* आउटरीच उपक्रम में बोले गडकरी
* अपेडा व एग्रोविजन का उपक्रम रहा सफल
अमरावती/दि.18– विदर्भ क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है और यहां की जमीन खेती-किसानी के लिए बेहद शानदार भी है. यहीं वजह है कि, विदर्भ क्षेत्र में विभिन्न अनाजों के साथ-साथ संतरे व केले जैसे फलों तथा पानपिंपरी, पान व मूसली जैसी औषधीय वनस्पतियों का उत्पादन होता है, लेकिन इन उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बाजार उपलब्ध कराये जाने की जरूरत है, जिसके लिए सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि, खेती-किसानी के साथ अत्याधुनिक तकनीकी ज्ञान को जोडा जाये और कृषि उत्पादों को निर्यात योग्य रखने हेतु गुणवत्ता की ओर विशेष ध्यान दिया जाये. इस आशय का प्रतिपादन केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी द्वारा गत रोज अमरावती में किया गया.
अपेडा व एग्रोविजन फाउंडेशन द्वारा गत रोज स्थानीय नवाथे चौक स्थित होटल रंगोली पर्ल में विदर्भ क्षेत्र से कृषि उपज साग-सब्जी व फलों के निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु आउटरीच उपक्रम का आयोजन किया गया था. जिसकी अध्यक्षता करते हुए केंंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही अपेडा व एग्रोवीजन द्वारा चलाया जानेवाले आउटरीच उपक्रम को बेहद कारगर बताते हुए कहा कि, इस उपक्रम के जरिये विदर्भ क्षेत्र के किसानों, फल उत्पादकों तथा निर्यातकों के लिए वैश्विक स्तर पर असीम संभावनाओं के द्वार खुल जायेंगे.
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी की अध्यक्षता में आयोजीत इस कार्यक्रम में अपेडा के संचालक तरूण बजाज, एग्रोविजन फाउंडेशन के अध्यक्ष रवि बोरटकर, अपेडा सदस्य आनंद राउत व प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, विधायक प्रवीण पोटे, अपेडा के महाव्यवस्थापक नागपाल लोहकरे, कृषि सहसंचालक के. एस. मुले, एमएसएएमबी के उपव्यवस्थापक एम. एस. गवले, सीसीआरआय के संचालक डॉ. दिलीप घोष, केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय (नागपुर) के सहसंचालक डॉ. मनीष मोंढे, महाऑरेंज के कार्यकारी संचालक श्रीधर ठाकरे, नाबार्ड के संतरा निर्यातक रमेश जिचकार व प्रगतीशिल किसान आर. बी. रहाटे, डॉ. प्रशांत नांदरगीकर, रमेश मानकर व विभाग भाटिया आदि उपस्थित थे. इस समय कृषि निर्यात वृध्दि के लिए संयुक्त कार्यक्रम चलाने के संदर्भ में अपेडा व एग्रोविजन फाउंडेशन के बीच एमओयू करार भी हुआ.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता व उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, विदर्भ क्षेत्र के नागपुर, वर्धा व अमरावती जिले में संतरे का उत्पादन बडे पैमाने पर होता है, लेकिन यहां के किसानों को संतरे की कलमे मिलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में बेहतरीन नर्सरियों को शुरू किया जाना चाहिए, ताकि संतरे के पौधे बडे पैमाने पर उपलब्ध हो और संतरा बागानों की तादाद बढे. इसके अलावा विदर्भ क्षेत्र में रासायनिक खाद व कीटनाशकों का भी बडे पैमाने पर उपयोग होता है, जो इसकी वजह से यहां के उत्पादनों की विदेशों में मांग कम होती है. क्योंकि विदेशों में स्वास्थ्य सुरक्षा को सबसे प्रमुख स्थान दिया जाता है. ऐसे में क्षेत्र के किसानों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा. साथ ही खेती-किसानी करने के तरीके में भी बदलाव लाना होगा. जिससे हमारे उत्पाद भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सके.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के साथ ही कृषि क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञों ने भी अलग-अलग विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये तथा उपस्थितों का मार्गदर्शन किया. इस आयोजन में प्रास्ताविक व आभार प्रदर्शन अपेडा व एग्रोविजन फाउंडेशन के सदस्य प्रा. दिनेश सूर्यवंशी द्वारा किया गया.
* कीटनाशकों के छिडकाव हेतु ड्रोन पध्दति का हो प्रयोग
खेती-किसानी के साथ अत्याधुनिक तकनीकों को जोडे जाने पर विशेष जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि, फसलों व फलबागानों पर परंपरागत पध्दति से कीटनाशक दवाओें का छिडकाव करते समय उन दवाओें का अधिकांश हिस्सा हवा में उडकर बर्बाद हो जाता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने खेतों में ड्रोन की सहायता से कीटनाशक का छिडकाव किया. जिसके नतीजे बेहतरीन रहे, क्योंकि ऐसा करने से 70 फीसद दवाई उपयोग में आ गई और केवल 30 प्रतिशत छिडकाव ही हवा में इधर-उधर उडकर बर्बाद हुआ.
* पेट्रोल का बेहतरीन पर्याय है इथेनॉल
इस समय केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह भी कहा कि, आगामी पांच वर्षों के दौरान इंधन के तौर पर पेट्रोल की बजाय इथेनॉल का प्रयोग शुरू हो जायेगा. जिससे देश को 20 हजार करोड रूपयों का फायदा भी होगा. आज जहां पेट्रोल की कीमतें 110 रूपये के आसपास है, जो दिनोंदिन बढ भी रही है. वहीं पेट्रोल का पर्याय रहनेवाला इथेनॉल केवल 62 रूपये प्रति लीटर की दर से उपलब्ध होगा. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह भी बताया कि, पेट्रोल के मुकाबले इथेनॉॅल के बेहतर रहने का परीक्षण एक भारतीय वैज्ञानिक द्वारा किया गया है और इसका पेटेंट भी भारत के नाम ही है.
* गोबर से पेेंट बनाने का उपक्रम होगा शुरू
हमेशा ही नई-नई संकल्पनाओं को लेकर सामने आनेवाले केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने यह भी बताया कि, काटोल व गडचिरोली में गोबर से पेंट बनाने का उपक्रम शुरू किया गया है. इसे भी आनेवाले समय में किसानों द्वारा स्टार्टअप् के तौर पर अपनाया जा सकता है. जिससे किसानों को बडे पैमाने पर आर्थिक लाभ होगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, अकोला स्थित डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से क्षेत्र में 36 छोटे-बडे तालाबों का निर्माण किया गया है. जिससे आनेवाले समय में अमरावती संभाग के पांचों जिलों के साथ-साथ वर्धा जिले में भी जलकिल्लत की समस्या को दूर किया जा सकेगा और इन तालाबों के जरिये सिंचाई सुविधा में वृध्दि होगी. साथ ही उन्होंने हर गांव में एक तालाब रहने की संकल्पना को साकार करने का भी आवाहन किया.
* खारे पानी के पट्टे की तुअर का होगा निर्यात
इस समय अपने संबोधन में मंत्री नितीन गडकरी ने अमरावती जिले के खारे पानीवाले क्षेत्र में उत्पादित होनेवाली तुअर की गुणवत्ता को अन्य क्षेत्रों की तुअर की तुलना में बेहतरीन बताते हुए कहा कि, इस तुअर दाल को विदेशों में भेजने हेतु आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी. साथ ही मुर्तिजापूर में पैदा होनेवाले सीताफल को भी वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा. जिसके लिए वर्धा जिले के सिंदी में बनाये जानेवाले ड्राईपोर्ट का उपयोग किया जायेगा.