अमरावती

संक्रमण बढा, पर खर्च नहीं

दूसरी लहर में हुआ था लाखों का खर्च

  • अब घर में ही रहकर ठीक हो रहे मरीज

  • लक्षण सौम्य रहने से अधिकांश मरीज होम आयसोलेट

अमरावती/दि.24 – डेल्टा वेरियंट की वजह से आयी कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में कोविड संक्रमित मरीजों को बडे पैमाने पर निजी अस्पतालों में भरती किया गया था. जहां पर ऐसे मरीजों के इलाज हेतु 3 से 8 लाख रूपये तक खर्च हुआ था. किंतु अब शुरू हुई तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के लक्षण काफी हद तक सौम्य रहने के चलते अस्पताल में भरती होने की बजाय मरीज डॉक्टरों की सलाह पर घर पर रहते हुए ही इलाज करवाना पसंद कर रहे है और इस समय कुल एक्टिव पॉजीटीव मरीजोें में से 90 फीसद संक्रमितों को होम आयसोलेट करते हुए उनका उनके घर पर ही इलाज किया जा रहा है.
बता दें कि, कोविड संक्रमण की पहली लहर सितंबर 2022 में आयी थी. जिसमें 7 हजार 713 संक्रमित मरीज पाये गये है और 154 संक्रमितोें की मौत हुई थी. जिसके बाद संक्रमण की दूसरी लहर फरवरी 2021 से शुरू हुई, जो जून 2021 के आसपास खत्म हुई. इस दौरान 78 हजार 944 संक्रमित मरीज पाये गये तथा 1 हजार 253 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई. इस समय सरकारी कोविड अस्पताल सहित 30 निजी कोविड अस्पतालों में हाउसफुल्ल वाली स्थिति रही और मरीजों को भरती करने हेतु एक-एक बेड की व्यवस्था करने में काफी मशक्कत करनी पड रही थी. साथ ही यदि इलाज में चार दिन का विलंब हो जाता, तो मरीज की स्थिति गंभीर होने लगती थी तथा संक्रमण फुफ्फुस तक पहुंचकर मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगती थी. ऐसे मरीजोें के इलाज हेतु निजी अस्पतालोें में लाखों रूपयों का बिल आया करता था, लेकिन अब कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के लक्षण काफी हद तक सौम्य है और अस्पताल में भरती होनेवाले मरीजों की संख्या बेहद कम है. साथ ही अधिकांश मरीज अपने-अपने घरों में ही रहकर होम आयसोलेट रहते हुए डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपना इलाज करवा रहे है. जिसके चलते एक बार भले ही संक्रमितों की संख्या बढ रहीं है, पर मरीजों के इलाज पर कोई खर्च नहीं हो रहा.

दूसरी व तीसरी लहर की तुलनात्मक स्थिति

– दूसरी लहर
– अस्पतालों में – पांव रखने के लिए जगह नहीं थी और इसी लहर के दौरान एक दिन में 3400 एक्टिव पॉजीटीव मरीजों का उच्चतम स्तर भी देखा गया था. इसके चलते सरकारी व निजी कोविड अस्पतालोें में उपलब्ध 4 हजार बेड कम पडने लगे थे. इसी लहर के दौरान आसपास स्थित जिलोें सहित पडौसी राज्य मध्यप्रदेश से भी मरीज इलाज के लिए अमरावती जिले में भरती होने हेतु पहुंचे. जिससे स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था पर काम का बोझ बढ गया.

– होम आयसोलेशन – यह सुविधा 1 अगस्त 2022 से अमरावती जिले में शुरू की गई. इसके तहत यदि मरीज के घर में स्वतंत्र कमरे की व्यवस्था उपलब्ध है, तो प्रशासन की अनुमति व डॉक्टर की सलाह के तहत मरीज का घर पर ही इलाज किया जाता था. कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान करीब 30 हजार से अधिक मरीजोें का होम आयसोलेशन में ही इलाज किया गया.

– तीसरी लहर
– अस्पताल में – इस समय केवल 61 मरीज भरती है. तीसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमण के लक्षण काफी सौम्य रहने के चलते अधिकांश मरीजों का रूझान होम आयसोलेशन की ओर है. इस समय 2,828 एक्टिव पॉजीटीव मरीज है. जिसमें से केवल 61 मरीज अस्पताल में भरती है. ऐसे में फिलहाल स्वास्थ्य महकमे पर काम का कोई विशेष बोझ या तनाव नहीं है.

