* देश के चुनिंदा शहरों में होड
* पर्यावरण मंत्रालय की स्पर्धा से होंगे अनेक कार्य
अमरावती/दि. 12 – अंबानगरी दो वर्ष पहले अपनी कैटेगरी के शहरो में आबोहवा के मामले में अव्वल रही थी. राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था. अब अंबानगरी की कार्पोरेशन ने पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्पर्धा में सहभागी होकर यहां की आबोहवा पूरी तरह स्वच्छ करने और उससे भी महत्वपूर्ण कार्बन उत्सर्जन भी झीरो करने की ठानी है. हालांकि सहायक आयुक्त महेश देशमुख ने बताया कि, अभी सबकुछ प्राथमिक स्टेज पर है. आनेवाले दिनों में ढेर सारे काम करने पडेंगे. तब जाकर झीरो इमिशन का लक्ष्य पूर्ण किया जा सकेगा. अमरावती की जलवायु अच्छी करने के प्रयास होंगे.
* सडक के दोनों ओर पेवींग ब्लॉक
महेश देशमुख ने बताया कि, देश के अत्यंत गिनती के शहरों में अमरावती है. जिसने पर्यावरण मंत्रालय की स्पर्धा में खुद होकर भाग लिया है. यहां कार्बन उत्सर्जन कम करने के वास्ते और आबोहवा स्वच्छ रखने के लिए काफी कदम उठाएं जा चुके हैं. सडक के दोनों ओर पेवींग ब्लॉक लगाए जा रहे हैं. स्ट्रीट लाइट को एलइडी में बदला जा रहा है. सबसे महत्वपूर्ण पेड-पौधे लगाने पर जोर है.
* इस वर्ष एक लाख पौधे
महेश देशमुख ने बताया कि, अमरावती मनपा ने बीते वर्ष 75 हजार पौधारोपन किया था. जिसमें से 48 हजार पौधे जीवित है और बढ रहे हैं. इस बार बारिश का सीजन शुरु हो गया है. एक लाख पौधे लगाए जाने है. यहां के लोगों को पौधे नि:शुल्क वितरीत होंगे. मनपा चाहती है कि, शहर में जगह-जगह हरियाली के स्थान विकसित हो. देशमुख ने कहा कि, एक घर, एक पेड अभियान भी मनपा चलाएगी.
* सडकें होगी तत्पर रिपेयर
धूलकण कम करने के लिए शहर की प्रमुख सडको को गड्ढामुक्त रखा जाना भी आबोहवा स्वच्छ करने का मुद्दा है. इस पर मनपा विशेष ध्यान देगी. सडको पर गड्ढे होने की स्थिति में उनकी तत्पर मरम्मत होगी. देशमुख ने बताया कि, गलियों की सडको को अच्छी करने के साथ वहां भी धूल को पनपने का मौका न देते हुए पेवींग ब्लॉक लगाए जाएंगे. कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए मनपा सहित शासकीय इमारतों पर अपारंपारिक उर्जा स्त्रोत का उपयोग होगा.
* भवनों पर सोलर पैनल
सहायक उपायुक्त देशमुख के मुताबिक अधिकांश सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाकर उर्जा के नवीकरणीय उपयोग में लाए जा रहे है. शालाओं और निजी इमारतों पर भी सोलर पैनल के लिए जोर दिया जाएगा. इससे कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाने में काफी मदद होती है. बिजली के अपारंपारिक स्त्रोत के उपयोग पर बल दिया जाएगा. एलइडी बल्ब का उपयोग बढाया जाएगा.