अमरावतीविदर्भ

मोर्शी एमआयडीसी को उद्योग का इंतजार

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते एक भी बडा प्रकल्प नहीं

मोर्शी – विदर्भ के कैलिफोर्निया के नाम से विख्यात मोर्शी शहर से ४ किमी के अंतर पर २० से २५ वर्ष पूर्व महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआयडीसी) स्थापित की गई थी. किंतु आज तक एमआयडीसी को उद्योगों का इंतजार है. जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते एक भी बडा प्रकल्प यहां पर लाया नहीं गया. मोर्शी शहर को लगकर ही सिंभोरा में अप्पर वर्धा प्रकल्प है. इसी प्रकल्प के पानी के भरोसे पर नांदगांव पेठ की एमआयडीसी में बिजली तैयार की जाती है. किंतु मोर्शी से केवल ४ किमी अंतर पर भाईपुर गांव के पास स्थापित एमआयडीसी सुनी पडी है. केवल एमआयडीसी के नाम पर फलक दिखायी दे रहा है. भौगोलिक परिस्थिति अनुकूल रहने के बाद भी जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते एक भी बडा प्रकल्प यहां नहीं है. जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सके.

उल्लेखनीय है कि अमरावती से वरुड महामार्ग का कांक्रीटीकरण हो चुका है. यातायात के लिए रास्ते तैयार है परिसर का अप्परवर्धा प्रकल्प में पर्याप्त मात्रा में जलसंचय है. अब तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व विधानसभा में पूर्व विधायक पुरुषोत्तम मानकर, परिसर के कद्दावर नेता हर्षवर्धन देशमुख, नरेंशचंद्र ठाकरे, पूर्व कृषिमंत्री डॉॅ. अनिल बोंडे कर चुके है. अब यहां का नेतृत्व विधायक देवेंद्र भुयार कर रहे है. मोर्शी ,वरुड इस जुडवा तहसील में अनेकों बेरोजगार युवक है. एमआयडीसी का भाग्य कब चमकेगा इसका इंतजार है. एमआयडीसी परिसर में नए उद्योग लाए जाए, नागरिक यह भी अपेक्षा कर रहे है. किंतु पिछले २० से २५ सालों से यहां पर कोई भी प्रकल्प लाया नहीं गया. जिसका इंतजार अब भी जुडवा तहसील के नागरिकों को है.

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