– होम आयसोलेशन – तीसरी लहर के दौरान अब तक पॉजीटीव पाये गये अधिकांश मरीजों को होम आयसोलेशन में रखा गया है और इस समय 2,828 एक्टिव पॉजीटीव मरीजों में से 2,767 मरीज होम आयसोलेशन में ही है. इसके अलावा इस समय बीमारी के लक्षण बेहद सौम्य रहने के चलते कई लोगबाग अपनी कोविड टेस्ट भी नहीं करा रहे. बल्कि विषाणुजन्य बुखार जैसी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से इलाज करते हुए कई लोग घर पर रहकर ही अपनी दवाई-पानी करवा रहे है.

रेमडेसिविर ने बढाया था दूसरी लहर में खर्च

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कोमार्बिड यानी विविध बीमारियों से पीडित संक्रमित मरीजों में कोविड का संक्रमण फुफ्फुस तक चले जाने की वजह से निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई देते थे. जिसके लिए रेमडेसिविर के 6 इंजेक्शन का कोर्स करना होता था और उस समय इंजेक्शन की किल्लत हो जाने की वजह से इसे दोगुना व तीनगुना अधिक दामों पर खरीदना पडता था. इसके अलावा टोसिलीजुमैब नामक इंजेक्शन भी 35 हजार रूपयों तक बेचा गया. वहीं ऑक्सिजन व वेंटिलेटर सहित अन्य कई दवाईयों का खर्च भी काफी अधिक बढ गया था.

तीसरी लहर में पीपीई कीट हुआ गायब

तीसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमित मरीजों में सर्दी-खांसी व बुखार सहित गले की खराश जैसे कुछ सौम्य लक्षण है. साथ ही यह संक्रमण कोई खास घातक भी नहीं है. ऐसे में इस समय पहले की तुलना में पीपीई कीट का प्रयोग काफी हद तक कम हो गया है. बल्कि अब मेडिकल स्टाफ द्वारा चेहरे पर डबल मास्क व हाथों में ग्लोव्ज पहनकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. साथ ही इस समय संक्रमण को लेकर डर भी काफी कम है.

सर्वसामान्यों में भी बीमारियोें को लेकर भय व चिंता हुए कम

कोविड संक्रमण की दो लहरों को देख चुके आम लोगों में अब संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर को विशेष डर नहीं देखा जा रहा. साथ ही संक्रमण के लक्षण काफी हद तक सौम्य रहने की जानकारी सामने आने पर लोगबाग बीमारी के खतरे को लेकर काफी हद तक उदासीन व निश्चिंत है. यहीं वजह है कि रोजाना ही संक्रमितों की बढती संख्या के बावजूद लोगोें में बीमारी को लेकर कोई विशेष डर नहीं है, बल्कि सभी लोग लगभग बेखौफ होकर शहर के बाजारों में बडे आराम से घुम-फिर रहे है.

कोविड संक्रमण की तीसरी रफ्तार में यद्यपि संक्रमण के लक्षण काफी हद तक सौम्य है, किंतु आगे इसका असर कैसा रहेगा, यह फिलहाल कहा नहीं जा सकता. ऐसे में सभी ने आवश्यक सावधानी व सतर्कता बरतनी चाहिए. इस समय मरीजों में सौम्य लक्षण रहने की वजह ज्यादातर मरीजों को होम आयसोलेशन में रखा जा रहा है. किंतु एक्टिव पॉजीटीव मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है, यह चिंताजनक है.
– डॉ. विशाल काले
वैद्यकीय चिकित्सा अधिकारी, मनपा

यद्यपि इस समय कोविड संक्रमित मरीजों में संक्रमण के लक्षण काफी सौम्य है, लेकिन इसके बावजूद कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना बेहद जरूरी है. जिसके तहत मास्क, सोशल डिस्टंसिंग व सैनिटाईजर के नियमों का पालन होना चाहिए. साथ ही कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के दोनों टीके लगाना भी बेहद जरूरी है. इसके अलावा संक्रमण की चपेट में आने के बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही अपना इलाज करवाना चाहिए और होम आयसोलेशन में रहने के दौरान डॉक्टरों द्वारा दिये गये निर्देश का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.
– डॉ. मंगेश काले
फिजीशियन

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