम भ्रांतियां एक-एक कर टूट रही हैं. जिनमें राहुल गांधी सहित उनके परिजनों हेतु क्या-क्या कहा गया था. मेरे हिसाब से विरोधी दलों व्दारा राहुल गांधी पर जितना प्रहार किया गया उतने ही अधिक वे मजबूत होते चले गए.
* क्या आपको लगता है कि देश की इलेक्ट्रानिक व मेन स्ट्रीम मिडिया इस यात्रा को अपेक्षित कवरेज नहीं दे रही?
– बिल्कुल, अगर महाराष्ट्र की ईडी सरकार का एक मंत्री कोई हल्का-फुल्का बयान देता है, तो प्रादेशिक चैनलों से लेकर नैशनल मिडिया तक उसे लाइव कवरेज देने के साथ ही उस पर कई-कई घंटों की बहस करवाई जाती हैं. लेकिन देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी का इतना बडा नेता साढे तीन हजार किमी. की देशव्यापी यात्रा पर निकला हैं. जिसे देश के विभिन्न राज्यों में पिछले 50 दिनों से अपार जनसमर्थन मिल रहा हैं, लेकिन मेन स्ट्रीम मिडिया में इस खबर को बिल्कुल भी अपेक्षित कवरेज नहीं दिया जा रहा. यह खुली आंखो से दिखाई दे रहा हैं, लेेकिन वहीं दूसरी ओर सोशल मिडिया में इस समय केवल और केवल राहुल गांधी ही छाए हुए हैं और लोगबाग खुद होकर उनके साथ चलने को लालायित हैं, साथ ही उनके आने का कई-कई घंटों तक इंतजार भी कर रहे है यानी मिडिया में दबाए जाने के बावजूद यह यात्रा आमजनों के बीच लोकप्रिय व मुखर हो रही हैं.
* भारत जोडो यात्रा का दूसरा चरण भी घोषित हो चुका है, जिसमें राहुल गांधी अगले साल आसम से गुजरात के कच्छ तक पदयात्रा करेंगे, इस बारे में क्या कहना चाहेंगी?
– हमें कल ही इस बारे में जानकारी मिली और चूंकि अब नियोजन शुरु हो चुका है, तो निश्चित रुप से पूर्वोत्तर से पश्चिम तक यात्रा भी होगी. जिस तरह दक्षिण से उत्तर की भारत जोडो यात्रा को प्रतिसाद मिला है उसी तरह हल्ली यात्रा को भी प्रतिसाद मिलेगा यह तय हैं. फिलहाल तो हमारा पूरा फोकस इस समय चल रही यात्रा पर हैं. यह यात्रा सफलतापूर्वक पूर्ण होने के बाद हम अगली यात्रा के बारे में सोचेंगे.
* गांधी परिवार के किसी भी सदस्य व्दारा यह पहली पैदल भारत यात्रा है, इसे आप किस तरह से देखती हैं?
-गांधी परिवार और इस देश के सामाजिक मूल्यों का अपनेआप में बेहद गहरा जुडाव हैं, जिसे कोई भी एक दूसरे से अलग नहीं कर सकता हैं. गांधी परिवार की रगों में भारत खून बनकर बहता है और इस परिवार ने इस देश के लिए अपना खून भी दिया हैं. इस बात को कतई भूला नहीं जाना चाहिए. चूंकि विगत कुछ समय से सोशल मिडिया के जरिए गांधी परिवार को लेकर एक नकली व आभासी आभामंडल तैयार कर दिया गया था, जिसे तोडने के लिए जमीन पर उतरना बेहत जरुरी था, यही वजह है कि, आज पार्टी के सबसे बडे नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलने हेतु देश की सडकोें पर हैं और विपक्षी दलों ने आज तक जितने भी आरोप लगाए हैं, उन सभी का वे अपने कार्र्यो व कर्तृृत्वों से बिना कुछ कहें जवाब दे रहे हैं, साथ ही सबसे उल्लेखनीय बात यह भी है कि, देश की जनता भी आभासी भ्रमजाल से बाहर आकर अब हकिकत को जानने और समझने लगी हैं.
* विपक्षी दलों व्दारा अब तक कई बार यह आरोप लगाए जाते रहे है, कि राहुलजी हमेशा विदेशों में घूमते रहते है, काफी देर से उठते हैं और उनका आम जनता से कोई सीधा जुडाव नहीं हैं. इस बारे में क्या कहेंगी?
– आज देश सहित दुनिया देख रही है, राहुलजी रोजाना सुबह 6 बजे अपनी पदयात्रा शुरु कर देते हैं. जिसके लिए उन्हें निश्चित तौर पर सुबह 4.30 से 5 बजे के आस-पास उठना पडता हैं. वहीं पूरा दिन चिलचिलाती धूप में हजारों लोगों की भीड का नेतृत्व करते हुए करीब 25 किमी. की वे पदयात्रा कर रहे हैं. इस दौरान उनकी समाज के विभिन्न वर्गो से मुलाकात भी हो रही हैं और वे मिलने व सेल्फि लेने के लिए किसी को निराश भी नहीं कर रहे. इन तमाम बातों को देखते हुए कहा जा सकता है, कि विरोधी दलों व्दारा लगाए जाने वाले आरोपों में कोई दम नहीं है यह अपने आप ही स्पष्ट हो गया हैं.
