अमरावती

दूध, दही, पनीर पर भी महंगाई का साया

किसानों का पूरक व्यवसाय खतरे में

* सर्वसामान्यों पर पड रहा असर
अमरावती/दि.5
– विगत कुछ दिनों से केंद्र सरकार द्वारा सर्वसामान्यों के दैनिक उपयोग में आनेवाली जीवनावश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगायी जा रही है. जिससे दुग्धजन्य पदार्थ भी अछूते नहीं है, क्योंकि दुग्धजन्य पदार्थों पर पांच फीसद जीएसटी लगायी गई है. जिसके चलते अब दुग्धजन्य पदार्थों की कीमतें भी बढ गई है. जिसका सीधा असर सर्वसामान्यों सहित दूध का पुरक व्यवसाय करनेवाले किसानों पर पड रहा है और केंद्र सरकार के इस फैसले से हर कोई प्रभावित हुआ है.
* पांच फीसद जीएसटी
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जीएसटी परिषद द्वारा कुछ खाद्यपदार्थों व अनाजों पर करों में दी गई छूट को वापिस ले लिया गया और अब पांच प्रतिशत जीएसटी को लागू किया गया है. इस फैसले के बाद पैकेट बंद दूध, दही, लस्सी व छांछ पर जीएसटी लगाया जायेगा. जिसके चलते इन दुग्धजन्य पदार्थों की कीमतें बढेगी.
* दही व छांछ 2 रूपये से महंगे
दुग्धजन्य पदार्थों का उत्पादन करनेवाली कंपनियों को दही व छांछ से सर्वाधिक आय होती है. जिनके द्वारा सीलबंद पैकेजिंग में दूध, दही, छांछ व लस्सी जैसे उत्पादों की बिक्री की जाती है. जिन पर अब जीएसटी लागू होगी. ऐसे में दही व छांछ के दाम प्रति लीटर 2 रूपये से बढ जायेंगे.
– गेहू सहित अन्य अनाज के आटे व गुड पर भी जीएसटी लागू की गई है. जिनका बडे पैमाने पर पशु खाद्य के रूप में प्रयोग भी होता है. ऐसे में दूध के दाम में भी बहुत जल्द बढने के पुरे आसार है.
* कृषि पूरक व्यवसाय पर असर
किसानों द्वारा पूरक व्यवसाय के तौर पर गाय व भैस जैसे मवेशियों का पालन किया जाता है. जिनसे प्राप्त होनेवाले दूध की शहरों में लाकर बिक्री की जाती है. साथ ही ज्यादातर दूध डेअरियों में बेचा जाता है. ऐसे में इस पूरक व्यवसाय को अब तक किसानों के लिए बेहद लाभदायक माना जाता रहा है. लेकिन अब दुग्धजन्य पदार्थों पर जीएसटी लगाये जाने के चलते इस पूरक व्यवसाय के लिए भी कई तरह की दिक्कतें पैदा हो सकती है.
* सर्वसामान्यों पर पडेगा बोझ
दुग्धजन्य पदार्थों पर पांच फीसद जीएसटी लागू किये जाने के चलते अब दुग्धजन्य पदार्थों के दामों में 2 से 3 रूपये का इजाफा होगा. जिसके चलते सर्वसामान्यों को दुग्धजन्य पदार्थों के लिए पहले की तुलना में ज्यादा पैसे अदा करने होंगे. यानी एक तरह से उनकी जेब पर अतिरिक्त भार पडेगा.

Related Articles

Back to top button