अमरावतीमहाराष्ट्र

भारतीय युवाओं को विश्वगुरु भारत के निर्माण के लिए काम करना चाहिए : कुलपति बोकारे

नागपुर में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला

* करियर कट्टा और तायवाडे महाविद्यालय, महादुला कोराडी का संयुक्त आयोजन
* अमरावती विभाग से सबसे ज्यादा प्रस्ताव
अमरावती/दि.1-महाराष्ट्र राज्य उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और महाराष्ट्र सूचना प्रौद्योगिकी सहायता केंद्र के संयुक्त प्रयास से करियर कट्टा के अंतर्गत 2023-2024 शैक्षणिक सत्र के समापन पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति और करियर कट्टा की जिम्मेदारी विषय पर एक वार्षिक समीक्षा कार्यशाला का आयोजन 29 से 31 मार्च के दौरान किया गया था. इस कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. बबनराव तायवाडे की अध्यक्षता में और महाराष्ट्र राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर की उपस्थिति में गोंडवाना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रशांत बोकारे के हाथों संपन्न हुआ. कुलपति डॉ.बोकारे ने उद्घाटन भाषण में भारत की सच्ची संपत्ति युवा पीढ़ी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अत्यंत बुद्धिमान वर्ग विश्व की समस्याओं को हल करने के लिए विश्व के कोने-कोने में विशिष्ट काम कर रहा है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस बौद्धिक संपदा का उपयोग विश्वगुरु भारत के रूप में विश्व मान्यता प्राप्त करने के लिए होना चाहिए.
उद्घाटन अवसर पर करियर कट्टा के राज्य समन्वयक और महाराष्ट्र राज्य सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र के अध्यक्ष यशवंत शितोले, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शरयू तायवाडे और नागपुर विभागीय समन्वयक, प्राचार्य प्रवर्तक, जिला समन्वयक मंच पर उपस्थित थे. शिक्षा क्षेत्र में उद्योग जगत की भागीदारी होनी चाहिए, इस दृष्टिकोण से करियर कट्टा के माध्यम से एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत इस कार्यशाला में की गई. कंपनी अधिनियम 2013 के अनुच्छेद 135 के अनुसार, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) नीति को लागू किया जाता है. देश में काम करने वाली सभी उद्योगों को समाज के सतत विकास के लिए कल्याणकारी योजनाओं में पिछले तीन वर्षों में प्राप्त औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत खर्च करना अनिवार्य है.
इस समय डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर ने उपस्थितों से ऑनलाइन संवाद साधते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए आवश्यक प्रयासों में करियर कट्टा राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, ऐसा कहते हुए सराहना की. कार्यक्रम की अध्यक्षीय चर्चा में डॉ. बबनराव तायवाडे ने इस कार्यशाला के अवसर पर राज्य भर से आए सभी प्राचार्यों और प्रोफेसरों का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों के हित में हर उपक्रम में श्री सचिदानंद शिक्षण संस्थान के आगे आने की बात कही. इस कार्यशाला के उल्लेखनीय सत्र में (एचआर और मूल्यांकन), एडसील के जनरल मैनेजर उत्तम गायकवाड ने देश पातळीवर होने वाली विभिन्न परीक्षाओं, उनमें मौजूद अवसरों और पारदर्शिता पर विस्तृत और गहराई से मार्गदर्शन किया. इस प्रक्रिया में महाराष्ट्र की नगण्य भागीदारी दुर्भाग्यपूर्ण है और अपने विद्यार्थियों को इस विषय में जानकारी देने के लिए विशेष पहल की जानी चाहिए, इसका आह्वान उन्होंने करियर कट्टा से किया और इस पूरे अभियान में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. विभागवार जिला-वार सीएसआर अनुदान प्राप्त करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इसमें अमरावती विभाग से सबसे ज्यादा प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए. आने वाले समय में कौशल विकास, सामाजिक विस्तार कार्य, स्टार्टअप, नवाचार, समस्या समाधान, नवोन्मेष, पर्यावरण संरक्षण, आधुनिक सुविधाएँ, व्यावसायिकता निर्माण, समाजोपयोगी अनुसंधान, सॉफ्ट स्किल्स आदि विषयों पर नवीन परियोजनाएँ नियोजित हैं और उनके लिए करियर कट्टा के माध्यम से प्रत्येक जिले को 1.0 करोड़ रुपये का सीएसआर अनुदान मिलने वाला है. साथ ही प्रत्येक जिले में करियर कट्टा का विद्यार्थी विकास केंद्र, वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र और मोबाइल फूड वैन 2024-2025 सत्र में सीएसआर के तहत समाज की सेवा में आएंगे. इसके लिए जिला-वार प्रस्तावित संस्थाओं और महाविद्यालयों की प्राथमिक चयन की गई है. करियर कट्टा की सख्त योजना, तायवाडे महाविद्यालय प्रशासन की आतिथ्य, कर्मचारियों की आत्मीयता, और राज्य भर से कार्यशाला में भाग लेने वाले करियर कट्टा प्राचार्य प्रवर्तक, विभागीय, जिला, तहसील, महाविद्यालय समन्वयकों की विद्यार्थी हित की चिंता इस कार्यशाला के अवसर पर रेखांकित हुई.

