अमरावती

फिनले मिल फायदे में रहने के बावजूद भी कामगारों पर अन्याय

मिल प्रशासन व्दारा की जा रही कामगारों की अनदेखी

  • पूर्व राज्यमंत्री वसुधा देशमुख ने लगाया आरोप

अमरावती/दि.7 – अचलपुर तहसील का एकमेव उद्योग विदर्भ मिल जिसे पूर्व राज्यमंत्री वसुधा देशमुख ने संजीवनी देते हुए मुंबई स्थित फिनले मिल को अचलपुर शहर में प्रस्थापित किया. जिसकी वजह से अनेको लोगों को रोजगार यहां प्राप्त हो रहा है. कामगारों के परिश्रम से एनटीसी व्दारा संचालित फिनले मिल फायदे में है ऐसे में मिल को बंद कर फिनले मिल प्रशासन जानबूझकर कामगारों पर अन्याय कर रही है ऐसा आरोप राज्यमंत्री वसुधा देशमुख ने प्रशासन पर लगाया.
राष्ट्रीय वस्त्र उद्योग मंडल से संलग्न फिनले मिल के कर्मचारियों के प्रश्न पिछले कई सालों से प्रलंबित है. उनकी मूलभूत मांगों की अनदेखी की जा रही है. कर्मचारियों को नियमित रुप से वेतन नहीं दिया जा रहा. एनटीसी व्दारा इन कामगारों की अनदेखी की जा रही है अब पुन: मिल को बंद कर दिया गया है जिसमें कामगारों को मिल की चिमनी पर चढकर आंदोलन करना पड रहा है यह शोकांतिका है. इसके लिए फिनले मिल प्रशासन जवाबदार है. कामगारों को न्याय दिया जाए ऐसी मांग पूर्व राज्यमंत्री वसुधा देशमुख व्दारा की गई.
पूर्व राज्यमंत्री वसुधा देशमुख ने साल 2010-11 में तत्काली राष्ट्रपती प्रतिभा पाटिल, तत्कालीन केंद्रीय वस्त्र उद्योग मंत्री शंकरसिंग वाघेला तथा राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख से भेंट कर विदर्भ मिल को पुन: शुरु किए जाने की विनंती की थी. वसुधा देशमुख व्दारा किए गए प्रयासों से बंद पडी मिल पुन: शुरू कर दी गई. मिल में 900 कर्मचारियों को रोजगार प्राप्त हुआ. राष्ट्रीय वस्त्र उद्योग मंडल से संलग्न फिनले मिल शुरुआत से ही फायदे में रही है. हर साल 11 से 12 करोड रुपए का मुनाफा मिल को हुआ है.
राष्ट्रीय उद्योग महामंडल से संलग्न अन्य मिलों में घाटा होने की वजह से उन मिलों को बंद करने का निर्णय वस्त्र व उद्योग मंडल व्दारा लिया गया. जिसमें फिनले मिल का समावेश करना दुर्दैवी है और यह हेतु पुरस्कृत किया जा रहा है ऐसा दिखाई दे रहा है. फिनले मिल शुरु करते समय राष्ट्रीय वस्त्रउद्योग मंडल से जो करार किया गया था उसमें क्षेत्र के किसानों व्दारा कपास की फसल की खरीदी का आश्वासन दिया गया था. किंतु यहां का कापास भी नहीं खरीदा जा रहा. एनटीसी व्दारा आज तक भी किसानों को धागा बनाने के लिए जो कपास चाहिए उसके लिए बीज भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे है.
एनटीसी व्दारा बीज उपलब्ध करवाए गए तो परिसर के किसान फिनले मिल को अपना कपास बेच सकते है. यदि राष्ट्रीय वस्त्रद्योग मंडल 4 करोड रुपए उपलब्ध करवाता है तो फिनले मिल फिर से शुरु हो सकती है. कोरोना काल में मिल को 18 करोड रुपए का नफा हुआ किंतु फिर भी कामगारों को वेतन नहीं दिया गया. जानबूझकर मिल प्रशासन कामगारों की अनदेखी कर रहा है ऐसा आरोप पूर्व राज्यमंत्री वसुधा देशमुख ने फिनले प्रशासन पर लगाया और तत्काल मिल शुरु किए जाने की मांग की व आवश्यकता पडने पर आंदोलन किए जाने का भी इशारा फिनले मिल प्रशासन को दिया.

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