अमरावती

लंबे अरसो से प्रलंबित सिंचाई परियोजनाओं की मांगी जानकारी

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्देश

मुंबई./दि. १५ – राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने प्रदेश की पांच हजार करोड़ रूपये से ज्यादा लागत वाली सिंचाई परियोजनाओं और प्रलंबित सिंचाई परियोजनाओं के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ५ हजार करोड़ रूपये से ज्यादा बजट की वो परियोजनाएं जिनका काम पूरा होने की स्थिति में है और जो परियोजनाएं पर्यावरण की अनुमति या फिर अन्य कारणों से प्रलंबित हैं ऐसी सभी परियोजनाओंं के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएं. सोमवार को राजभवन में राज्यपाल की मौजूदगी में बुलढाणा के नांदुरा तहसील के जिगांव सिंचाई परियोजना के संबंध में बैठक हुई. जिसमें प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने राज्यपाल से जिगांव परियोजना के लिए अतिरिक्त निधि हेतु विशेष प्रावधान करने की मांग की. पाटिल ने कहा कि राज्यपाल के सिंचाई अनुशेष के लिए आरक्षित निधि के अलावा अतिरिक्त निधि का प्रावधान किया जाए. जिससे यह परियोजना पूरा हो सके. इस पर राज्यपाल ने सकरात्मक प्रतिसाद दिया. इसी बीच राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की सिंचाई परियोजनाओं को गति देने की दृष्टि से कुछ परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित की जा सकती है क्या इस बारे में पता लगाए. वहीं प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री पाटिल ने कहा कि बुलढाणा जिले के अनुशेष को दूर करने के लिए जिगांव परियोजना को गति देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जिगांव परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और पुनवर्सन के लिए ४९०६.५० करोड़ रूपये की अतिरिक्त निधि की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिगांव परियोजना के कारण बुलढाणा की सिंचाई क्षमता १९ प्रतिशत से बढ़कर २५ प्रतिशत हो जायेगी. इस दौरान प्रदेश के अन्न व औषधिा प्रशासन मंत्री डॉ. राजेन्द्र शिंगणे ने राज्यपाल को राजमाता जिजाऊ की जन्मस्थली सिंदखेडराजा में आने का निमंत्रण दिया. जिससे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया.

क्या है जिगांव सिंचाई परियोजना
राज्यपाल के सिंचाई अनुशेष को दूर करनेवाली योजना में जिगांव परियोजना शामिल.
विदर्भ के सूखा प्रभावित ओर किसान आत्महत्याग्रस्त क्षेत्र की यह परियोजना है.
बुलढाणा जिले की सिंचाई अनुशेष दूर करने के लिए परियोजना बहुत महत्वपूर्ण हैे.

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