* 4 को विशेष कार्यशाला का आयोजन
उद्योगों की इन सीएसआर गतिविधियों में शैक्षिक संस्थानों को आर्थिक सहायता मिले, इस दृष्टि से करियर कट्टा द्वारा अभिनव विकासोन्मुख योजना में सोशल स्टॉक एक्सचेंज की भागीदारी सुनिश्चित कर शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए पहल की गई है. इसके लिए राज्य भर में काम कर रहे महाविद्यालयों को सीएसआर के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जिला स्तर पर मांगी गई थी. इन परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण करियर कट्टा के जिला समन्वयकों ने समिति के सामने किया. इन परियोजनाओं को और अधिक प्रभावशाली और संक्षिप्त बनाने के लिए 4 अप्रैल 2024 को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

छात्रों को निश्चित होगा लाभ
राज्य के प्रत्येक महाविद्यालय में सीएसआर के माध्यम से अभिनव प्रयोग किए जाने चाहिए और स्वयंभू पीढ़ी तैयार की जानी चाहिए, इसके लिए किए जा रहे प्रयासों को मिलने वाली सहायता प्रेरणादायी है. आगामी सत्र में प्रत्येक जिले में कम से कम 1.0 करोड़ से अधिक अनुदान से 5000 से 7000 वर्ग फुट क्षेत्रफल में विस्तृत विद्यार्थी विकास केंद्र, वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र, मोबाइल फूड वैन और विशेष परियोजना अनुदान प्रदान करने का संकल्प लिया गया है. इसका लाभ विद्यार्थियों के समग्र विकास और महत्वपूर्ण सामाजिक कार्य के लिए निश्चित रूप से होगा.
-यशवंत शितोले, करियर कट्टा, राज्य समन्वयक

सराहनीय पहल
अमरावती विभाग से महाविद्यालयों द्वारा सीएसआर प्रायोजित परियोजनाओं के लिए मिली भरपूर प्रतिक्रिया प्रेरणादायी है. कट्टा की पहल से शिक्षा और उद्योग जगत में पारस्परिक संबंध बनाकर एक-दूसरे की अपेक्षाओं की पूर्ति के दृष्टिकोण से विद्यार्थियों को तैयार करने की प्रक्रिया सरल होगी. वैश्विक दृष्टिकोण से रोजगार के योग्य, उद्यमी और स्व-निर्देशित भविष्य वाले विद्यार्थियों को तैयार करने की दिशा में उठाए गए ये कदम निश्चित रूप से एक अभियान के रूप में आगे बढ़ेंगे.
– डॉ. दिनेश खेडकर, करियर कट्टा,
अमरावती विभाग समन्वयक

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