उच्च शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तनों के लिए पहल की जाए
शैक्षिक महासंघ का महामहिम राज्यपाल रमेश बैस सेे अनुरोध
* कहा-नविनतम प्रकल्प हेतु छात्र एवं प्राध्यापकों को मिले विशेष संशोधन अनुदान
अमरावती/दि.21-राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए देश भर में विभिन्न स्तरों पर अत्यंत गतिशील और परिणामकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. महाराष्ट्र राज्य में इस नीति के लिए अनुकूल परिस्थितियां निर्माण करने के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ निरंतर प्रयासरत है और इसी भूमिका से शिक्षा नीति को लागू करने वाले हर घटक के लिए उपयोगी सिद्ध होने वाले परिवर्तन लाने के लिए उच्च शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महामहिम राज्यपाल रमेश बैस से शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में मुलाकात की और विस्तृत चर्चा की.
इस बैठक में लंबी चर्चा के दौरान महासंघ ने महाराष्ट्र राज्य के लिए अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तनों के प्रस्ताव पेश किए. महाराष्ट्र सरकार की शिक्षा नीति के निर्णयों के अनुसार, यह पाया गया कि सहयोगी कॉलेजों में वास्तविक अर्थों में अंतर-विषयक शिक्षा को बढ़ावा नहीं मिल रहा है. अंतर-विषयक शिक्षा के वैश्विक प्रवाह में महाराष्ट्र के कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अगर केवल एक विषय लेकर अपनी डिग्री पूरी करते हैं, तो भविष्य में उनके सामने बड़ी चुनौतियाँ खड़ी होंगी. इसलिए, हमारे युवाओं को दो से तीन विषयों का आधारभूत स्तर पर अध्ययन करने के बाद, उन्हें एक मुख्य विषय चुनकर डिग्री प्राप्त करनी चाहिए, और इसी तरह माइनर विषय में भी स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए, इसके लिए 24 क्रेडिट की व्यवस्था बनाने की मांग की गई. शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों की 100% नियुक्तियों, कॉलेजों को अनुदान इत्यादि की मांग की गई. केंद्रीय स्तर पर होने वाले नीतिगत निर्णयों की राज्य में कार्यान्वयन में देरी से विद्यार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसके लिए एक प्रभावी चार्टर प्रणाली तैयार करने, विश्वविद्यालयों से संबंधित प्राध्यापकों की राज्यपाल कार्यालय में आने वाली शिकायतों, न्यायालयीन आदेशों पर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया गया. चर्चा दौरान शैक्षिक महासंघ के महाराष्ट्र प्रांत के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप खेडकर और महासचिव डॉ. वैभव नरवडे के नेतृत्व में डॉ. ए पी कुलकर्णी, डॉ. शेखर चंद्रात्रे, डॉ. कल्पना पांडे, डॉ. पवार का प्रतिनिधिमंडल शामिल था.
* महासंघ द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव
इस चर्चा में महासंघ ने कॉलेजों में अनुसंधान के लिए उपयुक्त वातावरण निर्माण के लिए प्रेरणादायी दो प्रस्ताव पेश किए. मुख्य रूप से, राज्यपाल पुरस्कृत अविष्कार फेस्टिवल के संदर्भ में एक प्रस्ताव पेश किया गया. इसमें, प्रत्येक कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में विशेष प्रोजेक्ट अनुदान देने, प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अविष्कार स्पर्धा में सफल अनुसंधानकर्ताओं को उद्योजकों के साथ जोड़ने और विद्यार्थियों की नवीन संकल्पनाओं से उद्योग निर्माण की दिशा में प्रभावी अविष्कार फेस्टिवल का आयोजन की योजना प्रस्तुत की गई.
इसी तरह, अनुसंधान प्रोजेक्ट्स के लिए विद्यार्थियों और शिक्षकों को विशेष अनुदान राज्यपाल निधि से प्रदान करने की क्रांतिकारी योजना को महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा कार्यान्वित करने का अनुरोध किया गया, और एक विशेष योजना प्रस्तुत की गई.