अमरावतीमहाराष्ट्र

दूध बढाने दिए जाते है ऑक्सीटोसीन के इंजेक्शन

स्वास्थ के लिए होता है बेहद हानिकारक

अमरावती /दि. 17– गाय व भैंस के दूध देने की क्षमता बढाने हेतु कई बार मवेशी पालकों द्वारा ऑक्सीटोसीन नामक इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है. ताकि गाय व भैंस से ज्यादा दूध का उत्पादन लिया जा सके. परंतु इस तरह से हासिल किया गया दूध स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में इस इंजेक्शन की बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने के साथ ही इस इंजेक्शन का प्रयोग कर दूध उत्पादन करनेवाले पशुपालकों के खिलाफ एफडीए द्वारा कार्रवाई किए जाने की सख्त जरुरत है.

* अपर्याप्त मनुष्यबल के चलते नहीं हो पा रही कार्रवाई
अमरावती में औषधि प्रशासन विभाग के पास पर्याप्त मनुष्यबल नहीं है. जिसके चलते पशु वैद्यकीय दवाओं की बिक्री करने के काम में काफी दिक्कते व समस्याएं सामने आती है. ऐसे में औषध निरीक्षक के पदों पर जल्द से जल्द भर्ती किए जाने की जरुरत है.

* ऐसा दूध होता है हानिकारक
दूध में ऑक्सीटोसीन का अत्यल्प प्रमाण होता है. परंतु यह थोडा प्रमाण ही स्लो पॉयजनिंग का काम करता है. 6 माह से अधिक समय तक ऐसे दूध का सेवन करने पर उच्च रक्तदाब, मुत्रविकार, थकान, दृष्टिदोष व बहरेपण का खतरा होता है.

* कैसे मिलता है ऑक्सीटोसीन का इंजेक्शन
सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पशु पालकों तक ऑक्सीटोसीन का इंजेक्शन नियमित रुप से पहुंचता है. ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन तैयार करनेवाली कंपनियों के प्रतिनिधि खुद मवेशी पालकों तक इस इंजेक्शन को पहुंचाते है और इस इंजेक्शन के ‘एम्पल’ (छोटी शिशी) पर वैलिडीटी, बैच नंबर व एक्सपायरी डेट को लेकर कोई लेबल भी नहीं होता.

* कहां करे शिकायत
दूध में ऑक्सीटोसीन का प्रमाण पाए जाने पर अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के पास शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. शिकायत प्राप्त होने पर एफडीए द्वारा ऐसे मामले में तत्काल कार्रवाई की जाती है.

क्यों होता है इंजेक्शन का प्रयोग
किसी आपाद स्थिति में जानवरों के हार्मोन्स को कृत्रिम पद्धती से बढाने हेतु ऑक्सीटोसीन के इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है. परंतु पशुपालकों द्वारा दूध उत्पादन में वृद्धि होने हेतु इस इंजेक्शन का प्रयोग किए जाने का संदेह जताया जा रहा है.

सात मेडीकल स्टोर्स के लाईसेंस निलंबित
एफडीए द्वारा 7 अप्रैल से 31 दिसंबर 2024 तक अलग-अलग कारणों के चलते 7 मेडीकल स्टोर्स के लाईसेंस अमरावती जिले में निलंबित किए जाने की जानकारी सामने आई है.

* मेडीकल स्टोअर्स की नियमित जांच-पडताल की जा रही है. जहां पर ऑक्सीटोसीन की खेप नहीं पाई गई. इसके चलते उसे लेकर कोई बडी नहीं हुई है. इसके अलावा पशुपालकों पर भी एफडीए द्वारा नजर रखी जा रही है.
– भाऊराव चव्हाण
प्रभारी सहायक आयुक्त, एफडीए.

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