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बढती मंहगाई को लेकर लोगों में नाराजी
अमरावती/दि.27 – कोरोना महामारी के पश्चात अब बढती महंगाई ने बदहाल मध्यमवर्गीय परिवारों की मुसीबतें बढा दी है. पेट्रोल, डीजल के साथ-साथ रसोई गैस, सब्जी, दूध, खाद्य पदार्थो के भी दाम आसमान को छू रहे है. जिसके कारण हर महीने का बजट 4500 रुपए से बढकर 5 हजार रुपए तक हो गया है. बढती महंगाई के चलते पिछले एक साल से सर्वसाधारण लोगों की बचत भी बंद हो चुकी है. सामान्य परिवारों पर कर्जबाजारी की नौबत आन पडी है.
बढती महंगाई को लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. किंतु सरकार पर किसी प्रकार का असर नहीं होता दिखाई दे रहा है. खाद्य पदार्थ ही नहीं बल्कि निर्माण कार्य में लगने वाला साहित्य भी मंहगा हुआ है जिसमें गरिब व मध्यमवर्गीयों व्दारा अपने स्वयं के घर का सपना भी चूर-चूर होता दिखाई दे रहा है. सब्जी, दूध, खाद्य पदार्थो के साथ-साथ गृह निर्माण साहित्य 20 से 25 प्रतिशत महंगा हुआ है. इतना ही नहीं पहले होटलों में मिलने वाली 200 रुपए की थाली भी अब 250 रुपए की हो गई है.
रसोई गैस सिलेंडर पहुंचा हजार के करीब
पेट्रोल, डीजल, खाद्य तेल, घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम आसमान छूते दिखाई दे रहे है. वहीं रसोई गैस सिलेंडर भी अब हजार रुपए के करीब पहुंच चुका है. खाद्यतेल की किमतों में वृद्धी के कारण पहले 15 से 20 रुपए प्लेट मिलने वाला नाश्ता बडी होटलों में 30 रुपए प्लेट हो गया. दीपावली के मद्देनजर मिठाई, पेढा, चक्का, दूग्धजन्य पदार्थ भी महंगे होने से आम आदमी की कमर टूट चुकी है. इतना ही नहीं सामान्य नागरिकों की बचत भी गायब हो चुकी है.
सब्जियों के दाम भी छू रहे आसमान
पिछले कुछ दिनों से सब्जियों के भी दाम आसमान छू रहे है. जिसमें टमाटर 80 रुपए किलो, खुदरा बाजार में फूलगोबी के दाम 100 रुपए प्रति किलो है, भटे 50 रुपए किलो, पालक 80 रुपए किलो, भेंडी 60 किलो, तुरई 60 रुपए, शिमला मिर्च 70 रुपए किलो, करेला 60 रुपए, मेथी 120 रु. किलो, गवार 100 रु. किलो बेची जा रही है. पत्तागोबी, आलू, लौकी 40 रुपए किलो से बेची जा रही है. सब्जियों की किमतों में बढोत्तरी के कारण जीवनसत्व वाली सब्जियां आम आदमी से दूर हो गई है. खाद्य तेल के साथ पेट्रोल व डीजल भी महंगा हुआ है. 115 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल बिक रहा है वहीं सोयाबीन तेल प्रति किलो 140 रुपए से 150 रुपए किलो तक पहुंच चुका है.
होटल में खाना हुआ 25 फीसदी महंगा
शहर के सुविख्यात होटल व्यवसायी नमनदीप सलुजा ने बताया कि महंगाई का असर होटल व्यवसाय पर भी हुआ है. तेल सब्जियों तथा जीवनावश्यक वस्तुओं की किमतों में भारी वृद्धी के चलते होटल की थाली भी महंगी हुई है. उनके मुताबिक प्रति थाली के दाम भी बढाए गए है. जहां पहले 200 रुपए थाली में भरपेट भोजन होता था वहीं इस थाली के दाम 250 रुपए के करीब हुए है. पहले तेल का कनस्तर 1300 से 1350 रुपए में आता था अब उस कनस्तर के 2400 रुपए दाम हो चुके है. 200 रुपए कैरट मिलने वाला टमाटर 800 रुपए कैटर हो चुका है ऐसे में न चाहते हुए भी दाम बढाने के सिवाय कोई चारा नहीं है. ऐसा सुविख्यात होटल व्यवसायी नमनदीप सलुजा ने कहा.
मकान-दुकान बनाने की लागत बढी
शहर के सुविख्यात हार्डवेयर व्यवसायी संजय कुलकर्णी ने बताया है कि पिछले कुछ दिनों से निर्माण सामग्री सीमेंट, लोहा, पेंट इत्यादी की किमतों में भी वृद्धी हुई है. लोहा प्रति टन 600 रुपए बढा है वहीं 350 रुपए में मिलने वाली सीमेंट की बैग 400 रुपए की हुई है. चूना पहले 4600 रुपए था अब वह बढकर 5600 रुपए हो गया है साथ ही कलर की किमतों में भी भारी इजाफा हुआ है. मध्यवर्गीयों के लिए खुद का घर बनाना अब सपना बन चुका है. उनके मुताबिक उच्च स्तरीय कमीशन खोरी के कारण सब कुछ बेलगाम हो चुका है. जिसके चलते सर्वसाधारण लोग इसमें पीस रहे है.
महंगाई के कारण बचत गायब
बढती महंगाई के चलते लोगों की बचत गायब हो चुकी है. मजबूरी में मध्यमवर्गीय परिवार उधार लेकर अपना परिवार चला रहे है. महंगाई के चलते घरेलू बजट पूरी तरह से बिगड चुका है. प्रति माह 4500 रुपए से बढकर घर का बजट 6 हजार रुपए प्रति माह तक पहुंच चुका है. आय नहीं बढने की वजह से कुछ लोग तनाव में भी जी रहे है. जो लोग पहले कुछ बचत कर पाते थे अब बचत भी नहीं हो पा रही है.
इलाज करवाने पर होगा ज्यादा खर्च
कोरोना महामारी के कारण अनेको परिवार आर्थिक संकट में आ गए थे. परिवार के कई सदस्य कोरोना महामारी से ग्रसित थे जिनके उपचार में लाखों रुपए खर्च हुए जिसके कारण अधिकांश परिवार कर्ज बाजारी है. ऐसे में मौसम में बदलाव के कारण सर्दी, खासी, बुखार से लोग पीडित है. जिसमें दवाईयों और अस्पताल के खर्च में भी 20 फीसदी वृद्धी हुई है. लोग आर्थिक संकट के साथ मानसिक तनाव में भी है.
ऐसे बिगडा परिवार का बजट
– परिवार की कुल आय 25 हजार
सामग्री पहले अब
राशन,दूध, सब्जी 9 हजार 13 हजार
रसोई गैस 700 924
पेट्रोल, डीजल 30 हजार 5 हजार
बहार खाना 2500 3 हजार
मोबाइल रिचार्ज 1 हजार 1200
अन्य खर्च 1500 2 हजार
कुल 17700 25125
बचत 7300 125
कंपनियां भी पीछे नहीं
महंगाई से परेशान लोगों के साथ दगा करने में कंपनियां भी पीछे नहीं है. कंपनियों व्दारा कीमतें नहीं बढाई गई किंतु साबुन, शेम्पु, दूथपेस्ट, कपडे धोने का साबुन का वजन कंपनियों व्दारा कम कर दिया गया है.