अमरावती

शुरूआत में टीकाकरण केंद्रों पर था सन्नाटा

अब भीडभडक्का

  • अब दूसरी लहर के दौरान टीकाकरण को लेकर गलत फहमियां हुई दूर

अमरावती/दि.2 – कोविड टीकाकरण शुरू होने के समय लगभग सभी टीकाकरण केंद्रों पर काफी कम भीडभाड हुआ करती थी. किंतु दूसरी लहर के दौरान सभी की गलतफहमियां दूर हो गयी और अब टीकाकरण केंद्रों पर होनेवाली भीडभाड को नियंत्रित करने में काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. साथ ही जिले में वैक्सीन की किल्लत रहने के चलते चार-चार दिन टीकाकरण केंद्रों को बंद रखने की नौबत प्रशासन पर आ रही है. इसके अलावा जिस दिन वैक्सीनेशन शुरू रहता है, उस दिन टीकाकरण केंद्रों के सामने सुबह 4 बजे से नंबर लगाने हेतु कतारें लग जाती है. साथ ही शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर नंबर लगाने और टोकन मिलने में आ रही दिक्कतों के चलते शहरी क्षेत्र के नागरिक ग्रामीण क्षेत्रों के टीकाकरण केंद्रों की ओर दौड लगा रहे है.
बता दें कि, अमरावती जिले में 16 जनवरी से कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण अभियान की शुरूआत 6 टीकाकरण केंद्रों से हुई थी और अब कुल 136 टीकाकरण केंद्र कार्यरत है. शुरूआती दौर में प्रत्येक टीकाकरण केंद्र में रोजाना 100 लाभार्थियों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाये जाने का लक्ष्य तय किया गया था. किंतु यह लक्ष्य उस समय बडी मुश्किल से पूरा हुआ करता था, क्योंकि लोगबाग डर की वजह से कोविड प्रतिबंधात्मक टीका लगाने हेतु आगे नहीं आते थे. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड टीकाकरण को लेकर व्यापक जनजागृति की गई और टीकाकरण के लिए पांच अलग-अलग चरण तय किये गये. जिसके तहत हेल्थ लाईन वर्कर्स व फ्र्रंट लाईन वर्कर्स के बाद 60 वर्ष से अधिक आयुवाले नागरिकों सहित 45 वर्ष से अधिक आयुवाले बीमार व्यक्तियों हेतु टीकाकरण शुरू किया गया. चौथे चरण में 45 वर्ष से अधिक आयुवाले सभी नागरिकों तथा पांचवे चरण में 18 से 44 वर्ष आयुगुटवाले नागरिकोें के लिए टीकाकरण की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी. इस हेतु ऑनलाईन पंजीयन प्रक्रिया के साथ ही टोकन सिस्टम की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी. जिसके चलते सभी टीकाकरण केंद्रों पर रोजाना 4-5 बजे से ही नंबर लगाने हेतु लाभार्थियों की कतार लगती है.
इस समय जहां एक ओर अधिक से अधिक लोग कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाने के इच्छूक है, वहीं दूसरी ओर जिले में अब वैक्सीन की आपूर्ति का नियोजन गडबडा गया है. जिला स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा 4 लाख वैक्सीन की मांग की गई है. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीच-बीच में 10 से 15 हजार वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराये जाते है. जिसकी वजह से जिले के आधे से अधिक केंद्रों को बंद करने की नौबत आन पडी है.

टीकाकरण को लेकर यह थी गलतफहमिया

टीकाकरण अभियान के शुरूआती दौर में कई तरह की गलतफ हमिया थी. जिनमें कहा जा रहा था कि महिलाओं का मासिक धर्म शुरू रहते समय वैक्सीन नहीं ली जा सकती. किंतु इस संदर्भ में स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा स्थिति स्पष्ट किये जाने के चलते अब टीकाकरण में महिलाओं का प्रतिक्षत बढने लगा है. इसके अलावा जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में सबसे अधिक गलतफहमिया थी. इस बारे में वहां के अधिकारियों, राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये प्रयासों के चलते अब मेलघाट में भी स्थिति बदली हुई है. इसके साथ ही कई लोगों में यह गलतफहमी भी थी कि, इस टीकाकरण की वजह से बांझपन व नपुंसकता जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है. इस बारे में जिला व स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा संबंधित क्षेत्रों के लोगों से संवाद साधा गया. जिसके बाद अब कहीं जाकर टीकाकरण का प्रतिशत बढा है.
टीकाकरण के शुरूआती दौर में नागरिकों का प्रतिसाद कुछ कम था. किंतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार जनजागृति करने के बाद अब प्रतिसाद बढा है. किंतु मांग की तुलना में वैक्सीन की आपूर्ति कम रहने के चलते यह अभियान काफी सुस्त गती से चल रहा है.

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