इस बार दीपावली पर जबर्दस्त महंगाई का साया
लक्ष्मीपूजन के लिए ‘लक्ष्मी’ भी हुई महंगी
* पूजा साहित्य व पटाखों के दाम आसमान पर
अमरावती/दि.29- पांच दिवसीय दीपोत्सव का पर्व आने में अब बमुश्किल आठ दिनों का समय शेष है. ऐसे में दीपावली पर्व की खरीददारी को लेकर बाजार में अच्छी-खासी गहमागहमी व भीडभाड देखी जा रही है. इसके तहत लंबे समय बाद शहर के बाजारों में रौनक लौटी है और दीपावली पर्व के लिए आवश्यक तमाम साहित्य की दुकाने सज गई है. किंतु इस वर्ष दीपावली पर काफी हद तक महंगाई का साया देखा जा रहा है और पूजा साहित्य व पटाखों सहित लक्ष्मीपूजन के लिए बेहद आवश्यक रहनेवाले झाडू के दाम भी आसमान छू रहे है.
बता दें कि, पारंपारिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली में लक्ष्मीपूजन के लिए झाडू का काफी महत्व होता है और सबसे पहले झाडू खरीदने की ही प्रथा चली आ रही है. ऐसे में इन दिनों अमरावती शहर के सभी गली-मोहल्लों में झाडू बेचनेवाले फेरी लगा रहे है. साथ ही ग्रामीण इलाकों से बडे पैमाने पर झाडू की आवक हो रही है. ज्यादातर आवक इंदौर से की जा रही है. चूंकि इस समय मालढुलाई सहित लागत खर्च बढ गया है. ऐसे में झाडू के दाम भी दरवृध्दि का शिकार हो गये है और इस समय 70 रूपयों से लेकर 100 रूपयों तक झाडू की बिक्री की जा रही है.
वहीं दूसरी ओर लक्ष्मीपूजन के लिए लगनेवाले लाही-बतासे तथा दीये व छोटे मटके सहित पूजन कार्य में प्रयुक्त होनेवाले लगभग तमाम साहित्य भी महंगाई का शिकार है और गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सभी वस्तुओं की कीमतों में करीब 25 फीसद की वृध्दि देखी जा रही है.
इसके साथ ही आतिशबाजी के बिना तो दीपावली के पर्व की कल्पना ही नहीं की जा सकती. ऐसे में इस समय हर कोई दीपावली पर्व के मद्देनजर पटाखों की भी खरीददारी कर रहा है. गत वर्ष दीपावली पर्व के समय अनेकों प्रतिबंध लागू थे. वहीं इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया का दायरा बढाते हुए कई प्रतिबंधात्मक नियमों को शिथिल कर दिया गया है. साथ ही राज्य में पटाखे चलाये जाने को लेकर भी छूट दी गई है. जिससे आम नागरिकोें में दीपावली के पर्व एवं आतिशबाजी करने को लेकर अभी से उत्साह देखा जा रहा है. किंतु इस बार पटाखों की कीमतों में भी अच्छी-खासी वृध्दि दिखाई दे रही है. एक अनुमान के मुताबिक इस बार पटाखों की कीमतों में भी करीब 20 से 25 फीसद इजाफा हुआ है. हालांकि इस बार लोगबाग पर्यावरणपूरक यानी इकोफ्रेंडली ग्रीन पटाखे फोडने को लेेकर काफी हद तक रूचि दिखा रहे है और चायना मेड पटाखों की बजाय मेड इन इंडिया पटाखों की मांग अच्छी-खासी है. इस समय बाजार में विभिन्न तरीके व आकार-प्रकार के पटाखे बिक्री हेतु उपलब्ध हो गये है. साथ ही बहुत जल्द पटाखा मार्केट सजने के साथ ही पटाखों की बिक्री में तेजी देखी जायेगी.