* महाराष्ट्र में इस पदयात्रा के चलते किस तरह का उत्साह है और क्या मनपा व जिप के आगामी चुनाव में इसका फायदा मिलेगा?
– जाहीर तौर पर इस पदयात्रा में जिस तरह से समाज के सभी वर्गो का प्रतिसाद मिल रहा हैं, उसे देखकर पार्टीजनों में अच्छा खासा उत्साह हैं और इस पदयात्रा ने पार्टी में नई जान फूंकने का काम किया हैं. यद्यपी यह यात्रा चुनावी फायदे को ध्यान में रखते हुए नहीं निकाली गई है, लेकिन यदि इस यात्रा की वजह से पार्टी का जनाधार बढता है तो निश्चित तौर रुप से पार्टी को इसका चुनाव में भी फायदा होगा.
* यात्रा के दरमियान राहुल गांधी गुजरात व हिमाचल प्रदेश के चुनाव से दूर हैं, इसका पार्टी के प्रदर्शन पर क्या असर होगा?
– अक्सर कांगे्रस पर एक परिवार विशेष की पार्टी रहने का आरोप लगाया जाता हैं, यह आरोप भी इस बार दूर हो जाएगा. इसकी शुरुआत उसी वक्त हो गई जब पार्टी की वरिष्ठ नेता मलिक्काअर्जुन खरगे को पार्टी का अध्यक्ष निर्वाचित होने का अवसर मिला और गांधी परिवार ने खुद को पार्टी अध्यक्ष पद से दूर किया. इसके साथ ही पार्टी अध्यक्ष खरगे व्दारा ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी अभियान की कमान संभाली जाएगी और यदि पार्टी को जरुरत महसूस होती है, तो राहुल गांधी यात्रा के दौरान चुनाव प्रचार करने के लिए जाएंगे. वहीं इस दौरान यात्रा अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रमों के अनुरुप चलती रहेगी.
* भारत जोडो यात्रा को लेकर विरोधी दलों व्दारा अब भी यह कहा जा रहा है, कि इसमें केवल कांग्रेसी ही शामिल है और आम जनता का इससे कोई लेना-देना नहीं हैं.
-अब अगर काई अपनी खुली आंखो से भी साफ-साफ दिखाई देने वाले दृश्य को भी न देखना चाहे, तो इसमें क्या किया जा सकता हैं. साफ दिखाई दे रहा है, कि समाज के विभिन्न वर्गो एवं कार्यक्षेत्रों से जुडे लोग इस पदयात्रा में शामिल हैं. हर शहर व हर जिले में स्थानीय लोगों व्दारा इस पदयात्रा में शिरकत की जा रही हैं. ऐसे में इस पदयात्रा को मिल रहे अभूतपूर्व प्रतिसाद को देखकर हमारे विरोधी दलों के पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी हैैं और वे तर्कहीन बातें कर रहे हैं.
* महराष्ट्र में यह यात्रा केवल 6 जिलों से होकर गुजर रही हैं, ऐसे मेें जहां पर भाजपा व शिवसेना सांसद व विधायक हैं, वहां इस यात्रा को जनता की ओर से कितना प्रतिसाद मिल रहा हैं?
– चूंकि यह यात्रा लगातार 150 दिन यानी 5 महिने तक चलने वाली हैं. ऐसे में यात्रा के मार्ग का नियोजन करते समय यह तक किया गया था, कि यह यात्रा हर राज्य से होकर गुजरे. भले ही उस राज्य का कोई छोटा सा हिस्सा ही इस यात्रा के जरिए कवर हो पाए. महाराष्ट्र अपने आप में काफी बडा राज्य हैं. ऐसे में यदि महाराष्ट्र के कुछ और जिलों को इस यात्रा मेें शामिल किया जाता तो यात्रा की अवधि काफी अधिक बढ सकती थी. यही वजह है कि राज्य के केवल 6 जिलों को इसमें शामिल किया गया. वहीं यात्रा का मार्ग का नियोजन करते समय यह बिल्कुल भी नहीं देखा गया कि कहां से कौन किस पार्टी का सांसद व विधायक हैं. जिन क्षेत्रों में हमारे सांसद या विधायक नहीं है हमें वहां पर भी भरपूर प्रतिसाद मिल रहा हैं. क्योंकि लोग अब वाकई बदलाव चाहते हैैं और इस यात्रा की वजह से लोगों का मूड व देश का माहौल बदल रहा हैं.

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