अमरावतीमहाराष्ट्र

भारतीय और लुंगारे ने भी किया कोर्ट के आदेश का स्वागत

चार माह में होंगे महापालिका चुनाव

* शहरभर में कार्यकर्ता बडे प्रसन्न, शुरु कर दी लॉबिंग
अमरावती /दि.7– उच्चतन न्यायालय द्वारा मंगलवार को राज्य शासन को महापालिका और सभी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए आदेश दिये जाने की घटना का सभी स्वागत कर रहे है, हर्ष व्यक्त कर रहे हैं. राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को तीन वर्ष बाद मनमानी मुराद पूरी होने समान लग रहा है. मनपा के स्थायी समिति सभापति रह चुके तुषार भारतीय और मिनी महापौर रह चुकी सुरेखा लुंगारे ने यह कहते हुए कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है कि, आखिरकार स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में जनता का राज आएगा. उधर अनेकानेक कार्यकर्ताओं ने अब महीनेभर में होने वाली चुनाव घोषणा के साथ अपने राजनीतिक खेवन हार के पास लॉबिंग शुरु कर दी है. अगले कुछ दिनों में प्रत्येक त्यौहार पर यह कार्यकर्ता बडे सक्रिय रहेंगे. पब्लिक की नजर में चढने का उनका प्रयत्न होगा.

* आएगी जनता की सरकार
मिनी महापौर रह चुकी बीजेपी नेता सुरेखा दिगंबर लुंगारे ने कहा कि, बडा स्वागतयोग्य आदेश देश की अदालत ने दिया है. अत्यंत आनंद की बात है कि, स्थानीय स्वराज्य संस्था के तीन वर्षों से प्रलंबित चुनाव अब होने ज रहे हैं. आखिर प्रशासक राज से अमरावती को मुक्ति मिलेगी. लोगों द्वारा चुने गये नगरसेवकों का महापालिका में आगमन होगा. लुंगारे ने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि, अन्य पिछडा वर्ग अर्थात ओबीसी आरक्षण कायम रखा जा रहा है. इससे ओबीसी वर्ग को न्याय मिलेगा, इसमें कोई शंका नहीं. उन्होंने कोर्ट के आदेश को योग्य बताया.

* आमजनों को बडी राहत
मनपा नेता सदन और स्थायी समिति सभापति रहे तुषार भारतीय ने कहा कि, गत तीन वर्षों से स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव नहीं हुए थे. इससे प्रशासन निरंकुश था. शहर की वाट लग गई थी. स्वच्छता और विकास जैसी मूलभूत सेवा की ओर भी घोर लापरवाही बरती गई. सामान्य लोगों की लूट हो रही थी. महापालिका की तिजोरी पर विशिष्ट लोग डाका डाल रहे थे. केवल विशिष्ट परिसर का ही विकास हुआ. अंतर्गत सडकों और नाली के काम अटक गये थे. बाग बगीचों की दुर्दशा हो गई थी. बगीचे इस कदर उपेक्षित हुए कि, वहां लगाये गये उपकरण और बच्चों के खेल-खिलौने टूट फूट गये और पेड-पौधे सूख गये, अब कोर्ट के आदेश से चार माह में जनता की सरकार आएगी. लोकशाही रहेगी. आने वाले जनप्रतिनिधियों पर बडी जिम्मेदारी रहने की बात भारतीय ने कही. उन्होंने कहा कि, पिछला विकास का बैकलॉक पूरा करना पडेगा.

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