अमरावतीमहाराष्ट्र

लहसून पर महंगाई का तडका, दाम पहुंचे 350 रुपए किलो

बाजार में आवक घटी, देशी लहसून बाजार से गायब

अमरावती /दि.26– विगत एक माह से लहसून के भाव दिनोंदिन बढ रहे है और नवंबर माह के दौरान जिले में हुई बेमौसम बारिश की वजह से लहसून की आवक भी बेहद कम हुई. जिसके चलते इस समय बाजार में लहसून की विक्री 320 से 360 रुपए प्रतिकिलो की दर पर हो रही है. जिसकी वजह से गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के रसोईघर से लहसून नदारद हो गया है. वहीं इस समय बाजार में देशी लहसून भी उपलब्ध नहीं है. बल्कि राजस्थान, पंजाब, ओडिशा व गुजरात से लहसून मंगाया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि, लहसून को रसोईघर में सबसे महत्वपूर्ण घटक माना जाता है तथा लहसून के बिना छौंक-बघार की कल्पना ही नहीं की जा सकती. परंतु करीब 6 माह पहले 60 से 70 रुपए प्रतिकिलो की दर पर बिकने वाला लहसून इस समय 350 रुपए प्रतिकिलो की दर के आसपास बिक रहा है. जिससे गृहणियों का बजट गडबडा गया है और छौंक-बघार करना काफी हद तक महंगा हो गया है.

* 320 से 360 रुपए प्रतिकिलो
फिलहाल थोडी हलकी व छोटी गांठवाले लहसून की 320 रुपए प्रतिकिलो तथा बेहतरीन गुणवत्ता वाले लहसून की 360 रुपए प्रतिकिलो की दर पर विक्री हो रही है.

* देशी लहसून हो गया दुर्लभ
लहसून के उत्पादन में महाराष्ट्र देश में 10 वें स्थान पर है. जिसके चलते इन दिनों महाराष्ट्र में राजस्थान, उत्तर प्रदेश व गुजरात जैसे राज्यों से लहसून की आवक होती है.

* दीपावली के बाद 60 रुपए से उछले दाम
दीपावली पर्व के समय लहसून के दाम 280 से 300 रुपए प्रतिकिलो के आसपास हुआ करते थे. जो इस समय 320 से 360 रुपए प्रतिकिलो के स्तर पर जा पहुंचे है. यानि दीपावली का पर्व बीतते ही लहसून के दामों में करीब 60 रुपए प्रतिकिलो का इजाफा हुआ है.

* क्यों बढे दाम
नवंबर माह के अंतिम सप्ताह दौरान हुई बेमौसम बारिश की वजह से साग-सब्जियों की फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ था. जिसमें लहसून की फसल का भी समावेश रहा. ऐसे में उत्पादन घट जाने के चलते बाजार में लहसून की आवक भी काफी हद तक घट गई. जिसके चलते लहसून के दामों में अच्छा खासा इजाफा हो गया.

* दो माह तक दामों में रहेगी तेजी
लहसून की आवक कम रहने के चलते अगले करीब एक-दो माह तक लहसून के दामों में इसी तरह की तेजी रहेगी. लेकिन इसके बाद लहसून के दाम कुछ हद तक कम हो जाएंगे.

* कहां से होती है आवक?
लहसून के उत्पादन में महाराष्ट्र का स्थान देश में 10 वें क्रमांक पर है. जिसके चलते अमरावती शहर सहित जिले में राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, गुजरात व कर्नाटक से लहसून की आवक होती है.

* लहसून की बजाय लहसून का पेस्ट सस्ता
इस वक्त बाजार में लहसून के दाम 320 से 360 रुपए प्रति किलो के आसपास चल रहे है. जिससे गृहिणियों के किचन के बजट गडबडा गया है. ऐसे में बाजार में मिलने वाले लहसून के तैयार पेस्ट से काम चलाना पड रहा है. क्योंकि लहसून की तुलना में लहसून का रेडिमेड पेस्ट अपेक्षाकृत तौर पर सस्ता पडता है.

* बेहद गुणकारी होता है लहसून
लहसून में प्रोपील डायसल्फाइड व लिपिड नामक द्रव्य होते है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते है. साथ ही लहसून को आयुर्वेद मेें भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. सर्दी व फ्ल्यू के विषाणुओं से बचाव करने हेतु लहसून का प्रयोग करना जरुरी माना जाता है. क्योंकि लहसून से रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है. अमूमन छोटे बच्चों को एक साल के दौरान 7 से 8 बार तथा बडी उम्र के लोगों को 4 से 5 बार सर्दी होती है. ऐसे में कच्चे लहसून का सेवन करने से सर्दी व बुखार जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है.

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