उद्योगों को अब 5 करोड तक बिना तारण कर्ज
अमरावती/दि.19 – सूक्ष्म व लघु उद्योगों को बिना तारण पुंजी निवेश उपलब्ध कराने हेतु शुरु की गई ‘क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फॉर माइक्रो एण्ड स्मॉल इंटरप्राइजेस’ (सीजीटीएमएसई) योजना की मर्यादा को अब 2 करोड से बढाकर 5 करोड कर दिया गया है. इस योजना पर 1 अप्रैल से अमल करना शुरु कर दिया गया है. जिसके चलते अब उद्योगों को बिना किसी गिरवी या गारंटी के 5 करोड रुपए तक कर्ज मिलेगा. इससे पहले ब्याज दर के अलावा 2 फीसद व कुछ स्थानों पर 3 फीसद तक गारंटी शुल्क कर्जधारकों को अदा करना पडता था. लेकिन अब कर्जधारकों से गारंटी शुल्क लिए बिना उन्हें 2 करोड की बजाय 5 करोड रुपए तक कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा.
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* क्या है सीजीटीएमएसई योजना
सूक्ष्म व लघु उद्योग के लिए पुंजी उपलब्ध कराने हेतु उद्योगों से बैंक द्बारा कारण मांगा जाता है. जिसे ध्यान में रखते हुए, जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सीजीटीएमएसई योजना शुरु की है. इस योजना के तहत बिना तारण कर्ज दिया जाता है. इसके अंतर्गत पहले 2 करोड रुपए का बिना तारण कर्ज किया जाता था. जिसे अब बढाकर 5 करोड रुपए कर्ज दिया गया है.
* किसे मिलता है कर्ज
क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फॉर माइक्रो एण्ड स्मॉल इंटरप्राइजेस अंतर्गत सभी तरह के लघु व सूक्ष्म उद्योगों तथा उद्योजकों को इस योजना का लाभ मिलता है. सूक्ष्म व लघु उद्योगों को गतिमान करने हेतु सरकार ने इस योजना को शुरु किया है. साथ ही अब कर्ज की राशि का प्रमाण भी बढा दिया गया है.
* कौन से दस्तावेज है आवश्यक
योजना का आवेदन, कंपनी पंजीयन प्रमाणपत्र, बिजनेस रिपोर्ट, सीजीटीएमएसई लोन कवरेज पत्र, बैंक से इससे पहले लिए गए कर्ज के दस्तावेज, पहचान पत्र, फोटो तथा बैंक द्बारा निर्देशित अन्य आवश्यक दस्तावेज.
* वार्षिक शुल्क भी बेहद कम
इस योजना अंतर्गत इससे पहले लिए जाने वाले वार्षिक शुल्क में भी कटौती की गई है. 10 लाख रुपए तक के कर्ज हेतु 0.37 फीसद, 10 से 15 लाख रुपयों के कर्ज हेतु 0.55 फीसद, 50 लाख से 1 करोड रुपए के कर्ज हेतु 0.60 फीसद, 1 करोड से 2 करोड रुपए के कर्ज हेतु 1.2 फीसद, 2 करोड से 5 करोड रुपए के कर्ज हेतु 1.35 फीसद वार्षिक शुल्क लिया जाता है.
* उद्योजकों को होता है लाभ
सूक्ष्म व लघु उद्योगों के लिए कर्ज प्राप्त करने हेतु कोई तारण नहीं रहने वाले उद्योजकों को इस योजना का अच्छा खासा लाभ होता है.
* जिले में अत्यल्प प्रतिसाद
अमरावती जिले में इस योजना को अत्यल्प प्रतिसाद मिलने की जानकारी है. जिले औद्योगिक व व्यवसायिक क्षेत्र में बडे पैमाने पर निवेश नहीं होने के चलते इस योजना को बेहद अल्प प्रतिसाद मिला है. साथ ही जिले में बैंक शाखाओं ने भी इस योजना के तहत रकम उपलब्ध कराने में अपना हाथ तंग रखा है.